चंद समय में ही सीएम खट्टर की ‘आंख का तारा’ बने तरुण भंडारी
punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2023 - 02:18 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी) : कभी हरियाणा प्रदेश कांग्रेस में ऊंचे कद के पदाधिकारी रहे तरुण भंडारी आज भाजपा में हैं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पब्लिसिटी एडवाइजर के तौर पर काम कर रहे हैं। मृदुभाषी, स्पष्टवादी और उम्दा सोच के चलते कुछ ही समय में तरुण भंडारी ने सरकार के कामकाज को पंख लगाते हुए जहां मुख्यमंत्री के दिल में अपनी जगह बना ली है। वहीं आम जनमानस में भी उनकी एक उजली छवि उभरकर सामने आ रही है।
तरुण भंडारी ने कांग्रेस के अनेक कद्दावर नेताओं को बीजेपी में एंट्री करवाकर न केवल अपनी संगठनात्मक क्षमता को प्रदर्शित किया है अपितु वह मुख्यमंत्री के खासम खास बन गए हैं। यही वजह है कि मुख्यमंत्री के दौरों के दौरान उनकी उपस्थिति हर जगह पाई जाती है। तरुण भंडारी कांग्रेस में कभी प्रदेशाध्यक्ष रहे डॉ. अशोक तंवर की टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा थे। अशोक तंवर के साथ रहते उन्होंने पूरे प्रदेश की राजनीतिक नब्ज को समझा। तंवर के कांग्रेस छोडऩे के बाद तरुण भंडारी ने भी बीजेपी का हाथ थाम लिया।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने अपने साथी कांग्रेस के नेताओं को वहां से निकालकर बीजेपी में एंट्री करवाई जिससे मुख्यमंत्री को उनकी पकड़ का अहसास हुआ। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने उन्हें अपनी कोर कमेटी का सदस्य बनाया और अपना पब्लिसिटी एडवाइजर नियुक्त कर लिया। इस पद पर रहते हुए भंडारी ने अलग जगह बनाई और देखते ही देखते वे मुख्यमंत्री के काफी करीब होते गए। आज बीजेपी में तरुण भंडारी एक खास मुकाम रखते हैं।
तरुण भंडारी का कहना है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल साफ नीति,ईमानदारी छवि,कर्मठ कार्यशैली व बेबाक व्यक्तित्व के मालिक है।उनमें कोई बल चल नही है।भण्डारी ने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने अपने काम और योजनाओं से साबित किया है कि वर्तमान सरकार गरीब/वंचित और शोषित वर्ग के लिए अच्छा काम कर रही है। 2014 से पहले समाज का एक बड़ा हिस्सा पूरी तरह से अपने अधिकारों से वंचित था। सरकार की योजनाओं का लाभ इस बड़े हिस्से को नहीं मिल पाता था। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान प्रदेश के संसाधनों पर ताकतवर और सरकार के चहेते लोगों का ही कब्जा था। आम हरयाणवी स्वयं को अलग-थलग महसूस करता था। नौकरियों की बंदरबांट में यही ताकतवर और सरकार में रसूख रखने वाले पैसे और सम्बन्धों के आधार पर लाभान्वित होते थे। जिसका सटीक उदाहरण भुपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई एचसीएस की भर्तियां हैं। जिसमें लगभग आधे से ज्यादा चयनित लोग सरकार में शामिल लोगों के बच्चे और रिश्तेदार थे। को घर बैठे मिलता है।
नशा तस्करों पर शिकंजा
हरियाणा प्रदेश के दस जिले नशे की चपेट से ग्रसित थे। खुफिया विभाग द्वारा सरकार तक पहुंचाई गई इस जानकारी के बाद एक्शन में आए प्रदेश मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा जहां नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की स्थापना की गई वहीं अनेक विशेष दस्तों का गठन करते हुए भी नशे और नशा तस्करों पर पूर्ण रूप से लगाम लगाने के निर्देश जारी कर दिए गए। सीएम द्वारा की गई इस पहल के जो सार्थक परिणाम सामने आए, उसकी कल्पना भी किसी ने नहीं की थी। नशा तस्करों की कमर टूटने लगी, प्रदेश के कोने कोने में नशा तस्करों पर लगातार मामले दर्ज हुए और प्रदेश में पहली बार नशा तस्करों के खिलाफ ऐसा सख्त एक्शन लिया गया कि नशा तस्कर प्रदेश छोडने पर मजबूर होने लगे। सीएम मनोहर लाल के निर्देश पर नशा तस्करों की प्रापर्टी को धवस्त किया गया और अटैच किया जाने लगा। सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदमों के परिणाम स्वरूप जिन जिलों में नशे का कारोबार काफी अधिक होने की रिपोर्ट सरकार को दी गई थी, उन जिलों को नशा मुक्त बना दिया गया है।
युवा पीढ़ी के भविष्य को लेकर चिंतित हैं सीएम
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का कहना है कि युवा पीढ़ी देश का भविष्य है, देश का भविष्य युवाओं के मजबूत कंधों पर ही निर्भर है। अगर युवा अपने देश को समृद्ध, शक्तिशाली बनाने के साथ ही मजबूत समाज का निर्माण करना चाहते हैं तब उन्हें नशे की लत से दूर रहना होगा। विश्व तंबाकू निषेध दिवस के मौके पर सीएम ने कहा कि नशे पर रोक लगाने के लिए सरकार अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही है लेकिन नशे पर रोक लगाने के लिए युवाओं और समाज के एक बड़े वर्ग को आगे बढ़ कर काम करने की आवश्यक्ता है। युवा पीढ़ी को नशे की लत लगने की संभावना सबसे अधिक होती है और यहीं से राष्ट्र का मजबूत स्तंभ कमजोर होना शुरू होता है। ऐसे में यदि युवा खुद आगे आएंगे तब निश्चित रूप सके नशे पर रोक लग पाएगी।