मैथ टीचर बना किसान...खीरे की फसल उगाकर रचा इतिहास, कमा रहा लाखों

punjabkesari.in Thursday, Dec 10, 2015 - 12:11 PM (IST)

तोशाम (भारद्वाज): ढाणी किरावड़ के एक प्रगतिशील किसान राजेश कुमार ने अपने खेत के 3 एकड़ में गुजरात से खीरे की उन्नत किस्म की खेती शुरू की है जिसकी भिवानी व हांसी की मंडियों में खीरे की इस किस्म की भारी मांग है। राजेश कुमार पेशे से गणित के प्राध्यापक हैं। किसान इससे पहले लिलियम के फूलों की खेती कर अपनी पहचान बना चुके हैं जिसमें उसे काफी मुनाफा कमाने का अवसर मिला था। उसी से उत्साहित होकर राजेश कुमार ने खीरे की खेती शुरू की।

खीरे की इस किस्म नैट हाऊस में की जाती है। एक एकड़ में लगाई गई खीरे की फसल से लगभग 6 से 7 लाख रुपए की आमदनी हो जाती है। मंडी में काम करने वाले सब्जी व्यापारियों को खीरे की इस खास किस्म को काफी पसंद किया जा रहा है। किसान राजेश कुमार ने बताया कि उसने गुजरात से खीरे का बीज लाकर अपने खेत में लगाया हुआ है। एक बीज के लिए 4 रुपए खर्च करने पड़ते हैं। किसान ने बताया कि एक एकड़ में लगभग 12000 बीज रोपित किए जाते हैं।

लगभग 35 दिन बाद बेलों में खीरे लगने शुरू हो जाते हैं। एक एकड़ में लगभग 2 से अढ़ाई टन तक उत्पादन होता है। खीरे की यह किस्म गहरे हरे रंग की होती है और खाने में बड़े ही स्वादिष्ट होते हैं। शहरों में सलाद का शौक रखने वाले लोगों के लिए यह खीरा प्याज का विकल्प साबित हो रहा है। खीरे की इस किस्म को साल में 3 बार लिया जा सकता है। यह फसल 100 दिन में पूरी होती है। किसान इस प्रकार की खेती करके जोरदार मुनाफा कमा सकते हैं।

इस फसल में ज्यादा मेहनत की भी जरूरत नहीं होती। लगातार घाटे का साबित हो रही खेती के इस विकल्प को अपनाकर किसान मालामाल हो सकते हैं। प्रगतिशील किसान ने बताया कि यदि किसान पारम्परिक फसलों को छोड़कर ऐसी खेती करें तो वे हर साल हो रहे घाटे से भी उभर सकते हैं। उक्त किसान ने पहले लिलियम के फूलों की खेती कर काफी मुनाफा कमाया था जिसकी पूरे क्षेत्र में चर्चा हुई थी।


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