पीएम मोदी की पानी परियोजनाएं पूर्ण होने के बाद देश में कहीं भी पानी की कमी नहीं होगी : केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल
punjabkesari.in Friday, Dec 27, 2024 - 04:06 PM (IST)
गुड़गांव ब्यूरो : सबसे पहले देश में नदियों को जोड़ने की बात पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने कही थी। हालांकि, उनके जाने के बाद किसी ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया । देश में जहां ज्यादा पानी है, वहां से, जहां पानी नहीं है, वहां ले जाना जरूरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नदियों को जोड़ने के महत्व को, अच्छी तरह से जानते थे। पीएम मोदी ने, इस दिशा में सबसे पहला काम, केन-बेतवा लिंक परियोजना शुरू करने का किया । उन्होंने 44 हजार करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार से रू 40 हजार करोड़ रुपये आवंटित किये हैं, यह बात केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल ने मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र के खजुराहो में एक भव्य समारोह में साझा की, जहां प्रधान मंत्री मोदी ने केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखी।
प्रधानमंत्री की मौजूदगी में जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल ने यह भी कहा कि कुछ लोग सिर्फ कल्पना ही कर सकते हैं, लेकिन कल्पना को धरातल पर नहीं ला सकते। हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जो कहते है उसे करके दिखाते हैं। वे पानी के महत्व को भली-भांति जानते हैं। उन्होंने देश में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए कईं परियोजनाओं की कल्पना की है, जिनके पूरा होने पर, देश में पानी की कमी नहीं होगी।
पाटिल ने बताया कि देश में नदियों को जोड़ने का विचार सबसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी ने सूरत की एक सभा में रखा था। अटलजी ने कहा था कि अगर दुनिया में तीसरा विश्व युद्ध होता है तो वह पानी के लिए होगा। हालाँकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दीर्घदृष्टि को देखते हुए, यदि पानी के लिए विश्व युद्ध होता है, तो भारत इसमें शामिल नहीं होगा। क्योंकि उन्होने जिन परियोजनाओं को शुरू किया है वे साकार होने के बाद देश में पानी की कोई कमी नहीं होगी।
पीएम मोदी ने 44 हजार करोड़ की इस महत्वाकांक्षी केन-बेतवा रिवर लिन्क प्रोजेक्ट की आधारशिला रखते हुए कहा, "आज ऐतिहासिक केन-बेतवा लिंक परियोजना में दौधन बांध का भी शिलान्यास किया गया है। ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट का भी उद्घाटन भी किया गया है, जो मध्य प्रदेश का पहला फ्लोटिंग प्लांट है।
पीएम ने आह्वान किया कि आजादी के 75 साल बाद यह आकलन करना चाहिए कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, जहां लेफ्ट सरकार चला रहा था, वहां क्या हुआ? जहां वंशवादी पार्टियों ने सरकार चलायी वहां क्या हुआ? जहां गठबंधन सरकार थी वहां क्या हुआ? और जहां बीजेपी को सरकार चलाने का मौका मिला वहां क्या हुआ?
सुशासन का अर्थ है कि नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए सरकार के सामने हाथ न फैलाना पड़े। सरकारी दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़ें। सुशासन का यही मंत्र भाजपा सरकारों को अन्य सरकारों से अलग करता है। इसीलिए लोग बार-बार बीजेपी को चुन रहे हैं। देश में आजादी के बाद जल शक्ति, जल संसाधन, व पानी के लिए बांधों के निर्माण की भारत की परिकल्पना का श्रेय एक महान व्यक्ति, बाबा साहेब अम्बेडकर को दिया जाता है। केन-बेतवा लिंक परियोजना का सपना अब साकार होने जा रहा है। यह परियोजना बुन्देलखण्ड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली के नये द्वार खोलेगी। इस सिंचाई योजना से मध्य प्रदेश के छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, पन्ना, दमोह और सागर सहित 10 जिलों को फायदा होगा। यही नहीं, बुन्देलखंड का हिस्सा हैं ऐसे उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, ललितपुर और झाँसी जिले को भी लाभ मिलेगा।
उन्होने कहा, 21वीं सदी में वही देश आगे बढ़ पाएगा, जिसके पास पर्याप्त पानी होने के साथ उचित जल प्रबंधन होगा। आज केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत दौधन बांध का भी शिलान्यास किया गया है। इस बांध से सैकड़ों किमी लंबी नहरें निकलेगी। बांध से करीब 11 लाख हेक्टेयर जमीन को सिंचाई का लाभ मिलेगा।
पीएम मोदी ने कहा, इस दशक को भारत के इतिहास में जल सुरक्षा और जल संरक्षण के क्षेत्र में अभूतपूर्व दशक के रूप में याद किया जाएगा। पिछले 5 वर्षों में हमने 12 करोड़ नए परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया है। पीने के पानी की शुद्धता की जांच के लिए देशभर में 2100 प्रयोगशालाएं स्थापित की हैं। गांवों में 25 लाख महिलाओं को पानी का परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इससे देश के हजारों गांवों को अशुद्ध पानी पीने से मुक्ति मिल गई है। पिछले 10 वर्षों में लगभग एक करोड़ हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं से जोड़ा गया है। मध्य प्रदेश में भी पिछले 10 वर्षों में लगभग 5 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्ष्म सिंचाई से जोड़ा गया है।
पीएम मोदी ने बताया कि, देश भर में 60 हजार से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण किया गया। हमने पूरे देश में जल शक्ति सरंक्षण का अभियान "कैच द रेन" भी शुरू किया है। आज देशभर में 3 लाख से ज्यादा रिचार्ज कुएं बनाए जा रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इन अभियानों का नेतृत्व खुद जनता जनार्दन कर रही है। शहर हो या गांव हर क्षेत्र के लोग इसमें हिस्सा ले रहे हैं। अटल भूजल योजना मध्य प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में लागू की जा रही है, जहां भूजल स्तर सबसे कम था।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्रीय जल संसाधन मंत्री सी.आर. पाटिल ने कैच द रेन अभियान से शुरू हुए जनभागीदारी जल संरक्षण अभियान की सराहना की।