बरोदा विधानसभा उपचुनाव: किसकी जीत और किसकी हार फैसला 'करेगा' मंगलवार

punjabkesari.in Tuesday, Nov 03, 2020 - 06:54 AM (IST)

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): बरोदा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में जहां सत्तारुढ़ भाजपा-जजपा की प्रतिष्ठा दांव पर हैं तो वहीं कांग्रेस और इनैलो ने भी इस चुनाव को अपनी 'साख’ से जोड़ रखा है। आज बरोदा के मतदाता अपने हलके का नया विधायक चुनने के लिए ई.वी.एम. का बटन दबाएंगे। लेकिन बरोदा उपचुनाव की इस सियासी पिच पर नेताओं ने अपनी ओर से हर प्रकार की बैटिंग कर शानदार शॉट्स भले ही मार दिए हों मगर यहां के मतदाताओं की 'गुगली’ किसे बोल्ड करती है इसका फैसला भी आने वाले दिनों में नतीजे के रूप में सामने आ जाएगा? 

मगर इस चुनाव में एक खास पहलू ये है कि मंगलवार को होने वाले मतदान के बाद चुनावी नतीजा भी दस नवम्बर यानी मंगलवार को ही आएगा। ऐसे में देखने ये होगा कि ये मंगलवार किसके लिए मंगलकारी साबित होगा। राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो बरोदा विधानसभा उपचुनाव काफी दिलचस्पी लिए है क्योंकि जाट बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र में नेता तो मुखर होकर एक दूसरे पर वाकबाण छोड़ते नजर आए हैं, मगर मतदाताओं केएक बड़े वर्ग की चुप्पी ने सभी के दिलों की न केवल धड़कनों को बढ़ाया हुआ है बल्कि चुनावी गणित की भी तस्वीर साफ तौर पर फिलहाल नजर नहीं आ रही है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि यदि जातीय आधार पर वोटों का धु्रवीकरण हुआ तो नतीजे भी आश्चर्यजनक हो सकते हैं, लेकिन इसमें कोई दोराय नहीं है कि बरोदा के मतदाता का 'फैसला’ मंगलवार को ही होगा।

मंगलवार के बाद मंगलवार का ही इंतजार
गौरतलब है कि सोनीपत संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बरोदा विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव 3 नवम्बर मंगलवार को होगा और इस चुनाव का परिणाम 10 नवम्बर मंगलवार को ही आएगा। प्रदेश के सियासतदानों और बरोदा के मतदाताओं के साथ साथ राजनीतिक समझ रखने वाले लोग पूरे एक हफ्ते तक आने वाले मंगलवार का ही बड़ी बेसब्री से इंतजार करेंगे क्योंकि मंगलवार मतदान के बाद परिणाम भी एक हफ्ते बाद मंगलवार को घोषित किया जाएगा। 

हालांकि चुनावी दंगल में उतरे सभी महारथियों एवं राजनेताओं को मंगल होने की उम्मीद है लेकिन किसकी उम्मीद को बल मिलेगा आने वाला मंगलवार ही तय करेगा। वहीं दूसरी ओर मतदान और मतगणना के बीच एक सप्ताह का यह समय सभी उम्मीदवारों के साथ-साथ विभिन्न पार्टियों के सियासी दिग्गजों के लिए बेचैनी भरा ही रहेगा। इस सप्ताह के दौरान जहां नेताओं के साथ साथ सियासी पर्यवेक्षक व आम लोग चुनावी नतीजों को लेकर अपना अपना गणित बुझाते नजर आएंगे तो वहीं चुनाव में गहरी दिलचस्पी रखने वाली सट्टा मार्कीट के भाव भी मतदान से मतगणना तक ऊपर नीचे आ सकते हैं।

मतदान प्रतिशत से साफ हो सकती है तस्वीर
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि वर्ष 2020 में बरोदा विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव में मतदान प्रतिशत पहले की बनिस्बत अधिक हो सकता है। इसके पीछे एक कारण जहां सत्तारुढ़ दल भाजपा-जजपा गठबंधन के तहत चुनावी दंगल में है तो वहीं कांग्रेस और इनैलो सहित अन्य राजनीतिक दलों ने भी पूरे दमखम के साथ चौधर और मध्यावधि चुनाव को केंद्रीत कर चुनाव प्रचार किया है और बरोदा विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं की भी इस उपचुनाव में गहरी दिलचस्पी देखी गई है। ऐसे में मतदान प्रतिशत बढऩे की पूरी संभावना है। पर्यवेक्षकों के अनुसार यदि मतदान प्रतिशत अनुमान के लिहाज से काफी अधिक हुआ तो निश्चित रूप से जीत-हार की तस्वीर बनने बिगडऩे के अनुमान के साथ उम्मीदवारों की दिलों की धड़कनों को बढ़ा देगी क्योंकि उम्मीद से अधिक होने वाला मतदान कई बार सभी अंदाजों को पलट देता है।


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Shivam

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