राजस्थानी छोरा कैसे बना बॉलीवुड सेलिब्रिटीज की पसन्द

punjabkesari.in Wednesday, Dec 25, 2024 - 05:35 PM (IST)

गुड़गांव ब्यूरो : छोटे शहर बीकानेर से निकलकर डिजिटल ब्रांडिंग और इन्फ्लूएंसर मैनेजमेंट की दुनिया में बड़ा नाम बनाने वाले मेहुल पुरोहित ने साबित कर दिया है कि मेहनत और जुनून से कुछ भी संभव है। मल्टीफेज डिजिटल के संस्थापक मेहुल को हाल ही में Economic Times Young Industry Leaders Award में Emerging Entrepreneur & Excellence in Marketing & Branding के लिए सम्मानित किया गया। यह अवॉर्ड बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने उन्हें प्रदान किया।  

 

2022 में मेहुल को Youngest Entrepreneur of Asia का खिताब मिला, जिसने उनकी प्रतिभा और मेहनत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। यह उपलब्धि मेहुल की कड़ी मेहनत और उनकी टीम के समर्पण का प्रमाण है।  

 

मेहुल के बड़े भाई देवेंद्र पुरोहित उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर मल्टीफेज डिजिटल को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में जुटे हैं। मेहुल कहते हैं, "मेरे भाई देवेंद्र मेरी बैकबोन की तरह हैं। वह हर कदम पर मेरे साथ खड़े रहते हैं और हर चुनौती में मुझे मार्गदर्शन देते हैं। उनकी छाया हमेशा मेरे साथ रहती है।"

 

8 फरवरी 2001 को बीकानेर में जन्मे मेहुल का जीवन आसान नहीं था। पिता कृती कुमार पुरोहित के निधन के बाद उनकी मां मधु पुरोहित ने परिवार को संभाला। छोटे-छोटे काम करके उन्होंने मेहुल और उनके भाई को पढ़ाया-लिखाया। मेहुल अपनी मां को अपनी प्रेरणा मानते हैं और कहते हैं, "जब भी मैं असफल होता था, मां एक मेंटर की तरह मुझे संभालती थीं। आज भी वह मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं।"

 

मेहुल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रमेश इंग्लिश स्कूल से की और फिर प्लैनेट ऑफ कॉमर्स से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 2021-23 के बीच महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर से ग्रेजुएशन किया। 11वीं क्लास में ग्राफिक डिजाइनिंग सीखने के बाद उन्होंने फ्रीलांसिंग से अपने करियर की शुरुआत की।  

 

2021 में मेहुल ने मल्टीफेज डिजिटल की स्थापना की। यह कंपनी डिजिटल ब्रांडिंग, इन्फ्लूएंसर मैनेजमेंट, और ब्रांड कैंपेन में विशेषज्ञ है। उनकी मेहनत और क्रिएटिव अप्रोच ने उन्हें बड़े-बड़े ब्रांड्स और सेलिब्रिटीज का भरोसेमंद पार्टनर बना दिया है।  

 

मेहुल पुरोहित की कहानी हर उस युवा के लिए प्रेरणा है, जो बड़े सपने देखता है। संघर्षों से भरे सफर के बावजूद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से सफलता हासिल की। उनकी यह यात्रा यह साबित करती है कि छोटे शहरों से भी बड़े सपने साकार हो सकते हैं।


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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