Artificial Flowers ने बदल दी महिलाओं की किस्मत, 5000 रुपये से शुरू किया बिजनेस, आज कमा रही लाखों रुपए

punjabkesari.in Friday, Nov 07, 2025 - 11:11 AM (IST)

कुरुक्षेत्र (रणदीप) : हरियाणा में ग्रामीण परिवेश की महिलाओं का हुनर अब सामने आ रहा है और महिलाओं के द्वारा अब अपना स्टार्टअप शुरू करके अच्छा पैसा कमा रही है और दूसरी महिलाओं और लोगों के लिए प्रेरणा बन रही है। महिलाओं के स्टार्टअप शुरू करने में सबसे बड़ा योगदान स्वय सहायता ग्रुप का रहता है। यह सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त एक संगठन होता है जिसमें कई महिलाएं मिलकर एक ग्रुप बनाती है और फिर वह किसी भी स्टार्टअप को शुरू करती हैं जिसमें सरकार उनकी आर्थिक तौर पर मदद करते हैं और जिससे वह काम शुरू करके लाखों रुपए कमाती हैं। ऐसे ही कहानी हम आज आपको बता रहे हैं जहां कुरुक्षेत्र के सुरा गांव की महिलाओं ने आर्टिफिशियल फ्लावर बनाने का काम शुरू किया अब वह लाखों रुपए कमा रही है। और अपने हुनर से बनाए गए सुंदर-सुंदर फ्लावर लोगों के घरों की शोभा बढ़ा रहे हैं।

छोटे स्तर से आर्टिफिशियल फ्लावर बनाने का काम किया शुरू

संजू ने बताया कि उसकी मां ने 10 महिलाओं के साथ मिलकर स्वयं सहायता समूह ग्रुप बनाया था। इसके बाद उन्होंने मार्च 2020 में आर्टिफिशियल फ्लावर बनाने का काम शुरू किया। उन्होंने कहा कि हमने यह काम छोटे से स्तर से शुरू किया था लेकिन अभी यह काफी बड़ा हो गया है करीब 10 महिलाएं मिलकर इस ग्रुप को चला रही हैं जो इसे अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। उन्होंने कहा कि फ्लावर बनाने का काम महिलाएं करती है वह भी उसमें थोड़ी सहायता कर देते हैं बाहर बेचने का काम वह खुद करते हैं कि महिलाएं अपने घर के काम के साथ-साथ फ्लावर बनाने में ज्यादा व्यस्त रहती है इसलिए बाहर से खरीदारी करने का और बेचने का काम संजू खुद करती हैं। उन्होंने कहा कि वह करीब 50 से ज्यादा अलग-अलग प्रकार के फ्लावर बनाते हैं जो सजावट के लिए काम आते हैं लोग इनको खरीद कर अपने घरों में ले जाते हैं जिसे उनके घरों की शोभा बढ़ती है।

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5000 पर लगाकर काम रहे 15 लाख रुपए सालाना 

संजू ने बताया कि जब 2020 से उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी तब उन्होंने पहली बार 5000 रुपए आर्टिफिशियल फ्लावर बनाने के लिए इन्वेस्ट किए थे। लेकिन उनके द्वारा तैयार किए गए फ्लावर लोगों को काफी पसंद आने लगे जिसके चलते उनकी डिमांड बढ़ गई अब वह साल में करीब 15 लाख रुपए का टर्नओवर ले रहे हैं जिससे वह काफी खुश है।

सरकार द्वारा आयोजित प्रत्येक मेले में जाते हैं स्टॉल लगाने 

उन्होंने कहा कि उन्होंने अपना ग्रुप स्वयं सहायता ग्रुप के द्वारा रजिस्टर करवाया हुआ है। इसमें उनका यह फायदा होता है कि हरियाणा सरकार के द्वारा जितने भी मेले के  कार्यक्रम प्रदेश में आयोजित किए जाते हैं वहां पर सरकार के द्वारा उनको निमंत्रण भेजा जाता है जिसमें उनका फ्री में स्टॉल दी जाती है। वहां जाकर वह अपने आर्टिफिशियल फ्लावर भेजते हैं और अपनी कमाई करते हैं। उन्होंने कहा कि हरियाणा में गीता जयंती , फरीदाबाद सूर्यकुंड मेला, कपाल मोचन मेला यमुनानगर सहित जितने भी हरियाणा में मेले आयोजित किए जाते हैं सभी में वह स्टॉल लगते हैं और लोगों के द्वारा उनके फ्लावर काफी पसंद किए जाते हैं।

₹25 से लेकर ₹1500 तक के बनाते हैं फ्लावर 

संजू ने बताया कि  वह ₹25 से लेकर ₹1500 तक के फ्लावर तैयार करते हैं यह सभी फ्लावर महिलाओं के द्वारा तैयार किए जाते हैं जो गांव की ही रहने वाली है उन्होंने कहा कि अगर कोई फ्लावर के डिमांड करता है उसे आधार पर फ्लावर को छोटा या बड़ा भी बनाया जा सकता है लेकिन वह सिर्फ ऑर्डर के आधार पर ही बनाया जाता है।

खुद का कच्चा माल करते हैं तैयार , कुछ खरीदा जाता हैं दिल्ली से 

उन्होंने कहा कि ज्यादातर घर पर ही कच्चा माल तैयार करते हैं जिनसे वह फ्लावर बनाते हैं। फ्लावर बनाने के लिए जो प्रोडक्ट आते हैं उनको वह दिल्ली से खरीद कर लाते हैं वह अलग-अलग पार्ट में होते हैं और महिलाएं उनका घर पर अलग-अलग पार्ट को जोड़कर फ्लावर बनती है। हालांकि उनके सामने एक चुनौती भी रहती है कि किस प्रकार से लोगों को आकर्षित करने वाला फ्लावर बनाया जाए लेकिन महिलाएं कढ़ाई सिलाई में पहले ही काफी अच्छा काम करती है जिसके चलते वह अपनी समझ से आर्टिफिशियल फ्लावर को एक नया रूप देकर लोगों के लिए फ्लावर के प्रति आकर्षण करने का काम महिलाएं अपने हुनर से करती है। 

उनके साथ 10 महिलाओं को भी मिला रोजगार 

आर्टिफिशियल फ्लावर बनाने का काम करने वाली महिला रेखा ने बताया कि वह भी उनके साथ ग्रुप में जुड़ी हुई है जिसके चलते वह भी फ्लावर बनाने का काम करती है घर में अपना काम खत्म करने के बाद जितना भी समय बचता है वह उसमें फ्लावर बनाने का काम करती है जिससे उनके अच्छी आमदनी हो जाती है। 

500 से 1000 रुपए लिए कमाती हैं महिलाएं

कविता और बिना ने बताया कि महिलाओं को लिए उनके घर के पास ही रोजगार मिला हुआ है। वरना उनको कहीं बाहर काम करने के लिए जाना पड़ता जिसे उनके घर का काम भी रह जाता लेकिन यहां पर वह अपने पूरे घर का काम खत्म करके आती है और अपने खाली समय के आधार पर वह एक दिन में 500 से 1000 रुपए फ्लावर बनाकर कमा लेती हैं।इससे एक महिला एक महीने में 10 से 15000 रुपए आसानी से कमा लेती है। 

यह सिर्फ एक महिला के द्वारा ग्रुप शुरू किया गया था लेकिन अब अकेली महिला के द्वारा 10 अन्य महिलाओं को रोजगार दिया हुआ है जिनको कहीं घर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती घर के पास ही हो उनको परमानेंट काम मिला हुआ है। इतना ही नहीं छोटे बच्चे को अपने गोद में लेकर भी कुछ महिलाएं यहां पर काम करते हुए दिखाई दी है ऐसे में उनके बच्चे का भी वह ख्याल रख रही है और काम करके अपनी मेहनत से पैसे भी कमा रही है। यह इन महिलाओं का हुनर ही है जिसे वह कच्चे माल से आर्टिफिशियल फ्लावर को अलग-अलग रूप देकर काफी सुंदर फ्लावर बनाती है।

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Content Writer

Manisha rana

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