सीरो रिजल्ट के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र सैंपलों पर पीजीआई में करेंगे रिसर्च: डॉ. लीजा

punjabkesari.in Friday, Sep 17, 2021 - 10:36 PM (IST)

चंडीगढ़ (धरणी): विशेषज्ञों की चेतावनियों के बाद पंचकूला की लैब में तीसरे सीरो सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। हरियाणा के गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के आदेशों पर शुरू यह सीरो सर्वे पिछले दोनों सर्वो से कई मायनों में बिल्कुल भिन्न है, क्योंकि इस जांच में अत्याधुनिक मशीनों के साथ स्पाइक प्रोटीन टेस्ट किया जा रहा है। इसमें उम्र के हिसाब से तीन कैटेगरी शामिल की जा रही हैं। जिसमें 6 से 9 साल की उम्र के बच्चों के 3600 सैंपल, 10 से 17 साल की उम्र के 11,000 सैंपल तथा 18 से ऊपर की उम्र के 22000 सैंपल लिए जा रहे हैं। जिसमें ग्रामीण आंचल और शहरी क्षेत्रों के सैंपल 60-40 के अनुपात से शामिल किए गए हैं। इन सर्वेे रिपोर्ट के बाद विभाग द्वारा की गई वैक्सीनेशन और तीसरी लहर की घातकता की संभावनाओंं को लेकर स्थिति साफ हो जाएगी। पिछले दिनों इसकी लांचिंग गृह व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने की थी।

इस बारे में पंजाब केसरी ने पंचकूला की सिविल सर्जन डॉ. मुक्ता कुमार और पंचकूला लैब की इंचार्ज डॉ. लीजा से एक्सप्लोसिव बातचीत की। जिसमें सिविल सर्जन डॉक्टर मुक्ता कुमार ने इस जिम्मेदारी के लिए सीनियर हेल्थ अथॉरिटी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मेरे अस्पताल को यह अपॉर्चुनिटी दी गई है। पंचकूला की लैब एनएबीएल सर्टिफाइड है। यहां हमारी लैब में पहले से ही बहुत अच्छा काम होता रहा है और इस काम को भी हम बेहतरी से करके दिखाएंगे।

इस महत्वपूर्ण विषय पर लैब इंचार्ज डॉ. लीजा ने भी कई अहम जानकारियां साझा करते हुए बताया कि हमारी टीमें लगातार लगी हुई हैं। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, एडीशनल चीफ सेक्रेट्री राजीव अरोड़ा लगातार इसकी देखरेख करते रहते हैं। हाई अथॉरिटी ने एक और मशीन अरेंज करवा दी है। हमारे टीम 24 घंटे लगातार काम करने में लगी हुई है। अब दिन रात करके 3000- 4000 सैंपल हम खत्म कर रहे हैं। यहां सचिन, अरुण, दीया, रजनी, अश्वनी 24 घंटे यहीं लैब में रहकर काम कर रहे हैं, जो कि यह सर्वे कंप्लीट करने का हमारा टारगेट 25 तारीख तक है। लेकिन 22 तारीख तक ही सीरो सर्वे कंप्लीट करने की हमें उम्मीद है। हर जिले से 1600 सैंपल लिए जा रहे हैं। इस काम के लिए 6 लोग चिह्नित गए हैं। जोकि सैंपल रिसीव करते हैं, उन्हें आईडेंटिफाई करते हैं और उन्हेंं सीरियल वॉइस मशीनों में लगाते हैं।

PunjabKesari, Haryana

डॉ. लीजा ने बताया कि हमारे पास कुल 36500 सैंपल 22 जिलों में से आने हैं। जिनमें से 7000 आ चुके हैं। दिन रात काम चल रहा है। मैं पूरी टीम को लगातार गाइड करती रहती हूं। सैंपल इकट्ठा करने वालो को भी लगातार निर्देश देती हूं। हालांकि इसमें एक दो और लैब्स में भी इस प्रकार का सामान मौजूद है। लेकिन ये बात सामने आने पर हमने इस चैलेंज को करने के लिए खुद बोला था। सीरो सर्वे से यह साफ हो जाएगा कि जो वैक्सीनेशन हमने की है उनमें से कितने लोग इम्यून हो गए हैं? हम तीसरी लहर से लडऩे के लिए कितने तैयार हो गए हैं? तीसरी लहर को हम किस हद तक काबू कर पाएंगे ? अब तक की जानकारी के अनुसार लगता है कि तीसरी वेव ज्यादा सीरियस नहीं रह पाएगी।

डॉ. लीजा ने बताया कि पहली बार के सीरो सर्वे में 8 फीसदी और दूसरी बार में 14.3 लोगों में एंटीबॉडी पाई गई। एंटीबॉडी दो प्रकार से बनती है। एक जिन्हें कोविड हुआ हो, दूसरा जिन्होंने वैक्सीनेशन ली हो उनमें बनती है। तीसरा सीरो सर्वे दोनों को मद्देनजर रखकर किया जा रहा है। इससे फस्र्ट डोज लेने के बाद नेचुरल एंटीबॉडी किसकी बनी है और दूसरी डोज लेने के बाद किसकी बनी है यह क्लियर हो रहा है। कोवीशील्ड और कोवैक्सीन लगवाने के बाद कितनी-कितनी एंटीबॉडी बनी, इसका भी पता चल रहा है। हिंदुस्तान का पहला इतने बड़े सैंपल साइज वाला यह सीरो सर्वे है, जिसमें 6 साल से अधिक उम्र के बच्चोंं को भी कवर किया जाएगा। मेडिकल स्टाफ के 2200 सदस्य इस सर्वे को कर रहे हैं। इससे हमेंं पता चलेगा कि प्रदेश में कितने लोगों में कोरोना के प्रति प्रोटेक्शन पैदा हो चुकी है। उसके बाद हमें आगे की प्लानिंग करनी है। इस सर्वे से हम देखना चाहते हैं कि कहीं हम अंधेरे में तो लाठियां नहीं मार रहे। हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं या नहीं। इस सर्वे पूरा होने के बाद हमें यह सब पता चल जाएगा।

बता दें कि पंचकूला की इस लैब में सैंपल इकट्ठे करके, उनका टेस्ट करके, उसके रिजल्ट आने के बाद इनमें से कुछ सैंपलों पर एमबीबीएस के बाद उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चे रोहतक पीजीआई में इस पर कुछ अन्य प्रकार की रिसर्च भी करेंगे। इस रिसर्च का मुख्य उद्देश्य रोहतक व आसपास के क्षेत्रों में कोविड के फैलने के कारण माध्यम और किन लोगों को हुआ, यह रहेगा। पिछले सीरो सर्वे के दौरान वैक्सीनेशन प्रदेश में शुरू नहीं हो पाई थी। उस दौरान एलिजा टेस्ट किया गया। इस सर्वे में स्पाइक प्रोटीन टेस्ट किया जा रहा है। इस सर्वे की किट्स अलग हैं। मशीन भी अलग हैं। इसके सप्लायर्स बहुत कम हैं। इस सर्वे में वैक्सीनेशन का रिजल्ट भी आएगा। इसलिए यह पिछले सर्वो से अलग है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Shivam

Recommended News

Related News

static