डेरा समर्थक ही बढ़ा रहे हैं राम रहीम की मुश्किलें, बन रहे हिंसा प्रकरण के गवाह

punjabkesari.in Saturday, Dec 16, 2017 - 04:20 PM (IST)

चंडीगढ़(धरणी): 25 अगस्त को पंचकूला में हुई हिंसा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। घटना के बीतने के साथ-साथ जैसे-जैसे हिंसा प्रकरण से जुड़े साक्ष्यों को लेकर बयान देने की तैयारी में दर्जनों लोग खड़े हैं। इसी सिलसिले में डेरे के दो समर्थक अनिल और राजेश के बयान दर्ज किए गए हैं, जिसमें डेरा और डेरा प्रमुख के राज से पर्दा उठने लगा है। इसमें पंचकूला हिंसा मामले में डेरा प्रमुख की भूमिका जैसे-जैसे साफ हो रही है, माना जा रहा है कि कानून का शिकंजा और भी कसेगा।

25 अगस्त को जब पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में जब गुरमीत राम रहीम को दोषी करार दिया गया तो उसके बाद यहां हिंसा और आगजनी और तोडफ़ोड़ हुई। इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि वाहनों सहित करोड़ों की संपत्ति का भी नुकसान हुआ। इस मामले में डेरा प्रमुख को सजा सुनाने के बाद से वह सुनारिया जेल में है, जहां एसआईटी एक बार पूछताछ भी कर चुकी है।

सूत्रों के अनुसार, अनिल और राजेश की तरह अभी कई ऐसे लोग हैं, जो डेरा प्रमुख सहित पंचकूला हिंसा प्रकरण को लेकर खुलासा करने की तैयारी में हैं। जैसे-जैसे उनके बयान सामने आएंगे, हिंसा मामले में कुछ और गिरफ्तारियां होंगी। इन बयानों से कई ऐसी सच्चाई भी सामने आएंगी, जिससे अब तक पर्दा नहीं उठ सका है।

मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में अनिल और राजेश ने संकेत दिए कि पंचकूला में हुए खून-खराबे के पीछे राम रहीम का हाथ है। राम रहीम के इशारे पर ही हिंसा का तांडव हुआ। उन्होंने पुलिस को बताया कि 17 अगस्त को सिरसा में हुई बैठक में हिंसा का ब्लू प्रिंट तैयार कर इसे अमलीजामा पहनाने की जिम्मेवारियां डेरा करीबियों को सौंपी गईं। मामले में राम रहीम की करीबी राजदार हनीप्रीत सहित कई और समर्थकों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पहले गिरफ्तार आरोपियों से हुए खुलासे में जिन बिन्दुओं पर अब तक भी डेरा के नजदीकियों ने मुंह बंद कर रखा है, वो राज भी जल्द सामने आएंगे। 

पहले हुई कार्रवाई के दौरान सिरसा डेरा से हुई दस्तावेज, प्रॉपर्टी सहित अन्य सुबूतों की बरामदगी के बाद पुलिस लगातार इस केस को और मजबूत करने में जुटी हुई है। हालांकि, अभी तक आदित्य इंसां सहित कुछ अन्य आरोपी फरार हैं। माना जा रहा है कि हिंसा मामले में कुछ और खुलासे के बाद कानून का शिकंजा डेरा प्रमुख पर और सख्त हो।


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