वायरल हुए बयान के बाद बोले विज, ''''समझने वाले समझ गए- जो ना समझे वो अनाड़ी हैं''''

punjabkesari.in Thursday, Jul 29, 2021 - 03:05 PM (IST)

चंडीगढ़( चंद्रशेखर धरणी): स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज द्वारा सोशल मीडिया पर वायरल किए गए उनके मैसेज के बाद हरियाणा की ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप मच गया है और सभी जगह एक ही चर्चा है अनिल विज के निशाने पर कौन है ? दूसरी तरफ अनिल विज का इस मामले व्यंगात्मक जवाब कि ''समझने वाले समझ गए- जो ना समझे वो अनाड़ी है''। विज के सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज के बाद उनके विभागों से संबंधित अधिकारियों का मंथन करने में राजनीतिक समीक्षक व ब्यूरोक्रेसी जुट गई है। राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि अनिल विज दबंग शैली के कारण सदैव चर्चा में रहते रहे हैं।

विज के विभागों में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के लिए कितनी गुंजाइश है, इसका अंदाजा विज के बुधवार को जारी मैसेज से साफ हो गया है। राजनीतिक संरक्षण यह भी मानते हैं कि अनिल विज का किसी काम में कोई भी अपना व्यक्तिगत कारण नहीं होता। जनहित के कामों में टांग अड़ाने वाले अधिकारियों से अनिल विज का दो-चार होना कोई नया क्रम नहीं है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना यह भी है कि अनिल विज के इस मैसेज का असर उनके विभाग के लापरवाह-भ्रष्ट अधिकारियों पर पढ़ना तय है।

गौरतलब है कि हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने हरियाणा के उन अधिकारियों को एक सोशल मीडिया के द्वारा चेतावनी दी थी जो हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उन्हें अलग समझते हैं। विज ने कड़े तेवर अपनाते हुए कहा था कि मैं और मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं और यह गंदा खेल खेलने वाले अधिकारियों को इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। विज ने जारी एक बयान में कहा है कि कुछ अधिकारी मेरे विभागीय कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। यह बहुत बुरी तरह गलत हैं। मैं और माननीय मुख्यमंत्री अच्छे दोस्त हैं। खेल खेलकर नेतागिरी करने वाले अधिकारियों को अपनी ड्यूटी की तरफ ध्यान देना चाहिए। अनिल विज ने अपने चिर-परिचित अंदाज में जिस प्रकार राजनीतिक चक्रव्यूह में उलझे अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि यह गंदा खेल खेल रहे अधिकारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उनका यह बयान अत्यंत कठोर और सीधा संदेश माना जा रहा है।

राजनीतिक समीक्षकों का मानना है कि अनिल विज जो कहते हैं वह करते भी हैं। विज मनोहर पार्ट-वन तथा पार्ट-टू में भी कार्यों में रुकावट डालने वाले अधिकारियों के लिए समय-समय पर चेतावनी जारी करते रहे हैं तथा कुछ मामलों में उन्होंने समय-समय पर एक्शन भी लिए हैं और विज के यह तेवर स्पष्ट करते हैं कि आने वाले समय में हरियाणा प्रशासनिक अमले में जब भी फेरबदल हुआ, तब इनके विभागों के अधिकारियों को बदला जा सकता है। 

बता दें कि हाल ही में गृह, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने पुलिस विभाग के कुछ अधिकारियों को चेतावनी देने के लिए एडिशनल चीफ सेक्रेटरी गृह विभाग राजीव अरोड़ा के माध्यम से पत्र लिखकर कहा था कि अधिकारियों द्वारा उनके कार्यालय की तरफ से भेजी जाने वाली शिकायतों पर तुरंत एक्शन रिपोर्ट भेजी जाए। हाल ही में विज ने नगर निगम गुड़गांव पर छापा मारा था तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को भी चेतावनी देकर जनहित के कार्यों में देरी न करने की बात कही थी। हाल ही में विज द्वारा अपने तीन विभागों पुलिस, स्वास्थ्य और शहरी निकाय पर उठाए गए कदम यह बताने के लिए काफी है कि अनिल विज अधिकारियों द्वारा जनहित में किए गए कामों को लेकर संतुष्ट बिल्कुल भी नहीं है। साथ ही विज इस बात से और ज्यादा नाराज हैं कि उनके इंटरफेयर के बावजूद अधिकारी काम नहीं करना चाहते। विज का मानना है कि अगर उनके दखल के बाद भी काम नहीं होते तो फिर आम जनता को यह अधिकारी किस हद तक परेशान कर रहे होंगे।

विपक्ष समय-समय पर यह आरोप लगाता रहा है कि अफसरशाही सरकार पर हावी है। वहीं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता भी संगठन की बैठकों में मुद्दा उठाते रहे हैं कि कार्यालयों में उनकी सुनवाई नही होती। अधिकारी उन्हें तवज्जो नहीं देते। जिससे सरकार की कमजोरी तो दिखती ही है, साथ-ही-साथ आगामी चुनावों को लेकर भी चिंता जाहिर की जाती रही है। अनिल विज के दरबार में सैकड़ों लोग रोजाना अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं और विज द्वारा आवश्यक और संतोषजनक कार्यवाही के लिए अपने कार्यालय से संबंधित अधिकारियों के पास आदेश जारी किए जाते हैं। उसके बावजूद अधिकारियों द्वारा आदेशों की अनदेखी की जाती है। जिसके चलते अनिल विज कुछ दिनों से काफी नाराज दिख रहे हैं और अनिल विज की नाराजगी इन अधिकारियों के लिए काफी भारी साबित हो सकती है।

 

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Content Writer

Isha

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