10वीं फेल MLA-MP बन सकते हैं तो पंच-सरपंच क्यों नहीं: दीपेंद्र

punjabkesari.in Wednesday, Aug 19, 2015 - 11:17 AM (IST)

फतेहाबाद: भाजपा की प्रदेश सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को लेकर जो 10वीं पास की न्यूनतम योग्यता तय की है, इससे जनता की भावनाएं आहत हुई हैं। यदि सरकार पढ़े-लिखों को आगे लाना चाहती थी तो पहले यह योग्यता विधानसभा व लोकसभा में अनिवार्य करती।

यह बात रोहतक के कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने फतेहाबाद में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। एक सवाल के जवाब में हुड्डा ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा संसद का सम्मान किया है। संसद का समय जाया करने में कांग्रेस का कोई हाथ नहीं है।
 
कांग्रेस सदन में चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री का जवाब चाहती थी, परंतु प्रधानमंत्री सदन में आए ही नहीं। जी.एस.टी. बिल पर सांसद हुड्डा ने कहा कि कुछ संसोधनों के बाद कांग्रेस बिल का समर्थन कर सकती है। सांसद हुड्डा ने पार्टी में फैली गुटबाजी के सवाल के जवाब में बताया कि पार्टी में किसी भी तरह की गुटबाजी नहीं है।

उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी में कार्यकत्र्ताओं को पूरा मान-सम्मान मिला है और जो कार्यकत्र्ता बच गए हैं उन्हें पार्टी में पूरा मान-सम्मान दिलवाया जाएगा। इनैलो प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुलाकात को उन्होंने शिष्टाचार भेंट बताया।

हुड्डा ने कहा कि पंचायती चुनावों में हो रही देरी को लेकर उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा अपनी हार से डरी हुई है। इसलिए 10वीं की न्यूनतम योग्यता रखकर चुनावों को देरी से करवाना चाहती है। उन्हें पता है कि यदि यह मामला कोर्ट में चला गया तो इसमें समय लग सकता है।


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