हरियाणा में फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 1,304.95 करोड़ की योजना को मंजूरी

punjabkesari.in Tuesday, Aug 04, 2020 - 02:16 PM (IST)

 चंडीगढ़: प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 1,304.95 करोड़ की एक व्यापक योजना स्वीकृति दे दी है। केंद्र सरकार ने इस वर्ष योजना के तहत 170 करोड़ मुहैया करवाए हैं।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बताया कि राज्य सरकार ने ‘फसल अवशेषों के इन-सीटू प्रबंधन के लिए कृषि यंत्रीकरण को प्रोत्साहन’ योजना के तहत केंद्र को 639.10 करोड़ की वार्षिक योजना प्रस्तुत की है। इसके तहत फसल अवशेषों को जलाने पर प्रतिबंध संबंधी प्रवर्तन उपायों के साथ-साथ फसल अवशेषों का इन-एक्स सीटू प्रबंधन शामिल है।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार फसल अवशेष प्रबंधन के लिए उपकरण वितरित करने, कस्टम हायरिंग सेंटर (सी.एच.सी.) स्थापित करने और कृषि एवं किसान कल्याण निदेशालय में राज्य मुख्यालय पर समर्पित नियंत्रण स्थापित करने सहित धान की पुआल के प्रबंधन के लिए हरसंभव उपाय कर रही है। 

गैर-बासमती उत्पादकों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 100 रुपये प्रति किं्वटल की दर से प्रोत्साहन
उन्होंने बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत गैर-बासमती उत्पादकों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए 7 दिन के भीतर 100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है। 

राज्य सरकार ने पर्याप्त मशीनें और परिचालन लागत के रूप में 1,000 रुपए प्रति एकड़ प्रदान कर, गैर-बासमती तथा बासमती की मूच्छल किस्म उगाने वाले छोटे और सीमांत किसानों की मदद की है। दोनों उद्देश्यों के लिए, राज्य बजट में पहले ही 453 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

7 अधिकारियों का निलंबन और 23 चार्जशीट किए
फसल अवशेष जलाने के खिलाफ सख्त रुख को दोहराते हुए, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने फसल अवशेष जलाने वालों और घटनाओं को नियंत्रित करने में विफल रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। इसके तहत 2,020 एफ.आई.आर., 7 अधिकारियों का निलंबन और 23 को चार्जशीट करना शामिल है। ग्राम स्तर के नोडल अधिकारियों को 499 कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। 

विभाग ने सूचना देने वाले लोगों को 1000-1000 रुपए का नकद इनाम भी दिया है। 82 शिकायतों में से 46 में आग वाले वास्तविक स्थानों का पता लगा। आने वाले वर्षों में, एफ.आई.आर. और चालान के कदम कृषि विभाग की बजाय हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा उठाए जाएंगे। कौशल ने बताया कि आइ.सी.ए.आर. के आंकड़ों अनुसार, इन प्रयासों के चलते वर्ष 2018 की तुलना में आग की घटनाओं वाले वास्तविक स्थानों में 68.12 प्रतिशत की तेज गिरावट आई है। उन्होंने बताया कि 6 से 30 नवंबर, 2018 के बीच राज्य में आग की घटनाओं वाले 4,122 स्थान पाए गए थे, जबकि वर्ष 2019 में इसी अवधि के दौरान ऐसे केवल 1,314 पाए गए।


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Edited By

vinod kumar

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