तेंंदुआ पकड़ने को लेकर नियम रखे ताख पर, पिंजरे में रखी थीं बकरियां

punjabkesari.in Saturday, Oct 07, 2017 - 02:17 PM (IST)

गरुग्राम (सतीश राघव): 35 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आईएमटी मानेसर स्थित मारुति प्लांट में घुसे तेंदुआ को आखिरकार शुक्रवार को पकड़ लिया गया। लेकिन इस दौरान तेंदुए को पकडऩे के लिए फारेस्ट, वाइल्ड लाइफ व पुलिस विभाग द्वारा बरती गई लापरवाही में पशु क्रूरता एक्ट 1960, 120- बी, 188, 268 सहित विभिन्न धाराओं का उल्लंघन करने पर पीपुल्स फार एनीमल्स संस्था द्वारा आईएमटी मानेसर थाना के एसएचओं केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय को शिकायत भेजकर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है।

संस्था के मुताबिक किसी भी वन्य जीव को पिंजरे में कैद करना व घंटो उन्हे शेर, चीते व बाघ आदि जैसे जंगली जानवरों के सामने परोसना पशु क्रूरता एक्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है। इसके अलावा तेंदुए को पकडऩे के दौरान अप्रशिक्षित कर्मचारियों व उनके द्वारा प्रयोग की विधि भी एक्ट के उल्लंघन में आता है। उन्होंने कहा कि इसे लेकर केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्रालय द्वारा पूरे देश के वाइल्ड लाइफ व फारेस्ट विभाग को एक सर्कुलर के माध्यम से गाइड लाइन जारी कर थी गई थी, जिसमें हरियाणा प्रदेश का भी नाम था। उन्होंने मांग करते हुए कहा है कि अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए जो कार्रवाई के दौरान नियमों का उल्लंघन किए है। इसके अलावा उन्होंने वन्य जीवों की सुरक्षा आदि को लेकर विशेष दिशा निर्देश जारी करने व तेंदुओं की सुरक्षा के लिए प्रोजेक्ट टाइगर की तरह प्रोजेक्ट लेपर्ड जैसे अभियान चलाने की मांग की। संस्था के संरक्षक नरेश कादियान के मुताबिक अरावली में तेजी से जंगलों में होते इंसानी घुसपैठ व अतिक्रमण जानवरों पर भारी पडऩे लगा है। पिछले 4 वर्षों के दौरान रिहायसी इलाकों में घुसने के कारण अब तक 5 तेंदुए की मौत हो चुकी है, जबकि कई सड़क दुर्घटना स्थानीय लोगों के हमले में मार दिए गए।

कागजों में कैद हुई घोषणाएं
आप को बता दें कि अरावली में वन्य जीवों को सड़क के रास्ते बाहर आकर रिहयासी इलाकों में घुसने से रोकने के लिए उन जगहों पर वर्ष 2011 में दिवार बनाने या बाड़ लगाने संबंधी निर्देश जारी किए गए थे। बताया जा रहा है बीते एक दशक में जंगली इलाकों में तेजी से किए गए नव निर्माण, अतिक्रमण जंगली जानवरों को पलायन के लिए मजबूर कर रहा। साथ ही जंगलों के आसपास पेट्रोलिंग करने व वन्य जीवों पर नजर रखने के लिए सभी संभावित इलाकों में सीसीटीबी लगाने के निर्देश दिए गए थे। बताया जा रहा है कि विभाग की ये घोषणाएं जमीन पर काम करने के वजाय  कागजों में कैद होकर रह गई हैं।


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