हरियाणा के छोरे ने बनाई स्मार्ट डस्टबिन, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड दर्ज हुआ नाम, जानिए खासियतें

punjabkesari.in Saturday, Aug 31, 2019 - 03:38 PM (IST)

कैथल (सुखविन्द्र सैनी): हरियाणा के जिले कैथल में गांव मुंदड़ी के बीबीए के छात्र लवलेश दत्त ने एक स्मार्ट डस्टबिन बनाकर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड में अपना नाम दर्ज करवाया है। छात्र लवलेश दत्त ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाते हुए अपने आईडिया और स्किल से डस्टबिन इजाद किया है। उन्होंने अपने इस प्रयोग को पहले संबंधित विभाग से पेटैंट करवाया। इसके बाद इस पर काम करते हुए अपना डस्टबिन तैयार किया।

इजाद करने वाले लवलेश ने बताई खासियतें
लवलेश दत्त ने बताया कि उनके द्वारा तैयार की गई स्मार्ट डस्टबिन हर उम्र के व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब कोई भी व्यक्ति इस डस्टबिन की ओर जाता है तो वह स्वयं ही खुल जाती है, उसे हाथ नहीं लगाना पड़ता है। इसी प्रकार वह बंद भी स्वयं होती है। इसकी खास बात यह भी है कि वह धूप में रिचार्ज होती है, जिससे बिजली की भी बचत होती है। 

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कूड़ा डालने के बाद डस्टबिन बोलेगी थैंक्यू
इसी प्रकार इस डस्टबिन की यह भी खूबी है कि इसमें कचरा फुल होने के बाद वह स्वयं बता देती है। यह डस्टबिन जब खुलती है तो वेलकम, कूड़ा डालने के बाद थैंक यू आदि बोलती है, जिसमें अलग-अलग भाषाएं शामिल हैं, जिससे बच्चे, बुजुर्ग, युवा आदि हर कोई इसकी ओर आकर्षित होगा। 

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी देखा है प्रयोग
लवलेश का कहना है कि इसे घरों में प्रयोग करने के साथ रेलवे स्टेशन, बस अड्डा जैसे सार्वजनिक जगहों पर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है। उन्होंने अपने इस प्रयोग को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को भी दिखाया और इसे दिल्ली में लागू करने का आग्रह किया। हालांकि केजरीवाल ने उन्हें इस डस्टबिन को दिल्ली में रखने की बात कही है।

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कीमत 900 से से एक हजार रूपये तक
लवलेश दत्त की इस अनूठी खोज का दाम भी काफी सस्ता है। घरों में रखने जाने वाली इस डस्टबिन की कीमत 900 रुपए से एक हजार रुपए तक होगी।

ऐसे दिमाग में आया आईडिया
लवलेश ने बताया कि एक दिन जब वो स्कूल से लौट रहे थे तो कूड़ा ऐसे ही डस्टबिन से बाहर डाल दिया। तो टीचर ने कहा कि ये कूड़ा डस्टबिन में डालो ये तुम्हें कूड़ा डालने के लिए बुलाने थोड़े ही आएगी। उसी दिन से दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना बोलने वाली डस्टबिन बनाई जाए, जो खुद बुलाए और फिर कूड़ा डालने के बाद थैंक यू करे। 

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नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2019 से भी हुए हैं सम्मानित
लवलेश दत्त के दादा ने बताया कि बेटे की इस उपलब्धि को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट संतोष शुकला ने भी उन्हें नेशनल एक्सीलेंस अवार्ड 2019 से सम्मानित किया है। छात्र की इस उपलब्धि से गांव के लोगों में खुशी है।


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Shivam

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