2 अस्पताल के 4 डॉक्टर सस्पेंड, हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने की कार्रवाई
punjabkesari.in Thursday, Aug 26, 2021 - 02:29 PM (IST)
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रेवाड़ी (योगेंद्र सिंह): विज्ञापन के जरिए गलत जानकारी देना चार डॉक्टरों को भारी पड़ गया। हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने इस मामले में सख्त कदम उठाते हुए इन चारों डॉक्टर को एक सफ्ताह के लिए सस्पेंड कर दिया। यानि यह चारों डॉक्टर अब एक सफ्ताह किसी मरीज का उपचार नहीं कर पाएंगे। आईएमसी पंचकूला की ओर से 25 अगस्त को जारी पत्र में कहा गया है कि डॉ. एसएन मनिकनंद, डॉ. सरन्या मनिकनंदन व डॉ. मुकेश यादव की शिकायत डॉ कर्ण सिंह पूनिया, डॉ अभय कुमार, डॉ अश्विनी कुमार एवं डॉ सुप्रतिक्ष यादव की ओर से की गई थी।
डा. कर्ण सिंह पूनिया हरियाणा मेडिकल काउंसिल के प्रधन हैं। पत्र में कहा गया है कि चार अप्रैल 2021 को डा. कर्ण सिंह पूनिया एवं 13 अप्रैल 2021 को अन्य शिकायतकर्ता डॉक्टरों की ओर से शिकायत की गई थी। पांच अगस्त को हरियाणा मेडिकल काउंसिल की जनरल बैठक में इस पर चर्चा हुई। इसमें नियमों की अवहेलना आरोपी डॉक्टरों ने की थी। ऐसे में इन चिकित्सकों की प्रैक्टिस पर 25 अगस्त से सात दिन के लिए प्रतिबंध लगा दिया। वहीं इन चिकित्सकों को इस दौरान अपना पंजीकरण पत्र भी काउंसिल के पास जमा कराना होगा। दूसरी तरफ मार्स अस्पताल के डॉ अभय के खिलाफ डा. मणिकंदन के ड्राइवर ने शिकायत दी थी।
इसमें कहा गया कि मार्स अस्पताल ने सस्ते के चक्कर में ना पड़कर पुराने डॉ के पास आने की बात कही गई थी। उसमें बकायदा डॉ अभय का फोटो भी छपवाया गया था। इसके चलते हरियाणा मेडिकल काउंसिल ने चारों डॉक्टर को सात दिन के लिए सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। डॉ अभय का कहना है कि आदित्य अस्पताल की तरफ से छपवाए गए विज्ञापन में तथ्यहीन जानकारियां थी। जिसकी देशभर के डॉक्टरों ने अलोचना की है। हार्ट व ब्रेन अटैक के बारे में गलत बातें लिखी गईं। हम काउंसिल के निर्णय को चैलेंज करने की सोच रहे हैं। दूसरी तरफ डा. मणिकंदन का कहना है कि विज्ञापन में छपी बातें पूरी तरह सही हैं।
आम लोगों के लिए यह जानकारी दी गई थी। आम लोगों को पता नहीं चलता कि व्यक्ति को हार्ट अटैक है या ब्रेन। इसी के चलते हमने विज्ञापन के जरिए यह बात समझाने का प्रयास किया। हमने विज्ञापन के जरिए यह बताया कि पांच हजार का चयनीज स्टैंट इस्तेमाल कर डॉ मरीजों से डेढ़ लाख रुपए तक वसूलते हैं। खेल उजागर होता देख हमारे अस्तपाल को बंद कराने के लिए कुछ डॉ एकजुट हो गए हैं।
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