पर्यावरण बचाने की अनोखी पहल: मकान बनाने में पेड़ बना बाधा, तो काट दी घर की छत
punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2024 - 04:52 PM (IST)
करनाल: एक और जहां लोग भीषण गर्मी से त्रस्त हैं और इससे राहत पाने के लिए किसी पेड़ की छाया ढूंढते हैं, तो वहीं एक पेड़ की कीमत समझाने के लिए करनाल के व्यक्ति ने अनोखी मिसाल पेश की है। आमतौर पर आपने लोगों को घर या दुकान बनाने के लिए पेड़ काटते देखा होगा, लेकिन पेड़ को बचाने के लिए अपने घर की छत को काटते हुए किसी ने शायद ही देखा हो।
देश में निर्माण कार्यों के लिए हर वर्ष हजारों पेड़ों की बलि दे दी जाती है, लेकिन करनाल में एक परिवार ऐसा भी है जिसने एक पेड़ को बचाने के लिए अपने घर के लेंटर को ही काट डाला। इसके लिए उन्होंने अपने घर के डिजाइन खराब होने की भी परवाह नहीं की। प्रकृति और इंसान के बीच तालमेल का एक उत्तम उदाहरण पेश करते हुए करनाल के इस परिवार ने ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ एक संदेश देने का प्रयास किया है। पर्यावरण के प्रति इस परिवार की दीवानगी कहिए या फिर मां की यादों को संजोने का बहाना, विशाल शर्मा के परिवार ने घर में मां के हाथों से लगाए एक आम के पेड़ को बचाने के लिए अपने नए बन रहे घर के लिए पेड़ काटने बजाए अपनी छत को काटना ही बेहतर समझा। घर की छत के बीच में से निकला आम का ये पेड़ बरबस ही सबका ध्यान अपनी और आकर्षित करता है।
17 साल पहले मां ने लगाया था पेड़
विशाल शर्मा ने बताया कि करीब 17 साल पहले उनकी मां और बच्चों ने मिलकर अपने घर के आंगन में एक आम का पेड़ लगाया था जो अब काफी बड़ा हो गया था। जब उन्होंने पुराने घर को तोड़कर नया घर बनाना चाहा तो ये पेड़ उनके निर्माण कार्य के बीच में आ रहा था। राज मिस्त्री ने घर की छत डालने के लिए इस पेड़ को काटने की बात कही तो उन्होंने राजमिस्त्री से कुछ ऐसा करने को कहा कि पेड़ भी बच जाए और घर की छत भी बन जाए। इसके लिए उन्होंने राज मिस्त्री से घर की छत में इस तरह से सुराग करने को कहा कि पेड़ उसके अंदर से निकलकर खुले आसमान में बिना बाधा के फल फूल सके। घर के मालिक की भावनाओं को देखते हुए राजमिस्त्री ने आखिरकार घर के लेटर में सुराख करके पेड़ को उसके बीच से निकाल दिया जिससे एक हरा भरा पेड़ कटने से बच गया। विशाल ने बताया कि हमारी गली में एक भी पेड़ नहीं था जिससे गली बेजान सी लगती थी, ऐसे में हमने अपने पेड़ को बचाने का निर्णय लिया ताकि हमारे गली का पर्यावरण साफ और शुद्ध रह सके।
डेढ़ क्विंटल से ज्यादा लगते हैं आम
उनकी पत्नी मोनिका शर्मा ने बताया कि हमने जब मकान बनाया तो सब ने कहा कि इससे मकान का डिजाइन खराब हो जाएगा, लेकिन आज जब हम ने इस पेड़ को बचा लिया है तो सब लोग इसे बड़े ही गौर से देखते हैं, ये देखकर हमें बहुत अच्छा लगता है। उन्होंने कहा कि यह पेड़ हमें छाया ही नहीं बल्कि फल भी देता है और इस पर इस पर हर साल डेढ़ क्विंटल से ज्यादा आम लगते हैं, जिन्हें हम सब बड़े चाव से खाते हैं। उन्होंने कहा कि आम का पेड़ भगवान विष्णु का प्रतीक है जो शुभ माना जाता है। उन्होंने बताया कि इस पेड़ से उनके घर का तापमान 2 से 3 डिग्री कम रहता है और घर हमेशा ठंडा रहता है। उन्होंने कहा की पेड़ हमें जीवन देते हैं प्राण वायु देते हैं। कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी ने हमें पेड़ों का महत्व बता दिया है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि सब लोग पेड़ लगाएं तो न केवल ग्लोबल वार्मिंग से बचा जा सकता है बल्कि यह हमारे स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा होगा।
जिला वन अधिकारी जय कुमार ने विशाल शर्मा की इस अनोखी पहल की सराहना करते हुए कहा की अन्य लोगों को भी इससे सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पेड़ हमारे जीवन दाता है। हमें इन्हें काटने की बजाय इनका संरक्षण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमने प्रदेश में प्राण वायु देवता के नाम से योजना चलाई है जिसके तहत पेड़ों पुराने पेड़ों को पेंशन दी जाती है। इसके तहत करनाल में 112 पेड़ों को पेंशन दी जा रही है। इसके पीछे सरकार की मंशा पेड़ों को बचाने और संरक्षित करने की है।
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