किसानों का बहा खून व्यर्थ नहीं जाएगा: शमशेर सिंह गोगी
punjabkesari.in Wednesday, Oct 06, 2021 - 08:53 AM (IST)
चंडीगढ़ (धरणी) : चौधरी बीरेंद्र सिंह डूमरखा के बेहद नजदीकी दोस्त असंध से कांग्रेसी विधायक शमशेर सिंह गोगी ने अपने मित्र को सलाह दी है कि लखीमपुर खीरी घटनाक्रम के बाद भी अगर वह बीजेपी में रहे तो उन्हें भारी नुकसान होगा। आज किसानों के मसीहा चौधरी छोटूराम की आत्मा ऊपर परमात्मा के दरबार में रो रही होगी कि मेरे परिवार वाले कहां खड़े हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी बिरेंदर सिंह एक अच्छे आदमी हैं। लेकिन कुछ ऐसी परिस्थितियां बनी कि वह पार्टी छोड़ कर चले गए। लेकिन आज भी उनसे मेरे निजी ताल्लुकात हैं और बातचीत होती रहती है।
गोगी ने गठबंधन सरकार के 2 साल पूरे होने पर भी बड़ा बयान देते हुए कहा है कि आज जननायक जनता पार्टी का खुला दरबार चल रहा है। जब भी भाजपा वाले इनके दरबार को चेक करने की कोशिश करेंगे तो जेजेपी भाग जाएगी और सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि जेजेपी को अभी जननायक चौधरी देवी लाल दिखाई नहीं दे रहा। उनके उपदेश सुनाई नहीं दे रहा। इतने बड़े महापुरुष की कोई याद नहीं आ रही। जिस दिन भाजपा वाले उनके इस धंधे को चेक करेंगे। उसी दिन जजपा भाजपा के साथ नहीं रहेगी। यानि उन्होंने यह साफ आरोप गठबंधन सरकार पर लगाया है कि जजपा पार्टी बड़े घोटाले भाजपा की क्षय पर कर रही है।
शमशेर सिंह गोगी ने 10 अक्टूबर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यक्रम विपक्ष आपके समक्ष में शामिल होने से साफ इंकार करते हुए कहा है कि मेरे पास आज तक इस कार्यक्रम का न्योता नहीं आया है। हालांकि मैं करनाल जिले का एकमात्र विधायक हूं और कार्यक्रम की शुरुआत भी करनाल से होनी तय हुई है। लेकिन यह कांग्रेस को नुकसान करने का प्रोग्राम है। मैं उस में नहीं जाऊंगा। गोगी ने कहा कि मैं उस मीटिंग में मौजूद था। जब कार्यक्रम तय हुआ था। लेकिन मेरी बात सुनकर ही शायद करनाल से शुरुआत करने की बात कही गई। इसमें शामिल नहीं होऊंगा। क्योंकि प्रदेशाध्यक्ष से बातचीत होने के बाद ही प्रोग्राम होना चाहिए था। विपक्ष आपके समक्ष कार्यक्रम अन्य कामों को छोड़कर की बजाय हमें ऐलनाबाद उपचुनाव को जीतना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें चुनाव की तरफ ध्यान देना चाहिए।
शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि मैं इस देश की जनता को एक संदेश देना चाहता हूं कि हमारे देश में संविधान और लोकतंत्र खत्म हो चुका है। संविधान की लेने वाले गृह राज्य मंत्री कोई बयान देता है लेकिन प्रधानमंत्री चुप है। अंग्रेजी हुकूमत के वक्त प्रदर्शन करने वाले लोगों पर घोड़े चढ़ा दिए जाते थे। लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि आज घोड़ों की बजाय गाड़ियां चढ़ाई जा रही है। इससे यह साफ है कि लोकतंत्र के मंदिर में माथा टेकने वाले प्रधानमंत्री केवल लोगों को भावुक कर रहे थे। लोकतंत्र में उनका विश्वास नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी शेर की बच्ची है। शेरनी की तरह वहां लड़ी और आगे भी लड़ती रहेगी। लेकिन ऐसा कौन सा कानून है कि बिना किसी एफ आई आर- बिना किसी आर्डर के 28 साल तक हिरासत में रखा गया। जबकि देश के कानून के अनुसार 24 घंटे में कोर्ट में पेश करना चाहिए। क्या ऐसे मामले में देश की ज्यूडिशरी सो रही है। आज इस देश में तानाशाही हिटलर शाही चल रही है। यह वक्त एमरजैंसी से भी बुरा वक्त देश पर सवार है। इमरजेंसी के वक्त कुछ अच्छे काम भी हुए। अगर देश वक्त रहते नहीं जागा तो न तो संविधान बचेगा न हीं लोकतंत्र। अगर यह नहीं बचे तो भारत भी नहीं बचेगा।
शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि यह जो किसानों का खून बहाया गया है। यह व्यर्थ नहीं जाएगा। भगत सिंह ने देश की आजादी की लड़ाई लड़ी तो उस वक्त एक लाइन लिखी गई थी ''जिथे डुलदा है खून शहीदा दा - तकदीर बदलदी है कोमा दी '' यह किसान का खून देश की तकदीर को बदल कर रख देगा। सत्ता में बैठे ऐसे देशद्रोही लोगों को उखाड़ कर फेंक देगा।
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