बुजुर्ग पेंशन 6000 करने के दावे वाले हुडा ने अपने 10 साल में मात्र 500 बढ़ाये : अत्रेय

punjabkesari.in Tuesday, Aug 22, 2023 - 08:37 AM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): 2024 चुनावों को लेकर प्रदेश की सियासत पूरी तरह से गरमाई हुई है। सभी दल बड़ी-बड़ी चुनावी घोषणाएं कर रहे हैं। खास तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा कांग्रेस की सरकार आने पर मौजूदा सरकार के पोर्टल खत्म करने समेत कई प्रकार से जनता को लाभान्वित करने वाली बातें कर रहे हैं। इस पर डीआईजीपीआर विभाग में मीडिया सेक्रेटरी प्रवीण अत्रेय ने कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि मरता क्या ना करता वाली स्थिति भूपेंद्र सिंह हुड्डा की बनी है। आखिर 10 साल तक मुख्यमंत्री रहने के दौरान उन्हें जनता की याद क्यों नहीं आई। आज 6000 रुपए बुजुर्ग पेंशन करने की बात कह रहे हुडा ने अपने 10 साल में मात्र 500 की बढ़ोतरी की। उन्होंने कहा कि केवल जनता को भ्रमित करने का एक प्रयास है। उनके सभी नेता किरण चौधरी, सुरजेवाला, कुमारी शैलजा और भूपेंद्र सिंह हुड्डा अपनी-अपनी डफली अपने-अपने राग अलाप रहे हैं। हुड्डा ने हिसार के प्रोग्राम में होडिंग्स पर ना कांग्रेस का चुनाव चिन्ह लगाया, ना राहुल -सोनिया - प्रियंका की फोटो लगाई। उनमें केवल हुड्डा और उदयभान की फोटो थी। 2019 चुनाव से पहले हुड्डा ने खुद कहा कि पहले जैसी अब कांग्रेस नहीं रही और हुड्डा के इस झूठ को आज हरियाणा की जागरूक जनता पूरी तरह से समझ चुकी है।

केंद्रीय संगठन में प्रदेश के 3 नेताओं को जगह मिलने पर प्रवीण अत्रेय ने कहा कि जी23 के लोगों को इसमें जगह दिया जाना सीधे तौर पर एक इशारा है कि जनता का विश्वास कांग्रेस से उठ चुका है। 2004 से 2014 तक जनता ने खूब देखा कि किसान की जमीन सीएलयू के नाम पर बिल्डरों को दी गई, सरकारी नौकरियों की बंदरबांट की गई, मिर्चपुर कांड में पीड़ित को ही न्याय के लिए धरने देने पड़े, विशेष लोगों को इन्होंने रोजगार दिया, गरीब-शोषित-वंचित समाज को सरकार ने रोजगार से कोसों दूर रखा। जबकि वर्तमान में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आमजन को हर सरकारी सुविधा देकर साबित किया कि यह गरीबों की सरकार है। आज काबिलियत से युवाओं को नौकरी मिल रही हैं और विपक्ष की परेशानी का भी यही कारण है। मुख्यमंत्री ने पर्ची खर्ची और पैसे की व्यवस्था को बदल कर नौकरी का आधार योग्यता को बनाया। 8 साल में 1 लाख 10 हजार पक्की सरकारी नौकरियां दी। अच्छी आर्थिक नीतियां बनाए जाने के कारण 1 लाख 60 हजार छोटे-बड़े उद्योग प्रदेश में लगे। जिनमें 12 लाख 60 हजार युवाओं को रोजगार मिले। जबकि हुड्डा राज में होंडा जैसी फैक्ट्री में राजनीतिक संरक्षण के कारण आगजनी की गई। मारुति को अपना उद्योग पलायन करना पड़ा। यही फर्क इनकी और हमारी सरकार में रहेगा और जनता इसे खूब समझ रही।


अत्रेय ने कहा कि उद्योग धंधे आकर्षित करने के लिए हमारी सरकार ने अनुकूल माहौल तैयार करने का काम किया। अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर -सड़क- बिजली- कानून व्यवस्था- ट्रांसपोर्टेशन को समृद्ध किया। इसी कारण व्यापारियों ने यहां निवेश की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री मनोहर लाल की कोशिशों से आज हरियाणा शांत प्रदेश बन पाया है। व्यापारी यहां व्यापार करने में सुरक्षित महसूस करता है। हमने लालफीताशाही खत्म की। एक छत के नीचे ऐसी व्यवस्था बनाई जिसमें 537 योजनाएं मिल रही हैं। हरियाणा से एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी दर्ज हुई है। इसलिए लोगों को उनकी सोच का पता है और यह जितनी मर्जी फ्री की घोषणाएं करें हरियाणा की स्वाभिमानी जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी। जनसंख्या के अनुपात अनुसार हमेशा हरियाणा की जनता ने देश के उत्थान में अपने अनुपात से भी अधिक योगदान दिया है। हरियाणा आत्म सम्मान से जीने वाला प्रदेश है। यहां कर्मठ लोग रहते हैं जो मुफ्त की घोषणाओं से आकर्षित नहीं होंगे। गीता के उपदेश इस धरती से दिए गए जहां कर्म को प्रधान बताया गया था। हरियाणा अपने कर्म में विश्वास होता है।

 


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Content Writer

Isha

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