कब्जा छुड़वाने पहुंची प्रशासनिक टीम पर पथराव: JCB के आगे लेटे लोग, पुलिस ने हिरासत में लिया (VIDEO)
punjabkesari.in Saturday, Jul 20, 2024 - 06:00 PM (IST)
फतेहाबाद (रमेश भट्ट): फतेहाबाद के रतिया में नगर पालिका की जमीन पर वर्षों से चल रहे कब्जे को शनिवार को भारी पुलिस बल सहित प्रशासनिक टीमें कब्जा छुड़वाने पहुंची। इस दौरान यहां कच्चे मकान बनाकर रह रहे परिवारों ने विरोध शुरू कर दिया और लोग जेसीबी के आगे लेट गए। बहुत ही जल्दी विरोध इतना तेज हो गया कि लोगों ने प्रशासनिक टीम पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। एक गाड़ी के शीशे भी टूट गए। जिस पर पुलिस की टीम ने लोगों को रोकना शुरू किया, लोग नहीं रुके तो फिर 10-12 लोगों को हिरासत में ले लिया गया। बाद में डीएसपी संजय बिश्नोई मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें 15 दिन का समय देने और दूसरी जगह अलॉट करने की मांग रखी। जिस पर DSP ने प्रशासन तक ये मांग पहुंचाने का आश्वासन दिया तो विरोध समाप्त हुआ। फिल्हाल कब्जा हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार अग्रवाल धर्मशाला के सामने 3 मनाल 3 मरले नगरपालिका की जमीन पर वर्षों पर पहले कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले परिवार आकर रहने लगे। अब यहां पर कच्चे मकान बन गए। 2014 में हुड्डा सरकार के दौरान ये जमीन सरकार द्वारा अरोड़वंश समाज को अलॉट कर दी गई तो समाज की सभा ने कलेक्टर रेट भी भर दिया था। जिसके बाद अब नगर पालिका को ये जमीन खाली करवानी थी। आज ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अशोक कुमार, सिटी एसएचओ जय सिंह, सदर एसएचओ ओमप्रकाश, नगरपालिका सचिव संदीप कुमार, एमई सुनील लांबा की टीम पुलिस फोर्स व जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची तो लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया।
लोगों ने किया पथराव
महिलाएं उनके कच्चे मकान न तोडने की गुहार लगाने लगी। प्रशासनिक टीमें आगे बढ़ी तो लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस बल कार्रवाई को आगे आया। बताया जा रहा है कि एक दो महिलाओं को हल्की चोटें लगी तो वहीं दो-तीन पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें लगी हैं। एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके बाद लोग जेसीबी के आगे लेटकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसके बाद DSP संजय बिश्नोई वहां आए और उन्होंने लोगों से बात कर उन्हें समझाया। लोगों ने फिल्हाल 15 दिन का समय और उन्हें कहीं ओर जमीन अलॉट करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार वर्षों से यहां काबिज हैं, उनकी आय के साधन भी नहीं है, इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए, उन्हें यह जमीन दी जाए या फिर कहीं ओर जमीन रहने को दी जाए। फिलहाल आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ है।
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