गुमनाम चिट्ठी ने खोले कन्या महाविद्यालय के रहस्य, तफ्तीश के बाद जांच रिपोर्ट में एक दोषी(VIDEO)
punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 10:40 PM (IST)
कैथल(जयपाल): जिले के गुहला चीका में कन्या महाविद्यालय के शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगे थे। आरोप थे कि शिक्षक, छात्राओं की पढ़ाई में रोड़ा बनने के साथ ही नशे में धुत होकर उनके साथ बदतमीजी से पेश आते हैं। यह खुलासा एक गुमनाम चिट्ठी के जरिए हुआ था। दरअसल कैथल जिला उपायुक्त संगीता तेतरवाल को एक गुमनाम चिट्ठी प्राप्त हुई थी। इस चिट्ठी में छात्राओं द्वारा हैरान करने वाले खुलासे किए गए थे। इसी चिट्ठी के आधार पर 2 महीने तक एक जांच कमेटी ने तफ्तीश की और 74 पन्नों की रिपोर्ट में कॉलेज के एक प्रोफेसर को दोषी पाया गया है।
छात्राओं को जिला उपायुक्त को सीएम के नाम भेजी थी चिट्ठी
छात्राओं ने गुमनाम चिट्ठी के माध्यम से शिकायत करते हुए बताया था कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के बावजूद शिक्षा का प्रचार प्रसार करने वाले शिक्षक ही सरकार की नीतियों पर सरेआम पलीता लगा रहे हैं। कॉलेज के एक शिक्षक द्वारा ही अपनी फेसबुक वॉल पर अश्लील तस्वीरें लगाई गई हैं, जो शिक्षक की मानसिकता को दर्शाता है। यही इसी शिक्षक की ऐसी हरकत छात्रों के प्रति उनके रवैए पर भी सवाल खड़े करता है। छात्राओं ने कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन ईमानदारी से नहीं करते और उन्हें पढ़ाते तक नहीं है। जब उनका मन करता है, तब कक्षाएं लेते हैं और शिकायत करने पर बदतमीजी से पेश आते हैं।
कॉलेज की मंजिल से कूदकर प्रोफेसर की आत्महत्या को भी बताया था संदिग्ध
छात्राओं ने कॉलेज की एक घटना का जिक्र करते हुए लिखा कि कि लगभग 2 महीने पहले उनके कॉलेज की तीसरी मंजिल से एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने छलांग लगा दी थी। प्रोफेसर द्वारा छलांग लगाकर सुसाइड करने के पीछे के कारणों को दबाने के लिए पूरा कालेज प्रबंधन जुटा हुआ था। वहीं अब इस गुमनाम चिट्ठी ने कॉलेज के कार्य प्रबंधन के सभी राज खोल दिए हैं। गुमनाम चिट्ठी की जांच करने के लिए डीसी कैथल संगीता तेतरवाल ने कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य राजेंद्र अरोड़ा को आदेश दिए हैं, जिसके बाद राजेंद्र अरोड़ा ने 3 प्रोफेसरों की कमेटी बनाकर जांच करवाई और जांच कमेटी ने 2 महीने बाद अपनी 74 पन्नों की रिपोर्ट राजेंद्र अरोड़ा को सौंपी और राजेंद्र अरोड़ा ने उक्त रिपोर्ट डीसी कैथल को सौंप दी है।
डीसी ने कॉलेज को मामले की जांच करवाने का दिया था आदेश
जिला उपायुक्त संगीता तेतरवाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आने के बाद कॉलेज में एक कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद एक प्रोफेसर को दोषी भी पाया गया है। वहीं जिस अध्यापक पर कॉलेज में लड़कियों के साथ पाए जाने के आरोप हैं, उसकी जांच पुलिस द्वारा करवाई जा रही है।
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