हरियाणा की राजनीति में अहीरवाल बेल्ट का अहम रोल, इनके वोट बैंक पर सभी की निगाहें

punjabkesari.in Friday, Oct 20, 2023 - 02:51 PM (IST)

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरनी): हरियाणा विधानसभा चुनाव सिर पर है। अगले साल चुनाव की रणभेरी बजने वाली है। इसके साथ ही राजनीति कई करवटें लेने लगेगी। ऐसे में हरियाणा के अहीरवाल क्षेत्र की चर्चा होना लाजिमी है। हरित प्रदेश में अहीरवाल पट्टी को सत्ता के करीब पहुंचाने अहम भूमिका में मानी जाती रही है। अहीरवाल साहसी लोगों के लिए पहचान रखता है, जो आदिकाल से अपनी बहादुरी व देशभक्ति के लिए प्रसिद्ध है।

यह कोई अचंभे की बात नहीं कि इस क्षेत्र में सियासी परिवारों का भी अपना समूह है, जिनका जिक्र प्रदेश के तीन लाल राजवंशों- पूर्व मुख्यमंत्री बंसीलाल, चौ. देवीलाल व भजन लाल से कमतर नहीं कहा जा सकता। अहीरवाल के तीन परिवारों की तीसरी पीढ़ी महेंद्रगढ़, रेवाड़ी व गुरुग्राम जिलों वाले इस क्षेत्र में अपनी वंशवादी विरासत को आगे बढ़ा रही है। इनमें से एक परिवार का कुल राव तुलाराम से जुड़ा है, जो हरियाणा की राजनीति में अहम किरदार हैं। वे राव तुलाराम जिन्होंने भारत के 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया।

केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री राव बीरेंद्र सिंह के बेटे हैं। इसके साथ ही वे रेवाड़ी के रामपुरा हाउस के प्रमुख सदस्य भी हैं। गुरुग्राम सांसद के दो भाई हैं, जिनका नाम राव अजीत सिंह व यादवेंद्र सिंह है। राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव जहां हरियाणा में बीजेपी की स्टेट एग्जीक्यूटिव की सदस्य हैं, वहीं अजीत सिंह के बेटे राव अर्जुन सिंह अब कांग्रेस पार्टी में हैं।

केंद्रीय सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन राज्यमंत्री राव इंद्रजीत नूंह में कबीलाई हिंसा को लेकर मनोहर खट्टर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार से कटु प्रश्न उठाने के लिए चर्चा में हैं। राव अभय सिंह के बेटे कैप्टन अजय यादव रेवाड़ी से छह बार विधायक रहे। उनके पिता ने 1952 में रेवाड़ी से राव बीरेंद्र सिंह को हराया था। अजय सिंह के बेटे चिरंजीव राव ने 2019 में अपने पहले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में रेवाड़ी से जीत दर्ज की।

इस क्षेत्र का तीसरा उल्लेखनीय परिवार राव मोहर सिंह द्वारा स्थापित बूढ़पुर हाउस है। मोहर सिंह को गुरुग्राम में विभाजन से पहले प्रथम सहकारी बैंक खोलने का श्रेय जाता है। उनके पुत्र राव महावीर सिंह व राव विजयवीर सिंह विधायक बने। महावीर सिंह के बेटे राव नरबीर सिंह तीन बार के विधायक रहे, उन्होंने 2014 में बीजेपी उम्मीदवार के रूप में बादशाहपुर से अपनी आखिरी जीत दर्ज की थी। नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के उपरांत एक बार फिर अहीरवाल की ओर निगाहें जाती हैं। नूंह की हिंसा को लेकर अहीरवाल यानी रेवाड़ी, मेवात, गुरूग्राम की धरती पर क्या प्रतिक्रिया है। यह प्रतिक्रिया चुनाव में किस तरह परिणामों का रुख मोड़ेगी। भगवान श्रीकृष्ण के वंशज कहे जाने वाले अहीर समुदाय में गीता सिद्धांतों वाली हरियाणा की धरती पर चुनाव में क्या रुख दिखेगा, यह आने वाले परिणाम बताएंगे। 

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Content Writer

Saurabh Pal

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