मानसिक स्वास्थ्य और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है- द होलिस्टिक लिविंग

punjabkesari.in Tuesday, Dec 21, 2021 - 07:56 PM (IST)

गुडगांव ब्यूरो : एक इंसान का जीवन हमेशा ही तनाव और संघर्ष से भरा हुआ रहता है. अनजाने में ही इंसान आज भी एक डर, स्ट्रेस और स्ट्रग्ल के साथ जीवन जीने के लिए मजबूर है. लोगों की इन्हीं परेशानियों का हल करने का काम कर रहा है द होलिस्टिक लिविंग. द होलिस्टिक लिविंग भारत का प्रमुख सामुदायिक कल्याण मंच है, जो वेलनेस विशेषज्ञों और चिकित्सकों को ऑनलाइन लेकर आते हैं. यह संस्थान अपनी पूरी लगान और कार्तव्यनिष्ठा के साथ लोगों को मानसिक, भावनात्मक, संबंध, आहार और पोषण, करियर और स्वयं सहायता, तनाव, चिंता, अकेलापन और अवसाद जैसे मुद्दों से छुटकारा पाने में मदद कर रहा है 

कोरोना के दौर में भारत में मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है. ये वो दौर है जहां पर लोग मेंटल हेल्थ के बारे में बात करने से हिचकिचाते नहीं है. ऐसे में द होलिस्टिक लिविंग लोगों में संवेदनशीलता और समावेश की बढ़ती भावनाओं के साथ, मानसिक स्वास्थ्य के अलावा भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहा है. हमारा मानना है कि एक इंसान के नजरिए में सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि घर, परिवार, संबंध, आर्थिक सुरक्षा, करियर और भी कई चीजें शामिल होती हैं. आज से लगभग 30 साल पहले किसी नए छात्र का कॉलेज जाना और वहां सीनियर द्वारा उसकी रैंगिग एक आम बात मानी जाती थी. पर अब ये सभी बातें बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही है. पहले माता-पिता बच्चों को गलतियों पर डांटते थे. उनका मानना था कि ऐसा करने से बच्चे गलतियां दोहराते नहीं है पर अब बच्चों को डांटना, उन्हें पीटना मेंटल हेल्थ के लिए हानिकारक माना जाता है. माना जाता है कि ये सभी चीजें बच्चे के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर डाल सकती हैं| इन सभी पहलूओं में सबसे प्रमुख हमारे आसपास के लोगों के साथ पारस्परिक संबंध हैं. चाहे वह हमारा परिवार हो, दोस्त हो या रोमांटिक पार्टनर, इन रिश्तों की प्रकृति और स्थिति का हमारे व्यक्तिगत विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है. आधुनिक समय में, जहां पारिवारिक विवाद, माता-पिता की परेशानी और सबसे अधिक तलाक के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में तनाव, चिंता या भय जैसी भावनाएं इन मुद्दों के साथ-साथ परिणाम भी हो सकती हैं. इसके अलावा जो चीजें इस इंसान के व्यक्तिगत भलाई पर प्रभाव डालते हैं वो हैं करियर, वित्तीय स्थिति और अंतिम में हमारा आध्यात्मिक जीवन |  आध्यात्मिकता उस दुनिया के बारे में हमारे विश्वासों को शामिल करती है जिसमें हम रहते हैं. चाहे हम धार्मिक हों या गैर-धार्मिक, ब्रह्मांड की प्रकृति, ऊर्जा, दैवीय शक्ति और जीवन के अर्थ के बारे में हम जो विश्वास रखते हैं, वे हमारे दृष्टिकोण और भावनाओं से जुड़े हुए हैं; इन सभी के आधार पर ही हम किसी फैसले पर पहुंचते हैं|

इसके अलावा करियर में स्ट्रग्ल करना और अपने आप से खुश न रहना भी हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर असर डल रही हैं, जिसके कारण निराशा, डिप्रेशन जैसी प्रॉबल्म्स हो सकती है. इसी तरह वित्तीय सुरक्षा की कमी, जो भविष्य के बारे में अनिश्चितता के तौर पर देखी जाती है यह भी चिंता का कारण हो सकती है. जो लोग मेंटल स्ट्रेस से जूझ रहे हैं उन्हें अमूनन थकान, अनिद्रा या अत्यधिक नींद, अव्यवस्थित खान-पान जैसे लक्षण दिखाते है. कई बार ऐसे लोग शराब, सिगरेट या अन्य तरह का नशा भी करते हैं ताकि स्ट्रेस को खत्म कर सकें. ऐसे में यह समाज उन्हें गलत समझता है. हालांकि समय के बाद समाज के लोगों को मेंटल हेल्थ से परेशान व्यक्तियों के प्रति नजरिया बदल रहा है. लोग इस बारे में बात करना चाहते हैं. परन्तु एक बड़ा हिस्सा आज भी मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात नहीं करना चाहते हैं या यूं कहें कि अपनी समस्याओं को खुद स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. एक व्यक्ति खुद परेशान है यह समझने के लिए उसे समाज, परिवार और कोई क्या समझेगा इस बेड़ियों को तोड़ना पड़ता है. द होलिस्टिक लिविंग इन्हीं लोगों की मदद कर रहा है. हमारा मकसद लोगों को मेंटल हेल्थ के बारे में खुलकर बात करने में मदद करना है|

ऐसे समय में जब कई व्यक्ति, विशेष रूप से युवा तनाव, अवसाद और चिंता जैसे मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के मुद्दों का सामना कर रहे हैं, द होलिस्टिक लिविंग दुनिया भर के लोगों के लिए एक वरदान साबित हो रहा है. होलिस्टिक लिविंग360° वेलनेस को बढ़ावा देने और लोगों को उनके सपनों का जीवन जीने में मदद करने के लिए एक अनूठा वन-स्टॉप कम्युनिटी वेलनेस प्लेटफॉर्म है. यह प्लेटफॉर्म लोगों को एक आदर्श परामर्शदाता ढूंढने में मदद कर रहा है. हमारी टीम लोगों के लिए फ्री ऑनलाइन सेशन देती है. इस सेशन को ज्वाइन करने के लिए कोई भी +91-9321073548 पर व्हाट्सएप मैसेज करके लिंक मांग सकता है और अपनी परेशानियों को शेयर कर सकते हैं | द होलिस्टिक लिविंग के संस्थापक और सीईओ संजीव मित्तल से जब उनके इस काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, लोकः समस्तः सुखिनो भवंतु अर्थात् 'दुनिया में सभी स्वस्थ, खुश, स्वतंत्र और शांतिपूर्ण रहें' मैं इन्हीं शब्दों से प्रेरणा लेता हूं. उन्होंने कहा, होलिस्टिक लिविंग के कोच, हीलर, काउंसलर और थेरेपिस्ट व्यक्तियों को उनकी वेलनेस यात्रा में आगे बढ़ते हैं और उन्हें जीवन के सभी सात प्रमुख तत्वों - मन, शरीर, आत्मा, कार्य, संबंध, धन और जीवन शैली में अपनी अनूठी क्षमता को उजागर करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं. प्राकृतिक स्वास्थ्य की दुनिया में आपका स्वागत है - द होलिस्टिक लिविंग | www.theholisticliving.org.in

 


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Content Editor

Gaurav Tiwari

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