पराली के प्रबंधन वाले यंत्रों पर 50 प्रतिशत तक का अनुदान

punjabkesari.in Wednesday, Nov 15, 2017 - 06:56 PM (IST)

इन्द्री(मेनपाल): पराली के प्रबंधन के लिए उपयोग में लाए जाने वाले यंत्रों की खरीद पर कम से कम 50 प्रतिशत का अनुदान दिया जा रहा है। एसडीएम ने यह जानकारी गांव श्रवण माजरा में प्रगतिशील किसान जसबीर सिंह के खेतों का मुआयना करते समय दी। उन्होंने जीरो ड्रील व हैप्पी सीडर से गेंहू की बुआई का निरीक्षण किया और इससे होने वाले फायदों के बारें में किसानों को बताया। उन्होंने किसानों से अपील की है कि फसलों के अवशेष ना जलाएं और न ही दूसरों को जलाने दें। किसान नई तकनीकों का प्रयोग करते हुए फसल अवशेष प्रबंधन अपनाएं जिससे पर्यावरण को प्रदूषित होने एवं भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाया जाए।

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उन्होंने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु प्रयुक्त होने वाले विभिन्न कृषि यन्त्रों जैसे हैप्पी सीडर, रिवर्सीबल प्लो, रोटरी प्लो, मल्चर, स्ट्रा रिपर, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा बेलर, रिपर बाईंडर, जीरो ड्रील पर 40 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इन्ही यन्त्रों की खरीद पर अनुसूचित जाति/महिला एवं सीमान्त व छोटे किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। कोई भी किसान फसल अवशेष प्रबन्धन के यह यन्त्र खरीद कर कृषि विभाग के निर्देशानुसार अनुदान का लाभ पा सकता है।

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एसडीएम प्रदीप कौशिक ने कहा कि जीरो ड्रील व हैप्पी सीडर से गेंहू की बुआई करने पर किसान को प्रति एकड़ 800 रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि छोटे किसानों की मदद करने हेतु एवं जो किसान समूह बना कर फसल अवशेष प्रबन्धन के कार्य को करना चाहते है, उन किसान समूहों को भी इन सभी फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु प्रयुक्त होने वाले यन्त्रों की खरीद पर सरकार की तरफ से 40 प्रतिशत अनुदान राशि भी दी जा रही। किसान जमींदार जसबीर का कहना है कि यंत्र तकनीक अपनाने से  किसानों को इससे बहुत फ़ायदा होता है और इससे सरकार द्वारा भी अनुदान राशि मिलती है।

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