जगमालवाली विवाद: सिरसा में मीडिया के सामने आए वकील साहब के दोस्त सुमेर सिंह, पूछा- अगर महात्मा वीरेंद्र हकदार नहीं तो ओर कौन

punjabkesari.in Thursday, Aug 08, 2024 - 06:06 PM (IST)

कलांवाली (श्रवण प्रजापति): सिरसा जिले के कलांवाली स्थित मस्ताना शाह बलोचिस्तानी जगमालवाली के डेरा प्रमुख रहे वकील साहब के निधन के बाद आज 8 अगस्त को उनकी रस्म पगड़ी पर सत्संग हुआ। वहीं दूसरी ओर संत वकील साहब के दोस्त एडवोकेट सुमेर सिंह और ट्रस्ट मेंबर नंद लाल ग्रोवर ने प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा कि संतो की ओर से जब दिल्ली में वसीयत की गई है, वो हमारे सामने हुई है और हस्ताक्षर भी हमारे सामने हुए हैं। उन्होंने कहा कि जब संतों की ओर से महात्मा वीरेंद्र सिंह को जिम्मेदारी दी गई है तो दूसरा हकदार कौन है। 

एडवोकेट सुमेर सिंह ने कहा कि डेरा का सिस्टम महात्मा वीरेंद्र सिंह ही चला सकते हैं, ये बात संत वकील साहब हमेशा कहते थे। वे कोई दबाव में नहीं थे और उन्होंने हमेशा हंसते हुए सभी कागजात पूरे करवाए। कुछ शरारती लोग दूसरे डेरों और संत मैनेजर साहब के पोते के कहने पर विवाद पैदा कर रहे हैं, ताकि डेरा की बदनामी हो। उन्होंने आगे कहा कि डेरा की साध संगत समझदार हैं, वह संतो के हुक्म को मानेगी और जो फैसला संतों ने किया है, उस पर खरी उतरेगी। शोर मचाने वाले लोग बताएं कि अगर महात्मा वीरेंद्र सिंह हकदार नही हैं तो कौन हकदार हैं।

"डेरा की साध संगत को अफवाहों में ना आकर सच्चाई को जानना चाहिए"

ट्रस्ट के मेंबर नंद लाल ग्रोवर ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि पहले मैनेजर साहब की वसीयत, जो वकील साहब के नाम हुई, मेरे हस्ताक्षर थे। अब फिर वकील साहब की वसीयत पर भी मेरे हस्ताक्षर हैं। मुझे डेरे की सेवा और संगत की सेवा करने का मौका परमात्मा ने दिया हुआ है, जो मैं कर रहा हूंं। डेरा की संगत मुझे अच्छी तरह जानती है, क्योंकि मैं पहले से संगत में हूं। संत वकील साहब के दोस्त एडवोकेट सुमेर सिंह और ट्रस्ट मेंबर नंद लाल ने डेरा की साध संगत से अपील की है कि शांति बनाकर रखें और जांच करवाएं। हम भी उनके साथ हैं, क्योंकि डेरा की साध संगत को अफवाहों में ना आकर सच्चाई को जानना चाहिए। हालांकि ये बात महात्मा वीरेंद्र सिंह ने भी कही है। 

"डेरा की साध संगत बरकरार रखें"

ट्रस्ट के मेंबर नंद लाल ग्रोवर ने कहा कि डेरा की इज्जत बनी हुई है, उसे डेरा की साध संगत बरकरार रखें, क्योंकि संतों ने काफी मेहनत से डेरा को बनाया है। प्रशासन ने कहा कि जब तक गद्दी का फैसला या जांच नहीं हो जाती, तब तक ट्रस्ट और मैनेजमेंट के लोग डेरा को चलाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि डेरा की साध संगत को सहयोग करना चाहिए और अफवाहों से बचकर सिमरन करना चाहिए, क्योंकि संत हमें यही बात समझाकर गए हैं।

(पंजाब केसरी हरियाणा की खबरें अब क्लिक में Whatsapp एवं Telegram पर जुड़ने के लिए लाल रंग पर क्लिक करें)


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Saurabh Pal

Related News

static