केवल टिकट की चाह रखने वाले नेता वा उनके समर्थक हैं कांग्रेस में:बीरेंद्र सिंह

punjabkesari.in Sunday, Jun 23, 2024 - 02:43 PM (IST)

 चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी):  हरियाणा कांग्रेस में इन दिनों आया राम-गया राम की राजनीति चल रही है। इसके साथ ही नेताओं की ओर से एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं। किरण चौधरी के पार्टी छोड़ने के बाद तो पार्टी का हर नेता दूसरे को संदिग्ध निगाहों से देख रहा है। इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने आगामी विधानसभा चुनाव के साथ पार्टी के संगठन और दल बदलने वाले नेताओं को लेकर बड़ा बयान दिया है। बीरेंद्र सिंह ने इस बात का भी खुलासा किया कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस संगठन के ना होने के बावजूद कैसे 5 सीटों पर विजयी रही। इसके अलावा उन्होंने गुटों में बंटी कांग्रेस के फिर से सत्ता में वापसी का रास्ता भी बताया।

क्षेत्रीय दलों का वोट बैंक खत्म हुआ
चौधरी बीरेंद्र सिंह ने बताया कि चुनावी साल में राजनीतिक दलों मे उथल-पुथल होना स्वभाविक है। उनकी माने तो हरियाणा में अब जब भी चुनाव होंगे तो लोग बीजेपी और कांग्रेस में से किसी एक दल को चुनेंगे। उनके अनुसार हरियाणा में क्षेत्रीय दल पहले महत्वपूर्ण होते थे, उनका अपना एक महत्व था, लेकिन पिछले कुछ सालों से हरियाणा में क्षेत्रीय दलों का वोट बैंक करीब-करीब खत्म हो चुका है। 

कांग्रेस में कार्यकर्ता नहीं, टिकट चाहने वालों को वर्कर
लोकसभा के चुनाव परिणाम के बाद कांग्रेस में नेताओं की ओर से एक-दूसरे पर आरोप लगाने को लेकर चौधरी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि हर चुनाव परिणाम के बाद इस प्रकार के आरोप लगते ही हैं, लेकिन अब इसका कोई महत्व नहीं है। उन्होंने माना कि पिछले 10 सालों से हरियाणा में कांग्रेस का कोई संगठन नहीं है। उनके अनुसार वह किसी को भी कांग्रेस का कार्यकर्ता नहीं सकते, केवल टिकट की चाह रखने वाले नेताओं के वर्कर है। वह कांग्रेस के वर्कर हो सकते हैं, लेकिन संगठन के नहीं हो सकते। इस चुनाव में आम इंसान कांग्रेस का पक्षधर था। 

बीजेपी की अपनी एक शैली
कांग्रेस से बीजेपी और फिर कांग्रेस में वापसी पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी की अपनी एक शैली है. जब उन्हें किसी संभावित लाभ की उम्मीद होती है तो वह फिर देते भी है, जब उनकी वह इच्छा पूर्ति हो जाए तो फिर वह अपनी सोच को बदलाना भी शुरू कर देते हैं। किरण चौधरी के बीजेपी में जाने पर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि वह पिछले कुछ समय से खुद को राजनीतिक तौर पर कांग्रेस में सुरक्षित नहीं मान रही थी, शायद इसीलिए उन्होंने बीजेपी में जाना उचित समझा। 

बीजेपी-कांग्रेस की विचारधारा में बड़ा अंतर
बीजेपी और कांग्रेस दोनों पार्टियों के अंतर को लेकर पूछे सवाल के जवाब में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि दोनों ही पार्टियों की विचारधारा में बहुत अंतर है। उनका बेटा भी बीजेपी की विचारधारा से सहमत नहीं था। इसीलिए उन्होंने फिर से कांग्रेस में वापसी की, क्योंकि कांग्रेस की विचारधारा आम लोगों, गरीबों और किसानों के हित में है।

‘मैं’ करेगा कांग्रेस को कमजोर
हरियाणा में गुटों की बंटी कांग्रेस को लेकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि नेतृत्व को ये कोशिश करनी चाहिए की सभी इकट्ठा हो सके, क्योंकि जितना सभी इकट्ठा होंगे पार्टी उतनी ही मजबूत होगी। पार्टी ने नेता जितना आपस में बंटकर रहेंगे, पार्टी उतनी ही कमजोर होगी। उन्होंने कहा कि वह इस लफड़े में नहीं पड़ना चाहते। बीरेंद्र सिंह के अनुसार कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए उसे लोगों की पार्टी बनाकर चलना होगा, क्योंकि ‘मैं ही सबकुछ’ कांग्रेस को कमजोर करेगा।

JP कर रहा छोटी बात
हिसार लोकसभा से जितने के बावजूद कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश उर्फ जेपी की ओर से बृजेंद्र सिंह पर भीतरघात करने को लेकर लगाए आरोप के जवाब में बीरेंद्र सिंह ने कहा कि उचाना से वह करीब 36 हजार वोट से जीता, इसके बाद भी उसके आरोप पर वह क्या बोले ? उनकी भाषा और सोच कैसे बदलेगी। इसलिए सभी को मिलकर चलने की बात करनी चाहिए। पार्टी को मजबूत करने के बारे में सोचना चाहिए। वह भी खुद इस बारे में हाई कमान से बात करेंगे, क्योंकि वहीं से इसका कोई हल निकलेगा। उन्होंने दावा किया कि इस बार के विधानसभा चुनाव में 70 से 75 प्रतिशत मतदाता बीजेपी के खिलाफ है।

 


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Content Writer

Isha

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