पशु चिकित्सकों की लापरवाही के खिलाफ धरने पर बैठे गौरक्षकों का फूटा गुस्सा, दी ये चेतावनी

punjabkesari.in Tuesday, Sep 20, 2022 - 05:10 PM (IST)

भिवानी (अशोक भारद्वाज) : पशु चिकित्सकों घायल गाय व अन्य जानवरों का इलाज करने से मना करने का आरोप लगाकर तथा पशु चिकित्सकों की लापरवाह कार्यप्रणाली के खिलाफ सात दिनों से धरने पर बैठे गौरक्षकों का गुस्सा फूट गया। उन्होंने लंपी बीमारी व समय पर उपचार न मिलने के कारण मरे गौवंश के शव को लेकर शहर में प्रदर्शन करते हुए पशुपालन मंत्री जेपी दलाल के आवास का घेराव किया। इस दौरान भारी पुलिस बल भी तैनात रहा, जिन्होंने बैरिकेट लगाकर गुस्साए गौरक्षकों के हुजूम को रोका। 

इस दौरान गौरक्षकों ने पशुपालन मंत्री के आवास के बाहर ही मृत गौवंश को लेकर धरना दिया तथा सरकार व पशुपालन विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गौरक्षकों ने चेतावनी दी कि जब तक अपनी ड्यूटी के प्रति लापरवाही बरतने वाले पशु चिकित्सक डॉ. प्रवीण, डॉ. सुभाष एवं डॉ. दिनेश एवं इनका साथ देेने वाले विभाग के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. सुखदेव राठी को सस्पेंड नहीं किया जाता तब तक उनका संघर्ष यू रही जारी रहेगा। इसके बाद गौरक्षकों ने भिवानी-महेंद्रगढ़ से सांसद चौ. धर्मबीर सिंह को ज्ञापन सौंपा। 

वहीं इस मौके पर गौरक्षा दल के प्रधान संजय परमार एवं गौरक्षक मोनू तालु व वरूण बजरंगी ने कहा कि गाय के नाम पर राजनीति करने वाली भाजपा सरकार को आज गाय की नहीं, बल्कि चीतों की चिंता है। उन्होंने कहा कि गौरक्षकों के कारण ही प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है तथा आज भाजपा सरकार ही उनकी मांगों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग के चिकित्सक आज अपनी ड्यूटी को नजरअंदाज करते हुए घायल गाय व अन्य जानवरों का इलाज करने से मना करते है तथा उल्ट गौरक्षकों पर ही अनाप-शनाप आरोप लगाते है। इस दौरान उन्होंने दुखी मन से कहा कि यदि सरकार व विभाग गौवंश की सुरक्षा नहीं कर सकती तो चीतों को हिरण की बजाए सड़कों पर घूमती गाय ही खिला दे। फिर ना गाय रहेगी और ना ही गाय के पालन की समस्या रहेगी।

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Content Writer

Manisha rana

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