बाबा रामदेव की आपत्तिजनक टिप्पणी से ब्राह्मण समाज में रोष

punjabkesari.in Thursday, Feb 07, 2019 - 10:35 AM (IST)

कैथल(महीपाल/ मित्तल): ब्राह्मण समाज पर बाबा रामदेव द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर ब्राह्मण समाज में गहरा रोष है। इस टिप्पणी को लेकर नगर के विभिन्न ब्राह्मïण समाज के संगठनों ने रोष जताया है। इन संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि बाबा रामदेव द्वारा ब्राह्मïण समाज को लेकर जो टिप्पणी की गई है,वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज का प्रतिष्ठित वर्ग है और समय-समय पर ब्राह्मïण समाज मार्गदर्शन करता आया है। उन्होंने कहा कि बाबा रामदेव जैसे संतों को किसी भी समाज के विरुद्ध इस प्रकार की टिप्पणी करना शोभा नहीं देता। बाबा रामदेव को अपनी टिप्पणी के लिए ब्राह्मïण समाज से माफी मांगनी चाहिए और खेद प्रकट करना चाहिए। वहीं बाबा के अनुयायियों का कहना है कि बाबा रामदेव ने योग के माध्यम से देश का नाम विश्व भर में ऊंचा किया है। बाबा रामदेव जैसे संतों का काम समाज को जोडऩा है,तोडऩा नहीं। 

बाबा रामदेव द्वारा की गई टिप्पणी गलत 
जिला सर्व ब्राह्मण सभा एवं धर्मशाला सीवन गेट के प्रधान रामपाल शर्मा सिरटा ने कहा कि जिस व्यक्ति के नाम के आगे स्वामी लगा हो,ऐसे व्यक्तियों को समाज को जोडऩे के लिए काम करना चाहिए। ब्राह्मण समाज पर बाबा रामदेव द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणी सामाजिक व धार्मिक दोनों तरीकों से गलत है। इसके लिए बाबा रामदेव को ब्राह्मण समाज से माफी मांगनी चाहिए। 

समाज में ब्राह्मण समाज का ऊंचा दर्जा 
ब्रह्म कल्याण समिति के प्रधान रत्न लाल शर्मा ने कहा कि समाज में ब्राह्मïण समाज का ऊंचा दर्जा है। ज्ञान व पराक्रम में ब्राह्मïण समाज की अपनी अलग पहचान है,लेकिन बाबा रामदेव ने इन सब बातों को नजर अंदाज कर आपत्तिजनक टिप्पणी कर ब्राह्मïण समाज के मान-सम्मान को ठेस पहुंचाने का काम किया है,जिसे ब्राह्मण समाज सहन नहीं करेगा।

बाबा रामदेव ने ब्राह्मण समाज का अपमान किया
युवा ब्राह्मण नेता राजू डोहर ने कहा कि बाबा रामदेव ने ब्राह्मïण समाज के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी करके समाज का अपमान किया है,जिसे समाज सहन नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि धर्म के अनुसार ब्राह्मण का ऊंचा दर्जा है। बाबा रामदेव एक संत हैं और संत को ऐसी आपत्तिजनक टिप्पणी करना शोभा नहीं देता। 
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Deepak Paul

Recommended News

Related News

static