अटेली विधानसभा सीट पर टिकट विवाद, आरती को टिकट मिलने की संभावना पर संतोष यादव ने जताई नाराजगी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 03, 2024 - 11:14 AM (IST)

मंडी अटेली : अटेली विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की टिकट की दौड़ में शामिल संतोष यादव ने केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को टिकट - मिलने की संभावनाओं पर मीटिंग बुलाकर नाराजगी जताई है।

उन्होंने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर अपनी भावनाओं को स्पष्ट रूप से प्रकट किया। इस बैठक में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और समर्थक शामिल हुए, जो संतोष यादव को टिकट देने की मांग कर रहे हैं। यह बैठक पार्टी के भीतर बढ़ती असंतोष और गुटबाजी को उजागर करती हैं, जिससे चुनाव में भाजपा को नुकसान उठाने का खतरा बढ़ता दिखाई दे रहा है।

संतोष यादव, जो अटेली क्षेत्र से चुनाव जीत कर पूर्व डिप्टी स्पीकर रह चुकी हैं, ने कहा कि अटेली की जनता अब राजशाही से ऊब चुकी है और एक विकसित अटेली की चाहत रखती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भाजपा को ऐसे व्यक्ति को टिकट देना चाहिए जो लोगों के बीच में रहता हो और क्षेत्र की आवश्यकताओं को समझता हो। यादव का यह बयान, आरती राव को टिकट मिलने की संभावनाओं के प्रति उनकी नाराजगी को दर्शाता है। उन्होंने संकेत दिया कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिला तो संभवतः किसी और दल के टिकट पर या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी निर्णय ले सकती हैं। पिछली बार टिकट कटने का भी संतोष यादव को भारी मलाल है। इस बार वे आर-पार के मूड में हैं। 
 

संभावित उम्मीदवार भी अपनी दावेदारी को मजबूत करने की कोशिश में लगे है। पिछली बार यहां के कुछ लोगों ने संतोष यादव का टिकट कटवाने को लेकर जमकर विरोध की खींचतान की और अधिक बढ़ा दिया है।  मंत्री राव इन्द्रजीत के सहयोग से पिछली बार टिकट हासिल करने वाले विधायक सीताराम यादव के समर्थक भी अब यही चाहते कि राव की बेटी के बजाय विधायक को दोबारा से यहां से टिकट दी जाए। नाराजगी सिर्फ संतोष यादव तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य इसके अलावा, कुछ बाहरी लोग भी अटेली में कार्यालय खोलकर टिकट के लिए दावा कर रहे हैं और सक्रिय रूप से चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं।

इस स्थिति ने पार्टी के भीतर के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। संतोष यादव ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि उन्हें टिकट नहीं मिला, तो वे दोबारा बैठक कर अपनी आगे की रणनीति पर विचार करेंगी। इस प्रकार, उन्होंने चुनाव लड़ने का संकेत भी दे दिया है। पार्टी के लिए यह स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण हो गई है, और टिकट की घोषणा से पहले ही पार्टी में असंतोष की स्थिति स्पष्ट हो गई है। भाजपा के भीतर चल रही इस खींचतान और गुटबाजी का असर चुनाव परिणामों पर भी पड़ सकता है। यह देखना होगा कि पार्टी किसे टिकट देती है और क्या वह पार्टी के भीतर के इस विवाद को सुलझा पाती है या नहीं।
 


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Content Writer

Isha

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