सुभाष जयंती पर 6 लाख लोग गाएंगे आजाद हिंद फौज का तराना : धनखड़

punjabkesari.in Sunday, Jan 09, 2022 - 12:34 PM (IST)

चंडीगढ़ (पांडेय): भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर प्रदेश भर में 7500 स्थानों पर 6 लाख लोग आजाद ङ्क्षहद फौज का तराना गाकर नेताजी व उनकी आजाद ङ्क्षहद फौज से जुड़े स्वतंत्रता सेनानियों को याद करेंगे। इन कार्यक्रमों के लिए 16000 कार्यकत्र्ताओं की ड्यूटी लगा दी है। धनखड़ आज चंडीगढ़ भाजपा कार्यालय में प्रैसवार्ता कर आजादी के अमृत महोत्सव पर होने वाले आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दे रहे थे। 

धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस ने सभी स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान किया होता तो आज हमारे युवाओं के सामने प्रेरणा के लिए आजादी काल की लाखों शौर्य गाथाएं होती। लेकिन कांग्रेस ने लाखों बलिदानियों के नाम सामने नहीं आने दिए, जिसके चलते भाजपा ने यह निर्णय लिया कि आजादी के 75वें वर्ष में भुला दिए बलिदानियों के नाम भी उजागर कर देश और प्रदेश के बच्चे-बच्चे तक पहुंचाएंगे। हरियाणा के भी सैंकड़ों लोग आजाद ङ्क्षहद फौज और अन्य आंदोलनों में हिस्सा लेकर शहीद हुए। भाजपा ऐसे सभी वीरों को 23 जनवरी को याद करेगी। इसके लिए प्रदेश के हर वार्ड और गांव में नेताजी का चित्र और उनके द्वारा दिए गए नारे एवं गीत पहुंचा दिए हैं तथा इस संबंध में हर कार्यक्रम स्थल पर 2-2 भाजपा कार्यकत्र्ताओं की ड्यूटी निर्धारित कर दी गई है। हर स्थान पर लगभग 75-75 लोग रहेंगे। ऐसे पूरे प्रदेश में 7500 स्थानों पर लगभग 6 लाख लोग मौजूद रहकर स्वतंत्रता के नायक को याद करेंगे।

काला पानी में नेताजी, वीर सावरकर और बलिदानियों के साथ किए गए उपेक्षा एवं क्रूरता भरे व्यवहार के बारे में जानकारी देते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि वर्ष 1874 में 7567, वर्ष 1881 में 11440, वर्ष 1891 में 11718, वर्ष 1901 में 11974, वर्ष 1905 में 14112 और वर्ष 1906 में 14696 भारतीयों को अंग्रेजों द्वारा पकड़ कर काला पानी में भेजा गया था। मगर वर्ष 1858 से लेकर वर्ष 1910 तक बंदी बनाकर काला पानी भेजे जाने वाले इन सेनानियों के नामों का रिकॉर्ड भी नहीं है। जबकि एक अंग्रेज द्वारा लिखी गई डायरी से ही यह खुलासा होता है कि यहां देश की आजादी के लिए लडऩे वाले हजारों भारतीयों को बंदी बनाकर लाया गया था। लेकिन इनका इतिहास में कहीं जिक्र नहीं है। 

कांग्रेस ने सैल्यूलर जेल के इतिहास को नष्ट करने की कोशिश की  
धनखड़ ने कहा कि कांग्रेस ने सुभाष चंद्र बोस और उन जैसे हजारों बलिदानियों के साथ धोखा किया है, जिन्होंने आजादी के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। धोखे की मानसिकता वाली कांग्रेस ने जिस स्थान पर नेताजी ने झंडा फहराया था, उस पर प्रतिबंध लगाते हुए इसे डी सेरोमोनियल घोषित कर दिया था। 

नेता जी सुभाष चंद्र बोस द्वारा किए गए क्रांतिकारी कार्यों को भी देश से छुपाया गया। सैल्यूलर जेल में स्वतंत्रता सेनानियों के साथ बहुत अमानवीय व्यवहार होता था, लेकिन आजादी के बाद भी कांग्रेस ने न तो इन बातों का जिक्र बाहर आने दिया और न ही उन क्रांतिकारियों का, जिन्होंने ये सब झेला। कांग्रेस ने जेल के इतिहास को खंडित करने की कोशिश भी की, जिसके चलते आधी जेल को तुड़वाकर गोविंद बल्लभ पंत अस्पताल बनवा दिया ताकि सैंकड़ों शहीदों और इस जेल का इतिहास दब जाए, लेकिन जब जनता पार्टी की सरकार आई तो मोरारजी देसाई ने वर्ष 1979 में इसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित कर किया गया।


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Content Writer

Shivam

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