महामारी से दिहा़ड़ीदार मजदूरों को नहीं मिल रहा काम, घर का गुजारा करना हुआ मुश्किल
punjabkesari.in Monday, Aug 03, 2020 - 04:42 PM (IST)
रतिया : करीब 4 माह से देश में कोरोना महामारी के चलते ठप्प हुए काम-धंधों का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूरों पर पड़ा है। रतिया शहर के भगत सिंग चौक में आसपास के कई गांवों से प्रतिदिन सैकड़ों दिहाड़ीदार मजदूर शहर में दिहाड़ी के लिए एकत्रित होते है। गांवों से पहुंचने के वाले मजदूर भवन निर्माण सहिक अनेक कार्यों पर दिहाड़ी पर कार्य करते है जिससे उनके परिवार का गुजारा चलता है लेकिन देश में कोरोना महामारी के पैर पसारने के बाद करीब 4 माह से अधिकांश काम ठप्प है अग कुछ चल भी रहे है तो उसमें ज्यादा मजदूरों का सहारा नहीं लिया जा रहा है जिस कारण अधिकांश मजदूर दिनभर दिहाड़ी लगने की आस लिए चौक में बैठे रहते है और शाम को बिना काम किए वापस लौट जाते है।
सोमनाथ, गोपी राम, मनोज कुमार, सुरेश कुमार, नामदेव, बलदेव सिंह, दयाल सिंह, रुपा सिंह, तेजा सिंह, काका सिंह, बूटी सिंह, भोला सिंह, सतनाम सिंह सहित अनेक मजदूरों ने बताया कि वे कई सालों में गांवों से शहर में दिहाड़ी करने के लिए आ रहे है। पूर्व में उन्हें शहर में काफी काम मिल जाता था जिससे उसका परिवार का अच्छा गुजारा चल रहा था। लेकिन मार्च के अंत में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन किए जाने के बाद से सारे काम-धंधे ठप्प हो गए। काम बंद होने के कारण उन्हें भी कभी-कभार ही दिहाड़ी मिल पाती है।
इन मजदूरों का कहना है कि लोगों की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण अधिकांश काम-धंधे अभी भी बंद है। शहर में निर्माण कार्य भी बंद है जिस कारण उन्हें दिहाड़ी नहीं मिल पा रही। अधिकांश मजदूर छोटा-मोटा कार्य कर वापस लौट जाते है जिससे उन्हें परिवार पालना मुश्किल हो गया है। मजदूरों ने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा कि सरकार को दिहाड़ीदार मजदूरों के विशेष राहत देनी चाहिए। स्थिति सामान्य होने तक सरकार प्रत्येक दिहाड़ी मजदूरों को 5,000 रुपए प्रति महीना देने का प्रावधान करे ताकि मजदूरों को अपने परिवार पालने में मुश्किल न आए।