फसल खराब होने का मामला: सरकार को घटिया कीटनाशक इस्तेमाल होने का शक, सैंपलिंग के दिए आदेश

punjabkesari.in Wednesday, Sep 09, 2020 - 11:30 AM (IST)

फतेहाबाद (रमेश): हरियाणा में सफेद मक्खी और अन्य बीमारियों सहित बेमौसम बरसात की वजह से खराब हुई हजारों एकड़ फसल के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों द्वारा बवाल मचाने के बाद सरकार को बड़े पैमाने पर फसल खराब होने के पीछे प्रदेश में घटिया स्तर की कीटनाशक की बिक्री होने का शक है। इसलिए सरकार ने कृषि विभाग को हरियाणा में बेची जा रही विभिन्न कंपनियों की कीटनाशक दवाओं की सैंपलिंग के आदेश दिए हैं।

कृषि विभाग ने अलग-अलग टीमें बनाकर प्रदेश भर में उन क्षेत्रों में कीटनाशक दवाओं के सैंपल लेने का अभियान शुरू किया है जहां सबसे अधिक फसलें खराब हुई हैं। सबसे अधिक फसल खराब होने की मार झेल रहे फतेहाबाद जिले में कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रामप्रताप सिहाग की टीम ने सैंपलिंग अभियान चलाया और विभिन्न कंपनियों की कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए। फतेहाबाद में मीडिया से बात करते हुए कृषि विभाग के ज्वाइंट डायरेक्टर रामप्रताप सिहाग ने बताया कि घटिया कीटनाशक की बिक्री की संभावना होने के बाद सैंपलिंग अभियान चलाया गया है।

पिछले दिनों फतेहाबाद सहित हरियाणा के कई जिलों में नरमा कपास ग्वार और मूंग सहित कई खरीफ फसलें बड़े पैमाने पर सफेद मक्खी व अन्य बीमारियों के कारण खराब हो गई थी जिसके चलते किसी कीटनाशक दवा के गलत प्रभाव के कारण यह फसलें खराब ना हुई हो इस बारे में जांच पड़ताल के लिए कीटनाशक दवाओं के सैंपल लिए जा रहे हैं। सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गए हैं और जांच रिपोर्ट में अगर कोई कीटनाशक दवा घटिया क्वालिटी की या मिस ब्रांड मिलती है तो उस कंपनी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। ज्वाइंट डायरेक्टर ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई दुकानों पर कीटनाशक दवाई बिकती हैं लिहाजा गांव में भी सैंपलिंग अभियान चलाया जाएगा।


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Isha

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