संविधान दिवस पर विस अध्यक्ष का आह्वान, अधिकारों के साथ मौलिक कर्तव्यों के प्रति भी रहें सचेत
punjabkesari.in Tuesday, Nov 26, 2024 - 06:11 PM (IST)
चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी) : हरियाणा विधानसभा की ओर से मंगलवार को संविधान दिवस के मौके पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने विधान सभा के अधिकारियों और कर्मचारियों को संविधान की उद्देश्यिका का वाचन करवाया। इससे पूर्व उन्होंने विधान भवन में स्थापित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर अनेक विधायकों ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि आज पूरा देश अपने संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता अर्पित कर रहा है। आज के दिन ही वर्ष 1949 में हमारे संविधान निर्माताओं ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान का निर्माण कार्य पूरा किया था। उन्होंने कहा कि इस संविधान के तहत कार्य करते हुए महान भारत निरंतर प्रगति की ओर अग्रसर रहा है। आज भारत ने जो मुकाम हासिल किया है, उसमें अगर सबसे बड़ी भूमिका की बात की जाए तो निश्चित रूप से इसका श्रेय संविधान को जाएगा। यह संविधान सिर्फ आकार में विश्व का सबसे बड़ा संविधान नहीं है अपितु इसकी व्यावहारिकता, इसकी स्वीकार्यता और दूरगामी दृष्टि इसे विश्व का सबसे आदर्श संविधान भी बनाती है।
इसका प्रमुख कारण यह रहा कि हमारे संविधान निर्माता जहां कानून के श्रेष्ठतम जानकार थे वहीं वे आधुनिक भारत की जरूरतों और इसके शाश्वत मूल्यों की बारीकियों को भी समझते थे। इसमें जहां नए भारत का स्पष्ट विजन स्पष्टता से रेखांकित किया गया, वहीं वैश्विक समाज में हमारी भूमिका प्रभावी बनी है। इस संविधान के तहत भारत ने संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को अपनाया, जिसका सीधा सा तात्पर्य है जनता का शासन।
कल्याण ने कहा कि संविधान दिवस हमारे देश के लिए विशेष दिन है। जब देश को आजादी मिली तो संविधान निर्माण बड़ा मुद्दा था। 11 दिसंबर 1946 को डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के अध्यक्ष बने और 26 नवंबर 1949 को उन्होंने संविधान बिल पर हस्ताक्षर किए और यह एक्ट बन गया। संविधान के कुछ अनुच्छेद इसी दिन लागू हो गए और शेष सभी 26 जनवरी 1950 को लागू हुए।
संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन 29 अगस्त 1947 को हुआ। 114 दिन काम करने के उपरांत कमेटी के अध्यक्ष डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने 21 फरवरी 1948 को इसका मसौदा संविधान सभा के अध्यक्ष को सौंपा। इस मसौदा पर संविधान ने गहन चर्चा की और 8 माह तक जनता के सुझावों के लिए भी रखा गया। कुल 7635 संशोधन के लिए सुझाव आए, इनमें से 2473 पर चर्चा हुई।
इस दौरान संविधान निर्माताओं ने अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, द.अफ्रीका, यूके, आयरलैंड, फ्रांस आदि देशों के संविधान का भी अध्ययन किया गया। प्रत्येक संविधान के अच्छे प्रावधान इस संविधान में शामिल किए गए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने इसकी आलोचनाओं को भी सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ शामिल किया। डॉ. अंबेडकर ने कहा था ऐसे सदस्यों के कारण ही यह संविधान अच्छा बन सका है।
कल्याण ने कहा कि हमारे संविधान को पूरी तरह से व्यवहारिक बनाया गया है। इसके अनुच्छेद 368 में संशोधन में तीन तरीके दिए गए हैं। कुछ साधारण बहुमत से, कुछ दो तिहाई बहुमत से, कुछ संशोधन इतने कड़े हैं कि इन्हें संसद के दो तिहाई बहुमत के साथ-साथ आधी विधायिकाओं में पारित करवाकर की किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि संविधान में अभी तक 106 संशोधन हो चुके हैं।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक घनश्याम दास अरोड़ा ने कहा कि यह हमारे संविधान में भारत माता को परम वैभव तक लेकर जाने का रास्ता बताया गया है। यह हमें अच्छे मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। विधायक मूलचंद शर्मा ने कहा कि यह संविधान विविधता भरे देश को दिशा देने का काम कर रहा है। विधायक भारत भूषण बत्रा ने कहा कि यह संविधान हमारे देश में कानून का शासन सुनिश्चित करता है। विधायक आफताब अहमद ने कहा कि लाखों कुर्बानियों के बाद आजादी मिली है। हमें हर कीमत पर इसकी रक्षा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संविधान को लागू करने में विधान पालिका की सबसे बड़ी भूमिका है। विधायक रामकुमार गौत्तम ने कहा कि आजादी बहुत मुश्किल से मिली है। भ्रष्टाचारियों और जातपात का जहर घोलने वालों से इसकी रक्षा बहुत जरूरी है। विधायक भगवानदास कबीरपंथी ने कहा कि इस संविधान की बदौलत ही सभी धर्मों के लोग अपने आप को सुरक्षित पाते हैं। सभी को एकजुट होकर देश को मजबूत करना चाहिए। कार्यक्रम में विधायक लक्ष्मण सिंह यादव, विनोद भ्याना व विधान सभा के सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।