चमकी बुखार का लीची कनेक्शन, आधा रेट होने के बाद भी विक्रेताओं को नहीं मिल खरीददार

punjabkesari.in Friday, Jun 21, 2019 - 01:25 PM (IST)

रादौर (कुलदीप सैनी): बिहार में चमकी बुखार का कहर लगातार जारी है। कई लोग लीची के फल को भी इस बिमारी से जोड़कर चल रहे है, जिसके चलते मार्कीट में पहले के मुकाबले लीची खाने वाले शौकीनों की तादात लगातार घट रही है  हालाकिं लीची के दाम भी पहले के मुकाबले आधे हो गए है बावजूद लोगो के अंदर भय होने के कारण लोग इसके सेवन करने से बच रहे है।

रादौर सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है की जिन व्यापारी भाइयों ने बाग़ ठेके पर लिए हुए है उनको काफी नुक्सान है क्योकि उन्होंने लीची की अच्छी सेल के कारण बाग़ महंगे दामों पर ठेके पर लिए हुए थे, अब इस फल के खरीददार कम होने के कारण उन्हें आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ रहा है वहीं सब्जी मंडी में खरीददारी करने आए स्थानीय निवासी निक्कू चौहान ने कहा की चमकी बुखार की वजह से ज्यादातर लोग लीची की खरीददारी से परहेज कर रहे है।

गौरतलब है कि चमकी बुखार से ज्यादातर उन इलाकों के बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, जो इलाके लीची की पैदावार के लिए जाने जाते हैं। मुजफ्फरपुर में होने वाली मौतों का कारण लीची ही है, यह बात अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं हुई है। 'चमकी बुखार' बिहार के लिए नया नहीं हैं। इससे पहले के सालों में भी यहां इस बुखार के कारण सैकड़ों बच्चों की जानें गई हैं। 2014 में इस बुखार से बच्चों की मौत के बाद वैज्ञानिकों की एक टीम शोध के लिए बिहार पहुंची थी। शोध में वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसे तथ्य रखे थे, जिससे पता चलता है कि भले ही मौत की वजह कोई भी हो, मगर लीची का सेवन कई बार जानलेवा हो सकता है।


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Isha

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