गर्मी को लेकर हमारे इंतजामात पर्याप्त, प्रदेश में नहीं होगी बिजली की कमी : पी के दास

punjabkesari.in Saturday, Apr 01, 2023 - 09:27 PM (IST)

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी) : गर्मी के पिछले मौसम की तरह इस बार भी कहीं बिजली जनता को रुलाने वाली तो नहीं है, इस मुद्दे पर पावर यूटिलिटीज चेयरमैन पीके दास ने आश्वासन दिया है कि विभाग की तैयारियां इस कदर की गई है कि जनता को बिल्कुल चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि गर्मी के मौसम को लेकर हमने 3 तरह से तैयारियां की हैं। जिसमें बिजली की जरूरत और उत्पादन में फर्क को देखते हुए फैसले लिए हैं। क्योंकि सामान्य मानसून में बिजली सप्लाई को लेकर कोई भी दिक्कत किसी समय नहीं रहती लेकिन बारिश के दिनों में तूफान इत्यादि से लाइन, पोल व ट्रांसफार्मर भी प्रभावित होते हैं। इसलिए मटेरियल अवेलेबिलिटी, डिस्ट्रीब्यूटर और रिप्लेस करने को लेकर मॉनिटरिंग तक का सिस्टम बना लिया गया है। जहां भी कोई दिक्कत सामने आएगी, तुरंत उसे दुरुस्त करने का काम होगा। तीसरा आवश्यक फैसला है कि ज्यादा लोड वाले डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर वाली जगह और लगा दिया जाए। ढीली लाइन को टाइट करवा दिया जाए। हम लगातार संतोषजनक काम गर्मी के नजरिए से कर रहे हैं। आशा करता हूं कि गर्मी के समय हरियाणा की जनता को दिक्कत नहीं आने देंगे।

गर्मी में अडानी ग्रुप के प्लांट से भी हमें मिलेगी बिजली : दास

विभाग के पास कोल की उपलब्धता पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि भारत सरकार की डायरेक्शन अनुसार पिछले साल इंपॉर्टेड कॉल का इस्तेमाल हुआ, क्योंकि डोमेस्टिक कोल की कमी है। कोयले का स्टॉक हमारे पास 25 दिन का मौजूद है। कोयले की उपलब्धता किसी के हाथ की बात नहीं, भारत सरकार द्वारा गठित कमेटी में रेल मिनिस्ट्री, कोल मिनिस्ट्री और पावर मिनिस्ट्री के लोग शामिल हैं। हालांकि हमारे विभागीय लोग भी वहां जाते रहते हैं और हमने अपनी जरूरतें बता रखी हैं। कोशिश यही रहेगी कि बिना इंपोर्टेड कोल के काम चल पाए। हम इसे लेकर लगातार रिव्यू करते रहेंगे और जरूरत अनुसार फैसला लेंगे। उन्होंने बताया कि समझौता अलीमेंट्री एग्रीमेंट अदानी ग्रुप से भी साइन हो चुका है क्योंकि अदानी पावर प्लांट इंपोर्टेड कोल से चलता है जो कि इस बार गर्मी के मौसम में उनके प्लांट से भी हमें बिजली मिलेगी। दास ने बताया कि बजट सेशन के दौरान सरकार द्वारा यमुनानगर में 800 मेगावाट के प्लांट को लेकर 30 फ़ीसदी इक्विटी खर्च की बात कही है, स्मार्ट मीटर की रूपरेखा मिनिस्ट्री से वार्तालाप के बाद चल रहा है जिस पर जल्द फैसला होगा। दास ने बताया कि हर साल 15 से 16 लाख स्मार्ट मीटर लगाना हमारा मकसद है।

हिमाचल के जल उपकर से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान होंगे प्रभावित 

हिमाचल सरकार द्वारा जल उपकर लगाए जाने के फैसले को लेकर पीके दास ने बताया कि हिमाचल के हाइडिल पावर प्रोजेक्ट से मिलने वाली बिजली की लागत इससे ऑटोमेटिक बढ़ जाएगी। मूलतः पंजाब, हरियाणा, राजस्थान इससे प्रभावित होंगे। उन्होंने कहा कि जॉइंट प्रोजेक्टर कोऑर्डिनेट पंजाब इरिगशन एक्ट के तहत होती है और हिमाचल प्रदेश उसमें खुद पार्टी है, ऐसे में सेट लगाना उचित नहीं माना जा सकता। इंडिपेंडेंट पावर प्रोजेक्ट लगाने तथा पानी इस्तेमाल के लिए 12 फ़ीसदी टैक्स पावर देने की मांग बेशक पूरी कर दी हो, लेकिन पानी के इस्तेमाल के लिए तय होने के बावजूद दो बार बोझ डालना उचित नहीं कहा जा सकता। उन्होंने कहा कि यह शायद कानूनी मसला नहीं है। दास ने बताया कि इस बात के विरोध में हरियाणा सरकार द्वारा असेंबली में रिजर्वेशन भी पास किया गया। जहां इस पर सवाल हुआ। हम भी कानूनन इस पर राय ले रहे हैं कि किस कोरम में इसे अपोज किया जाए। सरकार द्वारा भारत सरकार को भी इसके लिए चिट्ठी लिखी है। जरूरत पड़ने पर बिजली खरीद यूटिलिटी उच्च न्यायालय में भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि भारत सरकार को देखना होगा कि किस एक्ट के तहत उन्होंने किया है और वह कितना सही और कितना गलत है, उसके बाद प्रभावित प्रदेशों और हिमाचल के साथ एक बैठक होगी। दास ने बताया कि बीबीएमबी से पहले ही हिमाचल को शेयर मिलने लगा है। बीबीएमबी की पावर से 1200 करोड़ का बोझ  हरियाणा पर नाजायज पड़ेगा। इसी तरह 2000 करोड़ का नुकसान हिमाचल को भी होगा।

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Content Editor

Mohammad Kumail

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