पूरण कुमार आत्महत्या मामले में गवाह सुशील को जेल में धमकी मिलने के आरोप खारिज, जांच में हुआ ये खुलासा...
punjabkesari.in Thursday, Nov 20, 2025 - 10:11 AM (IST)
चंडीगढ़: हरियाणा के जेल विभाग ने शराब ठेकेदार से जबरन वसूली के आरोपी और दिवंगत आईपीएस वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में गवाह एएसआई सुशील कुमार को बैरक के अंदर धमकी देने के आरोपों को खारिज कर दिया है।
जेल विभाग के मुताबिक एएसआई सुशील कुमार को बैरक के अंदर धमकी नहीं दी गई। बैरक में आठ से नौ कैदी थे। जांच में पता चला है कि टीवी की आवाज बढ़ाने को लेकर कैदियों में बहस हुई थी। धमकी की बात सामने नहीं आई। जेल विभाग ने इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है।
इसी महीने की शुरुआत में सुशील की पत्नी सोनी देवी ने आरोप लगाया था कि रोहतक की सुनारिया जेल में सुशील को धमकी दी जा रही है। उनकी जान को खतरा है और उनके साथ कुछ भी हो सकता था। उन्होंने दावा किया कि उनके पति एक साधारण जेल कैदी नहीं हैं बल्कि वाई पूरण कुमार आत्महत्या मामले में मुख्यगवाह हैं। केवल वही साबित कर सकते हैं कि रोहतक में दर्ज जबरन वसूली की एफआईआर झूठी, मनगढ़ंत और एक साजिश का हिस्सा है।
यह है मामला
दिवंगत आईपीएस वाई पूरण कुमार के स्टाफ में शामिल एएसआई सुशील कुमार को रोहतक के अर्बन एस्टेट पुलिस स्टेशन में छह अक्तूबर को जबरन वसूली की एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया गया था। आरोप था कि वह एक शराब ठेकेदार से 2.5 लाख रुपये प्रति माह की मांग कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी के अगले ही दिन आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार ने चंडीगढ़ स्थित आवास पर आत्महत्या कर ली।
जेल विभाग ने इन आरोपों को गंभीरता से लिया और सुशील कुमार को रोहतक से अंबाला जेल में स्थानांतरित कर दिया। इसके साथ ही जेल विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश भी दिए। जांच में शामिल एक अधिकारी के मुताबिक बैरक के सभी कैदियों से इस बारे में पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए गए हैं।
बयानों को जांचने के बाद सुशील व उनकी पत्नी के आरोपों को खारिज कर दिया गया है। जेल विभाग के महानिदेशक आलोक राय ने बताया कि जांच में कोई तथ्य नहीं मिला। ब्यूरो