हरियाणा में लीडरशिप रहित है "आप", केजरीवाल चुनाव जीतने पर या तो मुख्यमंत्री बनने की बात कहें: दिग्विजय

punjabkesari.in Sunday, Jun 05, 2022 - 09:03 AM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): जे जे पी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि हरियाणा में आम आदमी पार्टी के पास कोई लीडरशिप नहीं है या तो केजरीवाल खुद हरियाणा में चुनाव जीतने पर मुख्यमंत्री बनने की बात कहें, क्योंकि चुनाव लीडर के नाम पर, चेहरे पर या प्रदेश किसे सीएम बनाना चाहता है, उस पर लड़ा जाता है।इन निकाय चुनावों के रुझान आगामी पंचायती चुनावों में नजर आने की बात कहते हुए कहा 10 लाख वोटो से नगर निगम फरीदाबाद और गुड़गांव का चुनाव भी होना है। इसलिए गठबंधन पूरी ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सीनियर लीडरशिप ने भी साफ कहा था कि अलग-अलग चुनाव लड़ने की बजाए दोनों दल मजबूती से आगे बढ़े। ताकि आने वाले चुनावों में जब भी एक साथ चुनाव लड़ने का मौका मिले तो हम एक दूसरे की ताकत बने। कांग्रेस पार्टी चुनाव से भाग गई। इसलिए एक दूसरे के सामने चुनाव लड़ने का मुद्दा सामाजिक तौर पर गलत था। इसलिए हमने फैसला बदला है।

राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार को अपने सदस्यों की मदद से जितवाने में सक्षम कांग्रेस बावजूद इसके बेहद सतर्क और डरी हुई नजर आ रही है।  जिसका प्रमाण कांग्रेस द्वारा अपने सभी विधायकों को रायपुर रिसोर्ट में भेजने का फैसला है। इस महत्वपूर्ण विषय पर जननायक जनता पार्टी के युवा -जुझारू नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा है कि हमारी पार्टी ने पूरे विश्लेषण के बाद निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिक शर्मा को समर्थन देने का फैसला किया। कुछ निर्दलीय विधायकों का भी उन्हें समर्थन प्राप्त है और भाजपा के शेष बचे 9 विधायकों का भी शायद उन्हें समर्थन प्राप्त है। कुलदीप बिश्नोई के बयान अनुसार उनका समर्थन कांग्रेस को नहीं लग रहा। अगर वह निर्दलीय उम्मीदवार के पक्ष में हुए तो कांग्रेस को सीधा सीधा 2 वोटों का नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि मैं ज्योतिष या पंडित नहीं, लेकिन हालात जो बयां कर रहे हैं तो 10 तारीख को मतपेेटियां जब खोलेंगी तो कांग्रेस तीन-चार वोटों से चुनाव हार चुकी होगी।

कांग्रेस द्वारा विधायकों को दूसरे राज्य में भेजे जाने पर दिग्विजय ने इसे कांग्रेस का हॉलीडे कल्चर बताया। उन्होंने कहा कि कभी इनका शीर्ष नेतृत्व हॉलीडे पर निकल जाता है, कभी इनके विधायक या इनके सांसद निकल जाते हैं। यह एक नॉन सीरियस पार्टी है। इन विधायकों के विधानसभा क्षेत्र खाली पड़े हैं। प्रदेश में इतना महत्वपूर्ण निकाय चुनाव होने के बावजूद इनका रायपुर के रिजॉर्ट में होना इनकी गैर जिम्मेदारी को दर्शाता है। दिग्विजय ने कांग्रेस की चौधर पूरी तरह से हुड्डा के हाथों में जाने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि जब से हुड्डा को चौधर मिली कांग्रेस के हालात बद से बदतर हो चुके हैं। कांग्रेस के लोग आज एक कमरे में बैठकर फैसला नहीं ले सकते। इसीलिए यह लोग निकाय चुनावों से भागे हैं, क्योंकि प्रदेश प्रवक्ताओं का फैसला कांग्रेस नहीं कर पा रही तो ऐसे में नगर पालिकाओं परिषदों के चुनावों सीटों का फैसला कैसे कर पाती। उन्होंने कहा कि हुड्डा के 10 साल के कार्यकाल के दौरान क्षेत्रवाद की बू आती रही। कांग्रेस दूसरे क्षेत्रों में कमजोर हुई। कांग्रेस के दूसरे क्षेत्रों की लीडरशिप में हुड्डा को अपने क्षेत्र में एंट्री नहीं करने दी। बेशक हुड्डा को लीडरशिप मिली है। लेकिन कांग्रेस को पूरे हरियाणा में फायदा नहीं मिलेगा। क्योंकि पूरे हरियाणा का लाडला ना भूपेंद्र हुड्डा है, ना दीपेंद्र और ना उनके अध्यक्ष हैं।

 

 


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Content Writer

Isha

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