हरियाणा की 7वीं खिलाड़ी हैं विनेश फौगाट जिन्हें मिलेगा खेल रत्न अवार्ड, काफी मुश्किलों से होना पड़ा

punjabkesari.in Tuesday, Aug 18, 2020 - 05:42 PM (IST)

डेस्क: हरियाणा की माटी में जन्मी और देश का नाम चमकाने वाली विनेश फौगाट को इस बार राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड से नवाजा जाएगा। दिल्ली में हुई चयन समिति के बैठक में विनेश फौगाट सहित 4 खिलाड़ियों का नाम राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड के लिए तय किया गया। समिति ने विनेश फौगाट, क्रिकेटर रोहित शर्मा, टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा और पैरालंपिक स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु के नाम की सिफारिश खेल रत्न के लिए की है। ये अवार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय खेल दिवस पर प्रदान करेंगे। माना जा रहा है कि इन खिलाड़ियों को खेल रत्न अवार्ड मिलना तय है।

खेल रत्न पाने वाली हरियाणा की सातवीं खिलाड़ी
विनेश फौगाट हरियाणा राज्य से सातवीं खिलाड़ी होंगी जिन्हें राजीव गांधी खेल रत्न से नवाजा जाएगा। इससे पहले हरियाणा के 6 खिलाडिय़ों को खेल रत्न से नवाजा जा चुका हैं। बीते साल 2019 में बजरंग पुनिया (कुश्ती) और दीपा मलिक (पैरा एथलेटिक्स), विजेन्द्र सिंह, 2009 (मुक्केबाजी),  योगेश्वर दत्त, 2012 (कुश्ती), साक्षी मलिक, 2012 (कुश्ती), सरदार सिंह, 2017 (हॉकी) को भी खेल रत्न से नवाजा गया था।

पहलवानों के खानदान से रखती हैं ताल्लुक
हरियाणा के चरखी दादरी जिले के बलाली गांव में जन्मी विनेश फौगाट पहलवानों के खानदान से ताल्लुक रखती हैं। विनेश को पाल-पोस कर पहलवान बनाने वाले उनके ताऊ महावीर फौगाट भी पहलवान हैं, जिन्होंने अपनी बेटियों को भी पहलवान बनाया और मिसाल दे डाली कि बेटियां बेटों से कम नहीं। अंतराष्ट्रीय स्तर पर कई पदक हासिल करने वाली गीता और बबीता भी इनकी बहन हैं। अपने पिता समान ताऊ की मेहनत का रंग लाने के लिए विनेश ने अपने करियर की शुरूआत 2013 से की, इसके बाद फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।



चोट लगने के बाद डेढ़ साल तक बिस्तर पर रही विनेश
विनेश रियो ओलंपिक में चोट लगने के बाद करीब डेढ़ साल बिस्तर पर रही, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने शानदार वापसी करते हुए विश्व चैंपियन में ऐसा दांव लगाया कि गोल्ड जीतकर सीधे टोक्यो ओलंपिक का टिकट पा लिया।

पिता की मौत के बाद ताऊ ने अपनाया 
बता दें कि चरखी दादरी के गांव बलाली निवासी विनेश फोगाट के पिता का वर्ष 2003 में देहांत हो गया था।  पिता की मौत के बाद ताऊ द्रोणाचार्य अवार्डी महाबीर फोगाट ने विनेश व उसकी छोटी बहन को अपनाया और अपनी बेटियों के साथ अखाड़े में उतारा। ताऊ के विश्वास व गीता-बबीता बहनों से प्रेरणा लेते हुए विनेश फोगाट ने एशियन खेलों के साथ-साथ विश्व चैंपियनशीप में गोल्ड जीतकर पुराने जख्मों पर मरहम लगा दिया।

अर्जुन अवार्ड से नवाजी जा चुकी हैं विनेश
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विनेश की प्रतिभा व उसके खेल को देखते हुए 2016 में अर्जुन अवार्ड से तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नवाजा था। भारतीय स्पोर्ट्स अथॉरिटी ने 2018 में विनेश का नाम पद्मश्री अवार्ड के लिए भी आगे बढ़ाया था, लेकिन किन्हीं कारणों के चलते उन्हें पद्म पुरस्कार से वंचित रहना पड़ा।

अब तक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हासिल किए हैं कुल 13 पदक
विनेश ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर की शुरूआत 2013 में की थी, उस साल जाह्नसबर्ग (साउथ अफ्रीका) में आयोजित यूथ रेसलिंग चैंपियनशिप में विनेश ने सिल्वर मेडल हासिल किया। 2013 में ही नई दिल्ली में आयोजित एशियन चैंपियनशिप्स में विनेश ने कांस्य पदक जीता। 2014 में ग्लास्गो में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल व एशियन गेम्स इंचियान में कांस्य पदक हासिल किया। 



पहली महिला पहलवान जिसने कॉमनवेल्थ और एशियन गेम्स में जीता हो गोल्ड
2015 में एशियन चैंपियनशिप्स, दोहा में सिल्वर, 2016 में एशियन चैंपियनशिप्स, बैंगकॉक में कांस्य, 2017 में एशियन चैंपियनशिप्स, नई दिल्ली में सिल्वर हासिल किया। 2018 में एशियन गेम्स, जकार्ता में गोल्ड मेडल हासिल करने के साथ उसी साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीत कर विनेश पहली महिला पहलवान बन गई, जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स दोनों में ही गोल्ड मेडल हासिल किया हो।

2019 में विनेश ने वर्ल्ड चैंपियनशिप्स में भी कांस्य पदक जीता है। विनेश इस साल 2020 में नई दिल्ली के एशियन चैंपियनशिप्स और 2019 में जियान के एशियन चैंपियनशिप्स में कांस्य पदक हासिल कर चुकी हैं। विनेश फोगाट ने इसी साल रोम रैंकिंग सीरीज में इतिहास रचते हुए कुश्ती चैंपियनशिप में भी गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं।


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Shivam

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