शहर में कुत्तों  का उत्पात, रोज 30-40 लोग लगवाने आ रहे एंटी रैबीज वैक्सीन

punjabkesari.in Tuesday, Feb 25, 2020 - 01:20 PM (IST)

हिसार (स्वामी): शहर और आस-पास के एरिया में इन दिनों कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। सिविल अस्पताल में रोज औसतन 30 से 40 लोग एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं। सरकारी अस्पताल में 100 रुपए की रसीद कटवाने पर वैक्सीन लगाई जाती है। जबकि इस वैक्सीन के बाहर 350 रुपए वसूले जाते हैं।

शहर में इन दिनों आवारा कुत्तों की दहशत है। वे शहर के साथ-साथ आस-पास के ग्रामीण आंचल में भी सक्रिय हैं। बंदरों या आवारा कुत्तों के काटने की वजह से सिविल अस्पताल में रोज 30-40 व्यक्ति या बच्चे एंटी रैबीज वैक्सीन लगवाने आ रहे हैं। प्रशासन या नगर निगम प्रबंधन एकाएक बढ़ रही कुत्तों की जनसंख्या पर रोकथाम लगाने में असफल साबित हो रहे हैं। 
 

शहर के विजय नगर, ज्योतिपुरा मोहल्ला, मिलगेट और आजाद नगर में आवारा कुत्तों द्वारा काटे ज्यादा लोग अस्पताल में आ रहे हैं। विजय नगर में 8वीं कक्षा में पढऩे वाले बच्चे जतिन को कुत्ते ने काट खाया। कुत्ता काटने पर मरीज को अलग-अलग दिन 3 वैक्सीन लगवानी पड़ती हैं। वैक्सीन लगवाने पर कुत्ता काट खाने पर मानव में रैबीज नहीं फैलता।

सिरे नहीं चढ़ा एनिमल बर्थ  कंट्रोल प्रोजैक्ट
इंटरनैशनल ह्यूमन सोसायटी ने रेंज में साल 2015 में एनिमल बर्थ कंट्रोल प्रोजैक्ट शुरू किया था। इसका टारगेट मार्च 2017 में पूरा होना था। करार के मुताबिक रेंज के 5 जिलों में करीब 2 लाख कुत्तों का बधियाकरण करना था और हिसार व फतेहाबाद जिलों में ऐसे कुत्तों की संख्या करीब 60 हजार थी लेकिन सरकार से ग्रांट न मिलने की वजह से सोसायटी ने जून 2016 में काम बंद कर सामान पैक कर लिया था। सोसायटी में 93 सदस्य थे, जिनमें डाक्टर से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तक शामिल थे। उस प्रोजैक्ट पर हर महीने 45 लाख रुपए का खर्च आता था। प्रशासन ने उस प्रोजैक्ट को दोबारा शुरू करना उचित नहीं समझा और उसे शुरू करवाने की दिशा में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजा यह है कि आवारा कुत्तों की संख्या और आतंक बढ़ते जा रहे हैं।


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Isha

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