DNA रिपोर्ट के आधार पर दोषी को मिली 20 साल की सजा, जानिए क्या है पूरा मामला
punjabkesari.in Tuesday, Oct 07, 2025 - 12:39 PM (IST)

अम्बाला: नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता केस के ट्रायल के दौरान बयानों से मुकर गई, लेकिन भ्रूण की डीएनए जांच में आरोपी युवक बच्चे का बॉयोलॉजिकल पिता निकला। पॉक्सो मामलों की स्पेशल कोर्ट ने युवक सचिन को दोषी ठहराते हुए 20 साल की सजा सुनाई है। साथ ही 20 हजार रुपए जुर्माना लगाया है। जुर्माने का भुगतान न करने पर 6 माह की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी।
करीब साढ़े 15 माह में फैसला सुनाया गया। हालांकि, कोर्ट पीड़िता के लिए मुआवजा अवॉर्ड नहीं किया है। फैसले से युवक सचिन ने अविवाहित
छात्रा के गर्भवती होने पर मां को बताया कि जिस वक्त छात्रा से दुष्कर्म हुआ वह करीब 17 साल की थी, जबकि दोषी युवक की उम्र 23 साल थी। नारायणगढ़ महिला थाना में 8 फरवरी 2024 को पीड़िता की मां के बयान पर केस दर्ज कराया था। मां ने कहा कि बेटी ने बताया था कि उसके साथ सचिन व उसके दोस्त ने गलत काम किया था।
होने, आपराधिक रिकॉर्ड न होने, माता पिता व परिवार की रोजी-रोटी का सहारा होने और इस मामले में काटी सजा का हवाला देकर कोर्ट से सजा में नरमी बरतने के लिए गुहार लगाई थी। वहीं, सरकारी वकील राजेश्वर कौशिक ने इस मामले में कोर्ट से अधिकतम सजा दिए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने बचाव पक्ष व अभियोजन पक्ष की
दलीलें सुनने के बाद 3 अक्टूबर को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने कहा कि दोषी ने पीड़िता को बार-बार यौन आघात पहुंचाया और वह गर्भवती हो गई और गर्भपात कराना पड़ा। ऐसे अपराध बढ़ रहे हैं तो समाज में सख्त संदेश दिया जाना जरूरी है। ऐसे अपराध की अधिकतम सजा के साथ कड़े शब्दों में भर्त्सना जरूरी है।