राजस्थान में रैली के बाद अब 13 अक्टूबर से रोड शो पर निकलेंगे दुष्यंत चौटाला
punjabkesari.in Thursday, Sep 28, 2023 - 06:39 PM (IST)

चंडीगढ़: राजस्थान में इस साल के अंत में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों को लेकर जननायक जनता पार्टी ने कमर कस ली है। 25 सितंबर को पूर्व उपप्रधानमंत्री चौ. देवीलाल की जयंती पर सीकर में रैली करने के बाद उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला राजस्थान के आठ विधानसभा क्षेत्रों में अब रोड शो करेंगे। इस रोड शो को लेकर 8 अक्टूबर को पार्टी की एक बैठक जयपुर में रखी गई है। दुष्यंत चौटाला 13 अक्टूबर को नोहर, सूरतगढ़, दाता रामगढ़, जयपुर ग्रामीण, नवलगढ़, फतेहपुर, कोटपूतली, भरतपुर में रोड शो करेंगे।
राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से जजपा 25 से 30 विधानसभा सीटों पर लड़ेगी चुनाव
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इस साल दिसंबर माह में विधानसभा के चुनाव हैं। राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों में से जजपा 25 से 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जजपा का फोकस नोहर, सूरतगढ़, दाता रामगढ़, जयपुर ग्रामीण, नवलगढ़, फतेहपुर, कोटपूतली, भरतपुर पर खास रहेगा। इनमें से नोहर एवं दाता रामगढ़ से डा. अजय चौटाला पहले विधायक रह चुके हैं। इसी प्रकार से साल 1989 में चौ. देवीलाल सीकर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे और उसके बाद उन्हें प्रधानमंत्री पद के लिए नेता चुना गया था। चौ. देवीलाल ने प्रधानमंत्री का ताज वी.पी. सिंह के सिर पर रखा और वे खुद उप प्रधानमंत्री बने। वैसे भी राजस्थान में चौ. देवीलाल परिवार की रिश्तेेदारियां भी रही हैं और चौ. देवीलाल के अलावा चौ. ओमप्रकाश चौटाला की पार्टियां भी विधानसभा के चुनाव लड़ चुकी हैं। खास बात यह है कि दुष्यंत अक्तूबर में जहां रोड शो निकालेंगे तो वहीं वे अब राजस्थान के विधानसभा चुनावों तक वहीं सक्रिय रहेंगे। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि जजपा मजबूती के साथ राजस्थान का चुनाव लड़ना चाहती है।
हरियाणा में 10 विधायकों के चुने जाने के बाद से उत्साहित है जजपा
गौरतलब है कि 9 दिसंबर 2018 को अजय चौटाला व दुष्यंत चौटाला ने जींद में एक रैली करते हुए जननायक जनता पार्टी का गठन किया था। पार्टी गठन के एक माह के भीतर जींद का उपचुनाव जजपा ने दमखम के साथ लड़ा और करीब 37 हजार वोट प्राप्त किए। इसके बाद मई 2019 में जजपा ने हरियाणा की सभी 10 संसदीय सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे तो अक्तूबर 2019 के विधानसभा चुनावों में 15 फीसदी वोट के साथ 10 सीटों पर जीत हासिल की और इस जीत के बाद से ही जजपा उत्साहित नजर आ रही है और यही वजह है कि इसी उत्साह के चलते अब पार्टी राजस्थान की ओर फोकस कर रही है।
जजपा का लक्ष्य राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना है
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि राजस्थान में चुनावी ताल ठोकने की मुख्य वजह यह भी है कि जजपा का लक्ष्य राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल करना है। इसीलिए पार्टी के शीर्ष नेता उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला, उनके पिता अजय चौटाला और भाई दिग्विजय चौटाला समेत कई अन्य नेताओं की राजस्थान में राजनीतिक गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। राजस्थान में चौटाला परिवार के काफी पुराने रिश्ते हैं और जजपा इसी प्रयास में है कि परिवार के इन पुराने रिश्तों को जोडक़र राजनीतिक जमीन मजबूत की जाए। यही कारण है कि दुष्यंत चौटाला नागौर जिले के खरनाल में वीर तेजा जी का भव्य मंदिर बनवा रहे हैं और राजस्थान के जाटों में वीर तेजा जी को लेकर बहुत श्रद्धा है। यहां उन्होंने मंदिर के लिए 6 करोड़ की राशि और एक गाड़ी दान की थी।
पहले भी चुनावी समर में उतरता रहा है चौ. देवीलाल घराना
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में इसी साल दिसंबर में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसको लेकर जननायक जनता पार्टी भी सक्रिय है। जयपुर में इनसो का स्थापना दिवस मनाया गया था तो राजस्थान छात्र संघ के चुनावों में भी इनसो ने बढ़चढ़ कर शिरकत की थी। राजस्थान में एक विश्वविद्यालय के अलावा कई कॉलेजों के छात्र संघ के अध्यक्ष इनसो से हैं। अब अपने परदादा चौधरी देवीलाल, दादा ओमप्रकाश चौटाला और पिता डा. अजय ङ्क्षसह चौटाला की राह पर चलते हुए दुष्यंत चौटाला व दिग्विजय चौटाला राजस्थान में सियासी जमीन संवारने निकले हैं। इनसो के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके दिग्विजय चौटाला इस समय जननायक जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं।
पिछले साल दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में इनसो के 20वें स्थापना दिवस पर राजस्थान की राजधानी गुलाबी नगरी जयपुर में रणघोष कार्यक्रम किया गया था। जजपा की निगाहें राजस्थान में इस साल दिसंबर में होने वाले विधानसभा के चुनाव पर लगी हैं। राजस्थान से चौधरी देवीलाल परिवार का नाता पुराना रहा है। साल 1989 में चौधरी देवीलाल हरियाणा की राजनीति के साथ-साथ केंद्र की राजनीति में बड़े किरदार के रूप में उभरकर सामने आए। 1989 में हरियाणा के रोहतक और पंजाब के फिरोजपुर के अलावा देवीलाल ने राजस्थान के सीकर से लोकसभा का चुनाव लड़ा। चौधरी देवीलाल ने 3 लाख 75 हजार वोट लेते हुए कांग्रेस के उम्मीदवार बलराम जाखड़ को करीब 46 हजार वोटों के अंतर से पराजित किया। साल 1989 में चौधरी देवीलाल देश के उपप्रधानमंत्री बन गए। 1990 में हुए राजस्थान के विधानसभा के चुनाव में ताऊ देवीलाल ने अपने बड़े पौते अजय चौटाला को दांतारामगढ़ सीट से चुनावी मैदान में उतारा।
अजय ङ्क्षसह चौटाला ने करीब 42 हजार वोट लेते हुए कांग्रेस के नारायण को 6100 वोटों के अंतर से हराया। उस समय कई बड़े नेताओं के बेटे और पारिवारिक सदस्य राजस्थान में चुनाव हार गए थे। देवीलाल ने 1990 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में जनता दल के 146 उम्मीदवार मैदान में उतारे और इनमें से 6 पर जीत दर्ज की। इसके बाद 1993 में अजय ङ्क्षसह चौटाला दूसरी बार राजस्थान की नोहर सीट से विधायक चुने गए। इस बार अजय चौटाला ने 45 हजार वोट हासिल करते हुए कांग्रेस के भीमराज को करीब 6400 वोटों के अंतर से पराजित किया। वहीं साल 1999 से लेकर फरवरी 2005 तक हरियाणा में इनेलो की सरकार रही। इसी बीच 2003 में राजस्थान में विधानसभा के चुनाव हुए। इन चुनावों में चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने 50 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनेलो ने हिंडौन, नोहर, डीग और भरतपुर सीट से जीत दर्ज की थी।
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