जल विवाद: समय पर पानी छोड़ दिया होता तो पंजाब में नहीं आती बाढ़- BBMB

punjabkesari.in Thursday, Sep 25, 2025 - 03:50 PM (IST)

चंडीगढ़ : पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में बुधवार को भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) द्वारा हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने के फैसले पर जोरदार बहस हुई। पंजाब सरकार ने इस निर्णय को चुनौती देते हुए कहा कि बोर्ड को इस तरह का आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है और जल बंटवारा केवल पंजाब पुनर्गठन अधिनियम के तहत ही संभव है।

याचिका में पंजाब ने 23 अप्रैल को हुई बैठक के मिनट्स को चुनौती दी है। उस बैठक में BBMB ने हरियाणा को 8,500 क्यूसेक पानी देने का निर्णय लिया था। पंजाब सरकार का कहना है कि इस तरह का निर्णय भविष्य में खतरनाक उदाहरण बनेगा। जबकि BBMB का पक्ष है कि उसने अपने अधिकार क्षेत्र में रहते हुए मौसमी हालात, जलस्तर और सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही यह कदम उठाया।

हरियाणा को पानी दिया जाता तो स्थिति गंभीर नहीं होती- BBMB

हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान 23 और 24 अप्रैल की बैठकों के मिनट्स भी देखे। इसमें पाया गया कि हरियाणा ने अतिरिक्त पानी की मांग की थी, जबकि पंजाब ने साफ तौर पर कहा था कि 4,000 क्यूसेक से अधिक पानी नहीं दिया जाना चाहिए। BBMB चेयरमैन ने तकनीकी कारणों से जलस्तर कम करने की जरूरत बताई और कहा कि यदि उस समय हरियाणा को अतिरिक्त पानी छोड़ा गया होता तो पंजाब में बाढ़ की स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती।

हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को निर्देश दिया कि वह अगली सुनवाई तक 1974 के उन नियमों की प्रति प्रस्तुत करे, जिनसे बोर्ड की शक्तियां निर्धारित होती हैं। साथ ही अदालत ने सवाल उठाया कि अगर पंजाब को बोर्ड के फैसले पर आपत्ति थी तो उसने केंद्र सरकार से शिकायत क्यों नहीं की।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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