पुलिस की 'होशियारी', खुद पर ही पड़ी 'भारी'...और अधिकारी रह गए हाथ मलते

punjabkesari.in Saturday, Nov 28, 2020 - 02:31 AM (IST)

पानीपत, (संजीव नैन) : जी.टी. रोड पर पुलिस लाईन के पास दिल्ली की ओर कूच कर रहे किसानों को रोकने के लिए पुलिस द्वारा की गई बैरिगेटिंग व हर प्रकार के इंतजामों को धाराशायी करते हुए शुक्रवार को हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की ओर कूच कर गए तथा पुलिस के अधिकारी बेबस होकर केवल तमाशा देखते रहे गए। हालांकि बाद में पुलिस ने एसए की शिकायत पर हजारों किसानों के खिलाफ थाना औद्योगिक सैक्टर-29 में भादंसं की 5 धाराओं के साथ-साथ डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट व नैशनल हाईवे एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
सिपाही निशांत ने दी शिकायत में बताया कि वह सैक्टर-29 थाना के क्षेत्राधिकार में बतौर एसए तैनात है। किसान आंदोलन के संबंध वह अपनी खुफिया ड्यूटी कर रहा था। किसान आन्दोलन केचलते ही पानीपत प्रशासन द्वारा आंदोलनकारियों को रोकने के लिए पुलिस लाईन पानीपत के सामने जी.टी. रोड पर बैरिगेटिंग की हुई थी। तभी काफी किसान नेता मान ग्रुप वा चढूनी ग्रुप अपने साथ अन्य किसान नेता व किसानों की काफी भीड लेकर ट्रैक्टर ट्राली व गाडिय़ो के साथ दिल्ली चलो के नारे के लगाते हुए पानीपत की तरफ से आए। जिनको पानीपत प्रशासन के अधिकारियों द्वारा समझाने का प्रयत्न किया गया व समझाया गया कि पानीपत में धारा 144 लागू की गई है, इसीलिए वे लोग इस तरह से ज्यादा संख्या में इक्ठ्ठे नहीं हो सकते। देश में कोरोना महामारी का प्रकोप है, भीड़ इक्_ी होने से कोरोना महामारी फैलने का भी डर है, लेकिन किसान आंदोलनकारी प्रशासनिक अधिकारियों के आदेशो की उल्लघंना करते हुए अपने वाहनों सहित प्रशासन द्वारा की गई बैरिगेटिंग को तोड़ते हुए व जोर-शोर से नारे लगाते हुए भारत सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि अध्यादेशों के खिलाफ दिल्ली चलो रैली में शामिल होने के लिए चले गए हैं। इतनी ज्यादा संख्या में लोगों द्वारा इक्क_ा होकर कोरोना महामारी के संबंध में नियमो की उल्लघंना करते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग नम्बर 44 को अवरुध किया है। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी में बाधा पहुंचाई है।
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जब आईजी ने बताया कैसे करते हैं वाटर कैनन का इस्तेमाल
जी.टी. रोड पर सिवाह पुलिस लाइन के सामने किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए पुलिस द्वारा जहां बैरिगेटिंग लगाकर व आड़े-तिरछे ट्रक खड़े करके रास्ते को रोका गया था। वहीं किसानों पर पानी की बौछार करने के लिए वाटन कैनन का भी इंतजाम किया गया था। वाटन कैनन पर दो पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई थी। जो कि किसानों को पीछे हटाने के लिए किसानों के साथ-साथ उनके वाहनों पर भी पानी की बौछारें मार रहे थे। लेकिन दोनों ही पुलिस कर्मी द्वारा सटीक तौर पर बौछारें नहीं मारी जा रही थी जिससे ऐसी चर्चा होने लगी थी कि पुलिस द्वारा केवल औपचारिकता पूरी की जा रही है। ऐसे में करनाल रेंज की आईजी भारती अरोड़ा ने मोर्चा संभालते हुए पुलिस कर्मियों को न केवल फटकार लगाई बल्कि वाटर कैनन को नियंत्रित करना भी बताया। वाटर कैनन में पानी की कमी न होने पाए इसके लिए फायर बिग्रेड की पांच गाडिय़ों को वाटर कैनन तक पानी पहुंचाने के लिए लगाया गया था।
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वाटर कैनन पर पथराव, किसानों को पुलिस से लगानी पड़ी रहम की गुहार
पुलिस लाईन के पास लगातार पांच घंटे तक पुलिस ने जहां वाटर कैनन से किसानों पर पानी की बौछार की वहीं बीच-बीच में आंसू गैस के गोले भी दागे गए। इतनी देर तक पानी की बौछार झेल रहे किसानों का धैर्य जब जवाब दे गया तो कुछ किसानों ने वाटर कैनन पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिसे देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल को बुलाया गया। पुलिस की बढ़ती से सख्ती को देखकर पत्थरबाजी कर रहे किसान रहम की गुहार लगाते हुए भी दिखाई गई। हालांकि बाद में किसान हर प्रकार की बाधा को पार करके दिल्ली की ओर कूच कर गए।
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जब जेसीबी को देखकर उग्र होने लगे किसान
शुक्रवार दोपहर करीब 12 बजे पुलिस ने जहां सडक़ तीन तीन ट्रक आड़े-तिरछे खड़े कर दिए वहीं वन-वे हाईवे पर जेसीबी से भारी-भरकम पत्थर भी रख दिए। मौके पर आईजी करनाल रेंज करनाल भारती अरोड़ा व एसपी पानीपत मनीषा चौधरी स्वयं मौजूद रहकर पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए थे। रोड को प्रशासन द्वारा बंद कर देने से किसानों ने सडक़ के किनारे कच्चे रास्ते से ही अपने वाहन निकालने शुरू कर दिए। जिस पर पुलिस प्रशासन ने जेसीबी से सडक़ के किनारे कच्चे रास्तों पर भी गड्ढ़े बनाने शुरू कर दिए। जिस पर किसान उग्र होने लगे तथा इस कार्रवाई का विरोध किया। हालांकि बाद में पुलिस प्रशासन जेसीबी मशीन को वहां से हटाते हुए कच्चे रास्ते से किसानों को जाने दिया।
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खुद खाकी पर ही भारी पड़ गए आंसू गैस के गोले
कहते हैं कि फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमां बुझेगी जिसे रोशन खुदा करे। कुछ ऐसा ही किस्सा शुक्रवार को किसानों के साथ भी हुआ। दरअसल किसानों पर लगातार आंसू गैस के गोले दाग रही पानीपत पुलिस के खिलाफ मानों कुदरत भी आकर खड़ी हो गई। जब पुलिस गोले दाग रही थी तो अचानक हवाओं का रुख पलटा और आंसू गैस के गोलों की आंच आईजी भारती अरोड़ा, एसपी मनीषा चौधरी अन्य पुलिस कर्मियों तक भी पहुंची। जिससे वे आंसू गैस से बचने के लिए रूमाल से मुंह ढक़ते दिखाई दिए। वहीं हवा का रूख विपरीत होने से वाटर कैनन का प्र्रैशर भी प्रभावित हुआ तथा उनकी तेजी से किसानों पर नहीं पड़ा। जहां आंसू गैस के गोलों से ट्रैक्टर चला रहे किसानों को देखने व वाहन चलाने में दिक्कत हुई वहीं कई आम नागरिक भी बेसुध हुए हैं। सैकड़ों राउंड गोले चलाए जाने से वहां से गुजर रहे आम दो पहिया वाहन चालकों की आंखें हैल्मेट के बावजूद प्रभावित हुई। साथ में गैस से गले में जकडऩ होने की वजह से सांस लेने में दिक्कतें आई। कई दोपहिया वाहन चालक व सवार इधर-उधर उल्टी करते व सिर पकड़ कर बैठे देखे गए।

रिपोर्ट : संजीव नैन, पानीपत।
 


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Content Editor

Sanjeev Nain

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