भूमि हस्तांतरण से डीड के पंजीकरण पर अस्थायी रोक, सरकार को मिल रही थी भ्रष्टाचार की शिकायतें
punjabkesari.in Thursday, Jul 30, 2020 - 06:18 PM (IST)
चंडीगढ़ (बंसल): हरियाणा सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से एक प्रौद्योगिकी और डाटा-आधारित तंत्र का निर्माण करने के लिए अंतरिम उपाय के रूप में रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 (1908 का 16) के तहत अल्प अवधि के लिए 22 जुलाई, 2020 से भूमि हस्तांतरण से संबंधित विलेख (डीड) के पंजीकरण पर अस्थायी रूप से रोक लगाने का निर्णय लिया है।
वित्त आयुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजय वर्धन ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से भूमि हस्तांतरण के विलेखों के पंजीकरण के लिए मौजूदा तंत्र में भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर कड़ा संज्ञान लेते हुए यह निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि उक्त निर्णय के अनुसार राज्य में उप-पंजीयक / संयुक्त उप-पंजीयक द्वारा 22 जुलाई, 2020 से 29 जुलाई, 2020 तक खंड 6 में निर्दिष्ट के अलावा जमीन हस्तांतरण के विलेख का पंजीकरण नहीं होगा। खंड (2) और खंड (3) में निॢदष्ट भूमि के संबंध में पंजीकरण की अनुमति 30 जुलाई, 2020 से दी जाएगी।
सभी ई-अप्वाइंटमैंट तुरंत प्रभाव से रद्द
विजय वर्धन ने स्पष्ट किया कि उपरोक्त से संबंधित सभी ई-अप्वाइंटमैंट तुरंत प्रभाव से रद्द कर दी गई हैं और इस संबंध में नई तारीखें प्राथमिकता के आधार पर दी जाएंगी। हालांकि, इन मामलों में जहां ई-स्टा प चालान (जी.आर.एन.) सृजित किए गए हैं, जिनकी वैद्यता 180 दिनों की होती है, और यह 22 जुलाई, 2020 से 17 अगस्त, 2020 के मध्य समाप्त हो रही है, तो ऐसे चालानों की वैद्यता 30 दिनों के लिए बढ़ा दी जाएगी।
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