Delhi Blast: फरीदाबाद में डॉ. मुजम्मिल के 2 और ठिकानों का खुलासा, इन जगहों पर रच रहा था बड़ी साजिश
punjabkesari.in Thursday, Nov 27, 2025 - 09:04 AM (IST)
फरीदाबाद (अनिल राठी) : दिल्ली ब्लास्ट के आतंकी मॉड्यूल की जांच कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने 2 बड़े खुलासे किए हैं। दोनों ही खुलासे अल-फलाह यूनिवर्सिटी के गिरफ्तार सर्जन डॉ. मुजम्मिल शकील को लेकर हैं। पहला तो यह है कि उसने हरियाणा में फरीदाबाद फतेहपुर तगा और धौज में ही नहीं बल्कि खोरी जमालपुर गांव में भी एक ठिकाना किराए पर ले रखा था। यहां पूर्व सरपंच जुम्मा का 3 बेडरूम, किचन, हॉल वाला मकान यह कहकर किराए पर लिया था कि कश्मीरी फलों का व्यापार करेंगे। इस मकान में मुजम्मिल कई बार डॉ. शाहीन सईद के साथ आया।
दूसरा खुलासा अमोनियम नाइट्रेट को लेकर है। जांच में पता चला है कि आतंकी मॉड्यूल ने फतेहपुरा तगा और धौज में विस्फोटक बनाने का सामान छिपाने से पहले इसे यूनिवर्सिटी के पास ही स्टोर करके रखा था। करीब 2540 किलो विस्फोटक अल-फलाह यूनिवर्सिटी से सटे खेतों में बने एक कमरे में करीब 12 दिन रखा रहा था। इसके बाद चोरी होने या किसी को पता चलने के डर से गांव फतहेपुर तगा में इमाम इश्तियाक के पुराने घर में शिफ्ट कर दिया था। यहीं तैयार विस्फोटक दिल्ली ब्लास्ट में इस्तेमाल किया गया। सोमवार की रात को NIA डॉ. मुजम्मिल को यहां पर निशानदेही के लिए लेकर आई। जहां पर गांव के पूर्व सरपंच जुम्मा ने उसको देखकर उसकी पहचान की।
8 हजार रुपए में मकान किराए पर लिया
NIA की जांच में पता चला है कि डॉ. मुजम्मिल शकील ने अप्रैल से लेकर जुलाई 2025 तक अल-फलाह यूनिवर्सिटी से करीब 4 किलोमीटर की दूरी पर तीन बेडरूम का मकान 8 हजार रुपए प्रति महीने के हिसाब से किराए पर लिया था। ये मकान गांव खोरी जमालपुर के पूर्व सरपंच जुम्मा का है। जुम्मा की रोड पर प्लास्टिक रॉ मटेरियल की फैक्ट्री है। इसी के ऊपर ये कमरे बने हुए हैं। जुम्मा ने बताया कि डॉ. मुजम्मिल शकील ने उनसे कहा था कि वह कश्मीरी फलों का कारोबार यहां पर करना चाहता है। इसके लिए उनको ज्यादा जगह की जरूरत है। कश्मीर के फल मंगाकर वो यहां के बाजार में सप्लाई करेगा। लेकिन, लगभग ढाई महीने बाद उसने कमरा यह कह कर खाली कर दिया कि यहां पर गर्मी ज्यादा है।

अस्पताल में हुई थी डॉ. मुजम्मिल से मुलाकात
वहीं जुम्मा ने NIA को बताया कि वह मुजम्मिल को पहले से नहीं जानते थे। उसके भतीजे की कैंसर के चलते तबीयत खराब थी, जिसको लेकर वह अल-फलाह अस्पताल में गए थे। अस्पताल में उनकी मुलाकात डॉ. मुजम्मिल से हुई थी। अस्पताल में ही उनकी मुलाकात डॉ. उमर नबी से हुई थी। इलाज के दौरान ज्यादा संपर्क मुजम्मिल से रहा था। इसके बाद दोनों की जान-पहचान अच्छी हो गई। जुलाई के महीने में उनके भतीजे की मौत हो गई। जुम्मा ने ये भी बताया कि मुजम्मिल कई बार उनके ऑफिस पर भी आया था। जुम्मा ने बताया कि जब मुजम्मिल ने किराए पर मकान लिया, तब उसके साथ एक महिला भी आई थी। महिला को उसने अपने परिवार की सदस्य बताया था।
करीब 3 महीने बाद खाली किया कमरा
पुलिस सूत्रों से पता चला है कि वह महिला कोई और नहीं बल्कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी की डॉ. शाहीन सईद थी। जांच में पता चला कि वह किराए पर मकान लेने के बाद शाहीन के साथ कई बार यहां पर आया था। जुम्मा ने बताया कि करीब 3 महीने बाद मुजम्मिल ने उनके मकान को खाली कर दिया। जब उनके मकान को खाली किया गया तो 15 दिन ऊपर हो चुके थे। उन्होंने इसका किराया उनसे नहीं लिया, क्योंकि वह डॉक्टर थे। जब कमरा खाली कर गया तो वह कमरे में रखा गद्दा, कूलर और चादर भी अपने साथ ले गया। जुम्मा के मुताबिक जांच अधिकारी कई घंटे उनके पास रुके और पूछताछ के बाद वहां से चले गए।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी के चारों तरफ खेत हैं। यूनिवर्सिटी की मस्जिद के पास गांव तगा के रहने वाले किसान बदरू की जमीन है। मुजम्मिल ने अमोनियम नाइट्रेट के कट्टों को यहीं पर लाकर रखा था। डॉ. मुजम्मिल की गाड़ी से शाम के समय कट्टों को यहां पर उतारा गया था। किसान बदरू के खेत मस्जिद के पास हैं। बदरू नमाज पढ़ने मस्जिद में आता था। यहीं पर डॉ. मुजम्मिल ने उससे संपर्क बना लिया और अमोनियम नाइट्रेट के कट्टों को कुछ दिन रखने के लिए राजी कर लिया। इस जगह को मुहैया कराने में इमाम इश्तियाक ने मदद की थी। जांच में पता चला है कि बदरू के खेत में बने कमरे (कोठड़े) में करीब 12 दिन तक अमोनियम नाइट्रेट के कट्टों समेत दूसरा सामान रखा रहा। बदरू ने ज्यादा दिन होने के बाद मुजम्मिल को कहा कि सामान चोरी होने का डर है, इसलिए अपना सामान यहां से हटा लिजिए। इसके बाद मुजम्मिल ने पूरे सामान को गांव फतेहपुर तगा में इमाम इश्तियाक के घर के कमरे में शिफ्ट कर दिया।
(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)