OP Chautala Funeral: पंचतत्व में विलीन हुए ओपी चौटाला, बेटे और पोतों ने मिलकर दी मुखाग्नि
punjabkesari.in Saturday, Dec 21, 2024 - 04:06 PM (IST)
हरियाणा डेस्क: हरियाणा के पूर्व CM ओम प्रकाश चौटाला पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके दोनों बेटों व पोतों ने मिलकर मुखाग्नि दी। इस दौरान चौटाला परिवार के साथ आए लोगों की भी आंखें नम थी। बता दें कि ओपी चौटाला ने बीते दिन गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली। ओपी चौटाला काफी समय से बीमार चल रहे थे।
उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए सिरसा स्थित तेजा खेड़ा फार्म पर रखा गया था। अब उनके बेटे ने उनको मुखाग्नि दी। उनका शरीर तिरंगे में लपेटा गया था। उन्हें हरी पगड़ी और चश्मा भी पहनाया गया था। इस मौके राजनीतिक तौर पर अलग उनके दोनों बेटे अजय चौटाला व अभय चौटाला और भाई रणजीत चौटाला भी साथ मौजूद हैं। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ पत्नी सहित ओपी चौटाला के अंतिम सफर में पहुंचे हैं।
ओपी चौटाला की अंतिम विदाई से जुड़ी PHOTOS
मनोहर लाल व नायब सैनी ने गांव तेजा खेड़ा पहुंचकर दी श्रद्धांजलि
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अभय चौटाला को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दी सांत्वना
दोनों बेटों के कंधे पर चौटाला का अंतिम सफर
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अंतिम विदाई की तस्वीरें
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दुष्यंत चौटाला ने पूर्व सीएम को लौहपुरुष बताया
अंतिम दर्शन पूज्य दादा लोहपुरुष चौधरी ओम प्रकाश चौटाला जी 🙏🏻 pic.twitter.com/3WAH1XQBYV
— Dushyant Chautala (@Dchautala) December 21, 2024
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कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला ने तेजा खेड़ा पहुंचकर श्रद्धांजलि दी
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ओपी चौटाला के अंतिम दर्शन की तस्वीर आई सामने
बता दें ओपी चौटाला ने 1968 में उनकी सियासत में एंट्री हुई थी। चौटाला हरियाणा में धोती-कुर्ता पहनने वाले आखिरी CM थे। गहरे हरे रंग की तुर्रा वाली पगड़ी चौटाला की पहचान थी। हर कार्यक्रम में वह यही पगड़ी पहनकर जाते थे। उनके बाद जो भी सीएम बने, चाहे भूपेंद्र हुड्डा, मनोहर लाल खट्टर हो या फिर नायब सैनी, लेकिन उन्होंने कभी सार्वजनिक कार्यक्रम में धोती और पगड़ी नहीं पहनी।
ओपी चौटाला ऐसे नेता रहे जिनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल 5 दिन से लेकर 5 साल तक का रहा। उनसे जुड़े कई रोचक किस्से भी मशहूर हैं। इसमें से एक किस्सा ये भी था कि ओपी चौटाला ने पहली बार चुनाव लड़ा और हार गए। इस बाद उन्होंने जिद्द पर अड़े रहे और चुनाव रद्द करवाकर दोबारा फिर से उपचुनाव कराया और जीत गए। साल 1968 में हरियाणा में विधानसभा के चुनाव हुए। ऐलनाबाद सीट से ओम प्रकाश चौटाला ने चुनाव लड़ा। पारंपरिक सीट होने की वजह से यहां के चुनाव में पूरे चौधरी परिवार ने ताकत झोंक दी, लेकिन चौटाला विशाल हरियाणा पार्टी के लालचंद्र खोड़ा से चुनाव हार गए। चुनाव हारने के बाद ओम प्रकाश चौटाला ने धांधली का आरोप लगाए। फिर वे हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़े। आखिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1970 में ऐलनाबाद सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई। चौटाला यहां से उपचुनाव में उतरे और जीतकर पहली बार विधायक बने।
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