साढ़े तीन सौ सालों बाद 30 परिवारों ने पूर्णरूप से अपनाया हिंदू धर्म, पहली बार किया शव का दाह संस्कार

punjabkesari.in Friday, May 08, 2020 - 04:57 PM (IST)

उकलाना(पाशाराम)- मुस्लिम शासक औरंगजेब के डर से वर्षों पूर्व हिंदू धर्म छोड़कर मुस्लिम धर्म के रिति रिवाजों को अपनाने वाले हिसार जिले के गांव बिठमड़ा में 30 परिवारों ने लगभग साढ़े तीन सौ सालों बाद मुस्लिम धर्म को पूर्णरूप से छोड़कर हिंदू धर्म में वापसी की और एक महिला का हिंदू रिति रिवाज के साथ दाह संस्कार किया गया।

गांव बिठमड़ा वासी सतबीर, दाना, मंजीत आदि ने बताया कि मुस्लिम शासक औरंगजेब के दबाव में उनके पूर्वजों ने मुस्लिम धर्म के कुछ रीति रिवाज अपना लिए थे। कई पीढिय़ां ऐसे ही चलती रही और अब उन्हें इसकी सच्चाई का पता लगा। जिस पर उनके लगभग 30 परिवारों ने सहमति से फैसला लिया कि वह अब पूर्ण रूप से हिंदू धर्म के रीति रिवाजों को अपनाएंगे और मुस्लिम धर्म के रिति रिवाजों को छोड़ देंगे। वीरवार को सतबीर की माता फुली का देहांत हो गया था। जिसके बाद उन्होंने फैसला किया कि वह उनको दफनाएंगे नहीं बल्कि हिंदु धर्म के अनुसार दाह संस्कार करेंगे। जिसके बाद मृतका फुली का शुक्रवार को गांव में दाह संस्कार किया गया।
 
हिंदू धर्म के मनाते आ रहे हैं तीज त्यौहार
सतबीर, मंजीत, दाना आदि ने बताया कि उनके पूर्वज ही हिंदु धर्म के सभी रिति रिवाज अपनाते आए हैं और हिंदुओं के सभी त्यौहार मनाते आए हैं। यहां तक की नवरात्रों में माता का व्रत रखते हैं और गौशाला में जाकर गायों की सेवा करते आ रहे हैं।
 
शव दफनाने के कारण मुस्लिम जाने जाते थे

उन्होंने बताया कि वह सभी त्यौहार व रिति रिवाज हिंदुओं वाले करते आ रहे हैं। हिंदुओं के साथ ही उनका आना जाना रहता है। लेकिन पुरान समय से शव को दफनाया जाता है। जिस कारण उनकी पहचान व गिनती मुस्लिम परिवारों में होती रही है। इससे मुक्ति पाने के लिए उन्होंने अब शव का दाह संस्कार करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि उनके बुजुर्ग भी हिंदु थे और अब वह भी पूरी तरह से हिंदु धर्म में आ चुके हैं। जब औरंगजेब का शासन था तो हिंदु धर्म के लोगों पर अत्याचार किए जाते थे। जिस कारण उनके पूर्वज दबाव में आकर मुस्लित धर्म के कुछ रिवाज अपनाने लगे थे। अब उन्होंने उन रिवाजों को पूरी तरह से त्याग देने का फैसला किया है। उनके नाम भी हिंदु धर्म वाले हैं और भगवान राम, हनुमान, कृष्ण, माता को मानते आ रहे हैं।


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Isha

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