विनेश फोगाट ने नहीं मानी हार, संन्यास से वापसी के दिए संकेत, बोलीं- ओलिंपिक मेडल का घाव गहरा, लड़ाई...
punjabkesari.in Sunday, Aug 18, 2024 - 09:54 AM (IST)
चरखी दादरी (पुनीत श्योराण) : पेरिस ओलिंपिक में कुश्ती के फाइनल मुकाबले से पहले डिस्क्वालिफाई हुईं विनेश फोगाट की शनिवार को वतन वापसी हुई। वह सुबह करीब 11 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचीं। यहां लोगों ने उनका ढ़ोल-नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत किया। इसके बाद विनेश ने दिल्ली एयरपोर्ट से अपने पैतृक गांव बलाली तक 125 किलोमीटर लंबा रोड शो निकाला। रास्ते में करीब 100 जगहों पर खाप पंचायतों और ग्रामीणों द्वारा विनेश फोगाट का स्वागत किया गया। करीब 13 घंटे चले रोड के बाद वह रविवार रात 12 बजे पैतृक गांव बलाली पहुंचीं। उन्होंने सबसे पहले हनुमान मंदिर में माथा टेका। गांव के खेल स्टेडियम में विनेश को ग्रामीणों और अनेक सामाजिक संगठनों ने सम्मानित किया गया।
मंच पर विनेश की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद विनेश ने कुर्सी पर बैठकर ही लोगों को संबोधित किया। इस दौरान विनेश फोगाट ने संन्यास वापस लेने के संकेत भी दिए हैं। विनेश फोगाट ने कहा कि ओलिंपिक मेडल का घाव गहरा, रेसलिंग छोड़ने पर कुछ नहीं कह सकती, लेकिन मेरी लड़ाई जारी रहेगी। घाव को भरने में बहुत टाइम लगता, लेकिन आज जो गांव और देश का प्यार देखा। इससे घाव भरने में हिम्मत मिलेगी। जिस रेसलिंग को मैं छोड़ना चाहती थी या छोड़ दिया है, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती। आज के प्यार से मुझे बहुत हिम्मत मिली है। जिंदगी की लड़ाई बहुत लंबी है। हमारी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है। एक छोटा सा हिस्सा मैं पार कर आई हूं। यह भी अधूरा रह गया। हम एक साल से लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं, वह आगे भी जारी रहेगी।
वहीं विनेश ने कहा कि मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं, मैंने ऐसे गांव में जन्म लिया है। आज मैं गांव का कर्ज अदा करने में अपनी भूमिका निभा पाई हूं। मैं चाहती हूं कि गांव से हर एक घर से मेरी एक बहन निकले जो मेरे रेसलिंग के रिकॉर्ड तोड़े। मेरी बहनों की मेरे से जो सहायता होगी वह मैं करूंगी और कोच की अदा भी मैं निभाऊंगी।
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