जेलों में कैद अपराधियों को 25 साल में 21 दफा मिली राहत, 10 बार ‘खट्टर माफी’
punjabkesari.in Sunday, Apr 15, 2018 - 10:40 AM (IST)
चंडीगढ(धरणी): हरियाणा की 19 जेलों में बंद अपराधियों पर मौजूदा मनोहर लाल सरकार मेहरबान रही है। राज्य सरकार ने उम्रकैद से लेकर दो साल तक की सजा काट रहे अपराधियों की सजा 10 बार माफ (सजा में राहत) की है। इनमें 15 दिन से लेकर 8 माह तक की सजा माफी शामिल है। हरियाणा जेल विभाग के रिकार्ड के अनुसार 25 साल के दौरान राज्य की विभिन्न जेलों में बंद अपराधियों की सजा 21 बार माफ की जा चुकी है। जबकि खट्टर सरकार ने साढ़े तीन साल में ही 10 बार माफी दी है।
मुख्यमंत्री ने 26 जनवरी, 15 अगस्त और हरियाणा दिवस पर ही नहीं बल्कि जेलों के दौरे दौरान भी माफी दी है। इस रिकार्ड को देखते हुए जेल अधिकारियों और कर्मचारियों ने इसे खट्टर माफी का ही नाम दे दिया है। राज्य की पूर्व सरकारों ने कैदियों को कारावास से मुक्त करवाने के लिए दो या चार बार से ज्यादा माफी नहीं दी। मौजूदा सरकार का मानना है कि ऐसा करने पर कैदियों का ह्दय परिवर्तन होगा और वह अपराध की दुनिया से दूर हो सकेंगे जबकि विपक्ष का कहना है कि ऐसा करने पर देश की कानून व्यवस्था खतरे में आ सकती है।
कृष्ण लाल पंवार, जेल मंत्री, हरियाणा
प्र: अापकी सरकार ने जेल में बंद कैदियों की कितनी सजा माफ की?
उत्तर: पंवार ने कहा 15 महीनों की सजा को माफ किया गया है।
प्र:कैदियों की सजा माफी के पीछे सरकार की क्या सोच थी?
उत्तर: एक कैदी जब कुछ साल जेल में रह लेता है, तब उसके विचारों में तबदीली आने लगती है। ऐसे में अगर कैदी को कुछ समय पहले कारावास से मुक्ति मिल जाती है तो व्यवहार में भी तबदीली आ जाती है। यह मानते हुए कैदियों की सजा माफ की गई है।
प्र:जेल से जल्द रिहा होने के बाद कैदी दोबारा अपराध न करें, इसको ध्यान में रखते हुए क्या किया जा रहा है?
उत्तर:कैदियों को प्रोफेशनल कोर्स सिखाए जा रहे हैं जिनमें बेकरी यूनिट, चॉकलेट-टॉफी, फर्नीचर मेकिंग आदि शामिल हैं ताकि रिहाई के बाद खुद की कमाई से जीवनयापन कर सकें। अपराधों से खुद को दूर रख सकें।
प्र: सजा माफी का गलत संदेश तो नहीं जाएगा?
उत्तर: ऐसा नहीं होगा। कैदी को रिहा करने से पहले जेल में बिताए समय दौरान के व्यवहार का आंकलन किया जाता है। कमेटी होती है जिसका अध्यक्ष खुद जेल मंत्री और अन्य कई सदस्य होते हैं सब मिलकर कैदी को रिहा करने बाबत फैसला लेते हैं।
किस सोच से खट्टर सरकार ने सजा माफ की, नहीं मालूम -भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री
हमने भी सजा माफ की थी। सजा के बाद पश्चाताप होता है और व्यवहार में तबदीली दिखे तो सजा को माफ करने में कोई हर्ज नहीं। यह नहीं कह रहा हूं कि मौजूदा सरकार ने साढ़े तीन साल दौरान दस दफा सजा माफ कर अच्छा काम किया, इसे बुरा भी नहीं कहा जा सकता है। मुझे नहीं मालूम इसके पीछे क्या इरादा था? रिहा होने वाले अपराध से दूर रहने की कोशिश ही करते हैं।