गूगल मैप की मदद से 10 माह बाद मिला किशोर के माता-पिता का मिला ठिकाना

punjabkesari.in Wednesday, Dec 16, 2020 - 01:46 AM (IST)

पानीपत, (संजीव नैन) : करीब दस माह पहले पानीपत रेलवे स्टेशन पर पहुंचे मानसिक दिव्यांग किशोर को आखिर बाल कल्याण समिति की कड़ी मेहनत के बाद उसके माता-पिता से मिलने का सौभाज्य मिल ही गया। इस पूरे प्रकरण में डिजीटल प्लेटफार्म ने एक बड़ी अहम भूमिका अदा की है। बहरहाल जहां माता-पिता अपने बेटे को पाकर बेहद खुश हैं, वहीं बेटे की खुशी का भी कोई ठिकाना नहीं है। सूचना पाकर पानीपत पहुंचे किशोर के पिता और चाचा बेटे को पाकर बार-बार समिति का धन्यवाद करते नहीं थक रहे थे। किशोर तीन भाई-बहनों में सबसे छोटा है। उसका एक बड़ा भाई और बहन है। पिता शिव लाल व चाचा सुखपाल ने बताया कि वे मजदूरी करते हैं। जबसे बेटा सुरेश घर से गया है, तब से पूरे परिवार को चैन नहीं था। इस अवसर पर बाल विकास समिति की चेयरपर्सन पदमा रानी के अलावा अशोक कुमार, शिव सहाय, मीना कुमारी, सुरेश और मुकेश प्रमुख रूप से मौजूद रहे। समिति ने रीवा बाल पुनर्वास केंद्र को लिखा है कि वह लगातार किशोर सुरेश पर नजर रखें। ताकि किशोर देाबारा लापता न हो।
दरअसल मध्य प्रदेश के रिवा का रहने वाला 16 वर्षीय सुरेश फरवरी, 2020 में पानीपत रेलवे स्टेशन पहुंच गया था। जहां  जीआरपी ने उसे लावारिस हालत में घूमते देखकर पकड़ा व बार-बार उससे पूछा लेकिन कुछ बता नहीं पा रहा था। जिस पर किशोर को बाल कल्याण समिति को सौंपा गया जहां से उसे शिव नगर स्थित बाल श्रमिक पुनर्वास केंद्र में भेज दिया गया। केंद्र में रहते हुए वह अन्य बच्चों से घुला-मिला। उनके साथ खेलने लगा तो धीरे-धीरे अपने बारे में कुछ बातें बताने लगा। किशोर अपने गांव का पूरा नाम तो नहीं बता सका। एक दिन उसने बताया कि वह मध्य प्रदेश के रीवा का रहने वाला है।
बाल कल्याण कमेटी की जिला अध्यक्ष एडवोकेट पदमा रानी ने तब रीवा में बाल पुनर्वास केंद्र में बात की। वहां से कुछ पता नहीं चला। जिस पर जब प्यार से सुरेश से आगे पूछताछ की तो उसने कुछ गांवों के नाम बताए। जो नाम उसने बताए उससे मिलते-जुलते नामों को गूगल पर तलाश करते हुए आखिरकार उसके गांव सोहावल खुर्द की जानकारी मिली। केंद्र के वार्डन सोमदत्त ने गूगल की मदद से सोहावल खुर्द के ग्राम सचिव का नंबर निकाला। जिससे सम्पर्क करने पर पता चला कि उक्त गांव से एक मानसिक दिव्यांग किशोर लापता है। सही तथ्य के की पुष्टि के लिए सचिव ने बाद में व्हाट्स एप पर सुरेश के आधार कार्ड की फोटो भेज दी। जिससे कन्फर्म हो गया कि यह वही किशोर है जिसका ग्राम सचिव ने जिक्र किया है। मामला किशोर के परिवार तक पहुंचा तो उन्होंने केन्द्र के वार्डन से सम्पर्क करके बताया कि उन्होंने पुलिस में बेटे की गुमशुदगी की रिपोर्ट दे रखी है तथा तलाशने के काफी प्रयास भी किए। जब उन्हें बेटे के पानीपत में होने का पता चला तो बाल कल्याण से सम्पर्क करने के बाद तय हुए कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को पिता शिवलाल और चाचा सुखलाल पानीपत पहुंचे और अपने बेटे को साथ ले गए। परिजनों ने समिति के पदाधिकारियों के साथ-साथ वार्डन का भी आभार प्रकट किया है।
 


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Content Editor

Sanjeev Nain

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