अगर आप भी कैंपरों का पानी पीते हैं तो हो जाएं सावधान, जांच में 11 वाटर प्लांट में से 7 के सैंपल आए फेल

punjabkesari.in Monday, Jul 10, 2023 - 02:51 PM (IST)

कैथल (जयपाल) : अगर आप भी ऑफिस या घरों में कैंपरों का पानी पीते हैं तो यह खबर देखना आपके लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि कैथल के जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के एक दर्जन के करीब वाटर प्लांट के पानी की जांच में सात वाटर प्लांट के सैंपल फेल आए हैं। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इन वाटर प्लांटो के पानी में मनुष्य के मल में पाए जाने वाला कोलीफार्म बैक्टीरिया मिला है जो आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक है जिसे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि इन कैंपरों का पानी पीना आपके लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।

बता दें कि कैथल जन स्वास्थ्य विभाग मंडल दो द्वारा जिले के सीवन, कलायत, चीका व राजौंद एरिया के कुल 11 आरओ वाटर प्लांट के सैंपल लेकर लिबर्टी में भेजा गया था जिसकी जांच में 11 प्लांट में से 7 के सैंपल फेल मिले हैं। सबसे बड़ी हैरानी यह है कि 5 आरओ वाटर प्लांट के पेजजल में कोलीफार्म बैक्टीरिया की बहुत ज्यादा मात्रा मिली है। 

विशेषज्ञ बताते हैं कि कोलीफार्म नामक बैक्टीरिया मनुष्यों के मल में मिलता है। इससे ही अंदाजा लगाया सकता है कि लोगों को पैसे देने के बाद भी गंदगी से भरा पानी मिल रहा हैं। पेयजल में जो बैक्टीरिया मिला है उसकी एक प्रतिशत मात्रा भी लोगों को बीमार कर देती है। जबकि इन आरओ प्लांट में कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 900 के पार भी मिली है। यानी कैंपरों व सीवरेज नाली के पानी में कोई ज्यादा अंतर नहीं है। विभाग द्वारा इससे पहले भी 7 वाटर प्लांट के सैंपल फेल मिले थे। जांच रिपोर्ट आने के 20 दिन बीत जाने के बाद भी जन स्वास्थ्य या फिर स्वास्थ्य विभाग किसी के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

डॉ. संदीप जैन ने बताया कि पानी में यदि बैक्टीरिया की मात्रा थोड़ी भी है तो वो पानी भी शरीर के लिए नुकसान दायक है। कोलीफार्म बैक्टीरिया गंभीर बीमारियों का इंडिकेटर है। इससे पीलिया, टाइफाइड, पेचिश समेत अन्य गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं। कोलीफार्म बैक्टीरिया मनुष्यों के मल में पाया जाता है। यह शरीर के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है। 

इन वाटर प्लांट में मिली ये खामी:

शिव शक्ति आरओ प्लांट चीका: इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा बहुत ही ज्यादा 980.4 मिली है। यानी इसका पानी नाली सीवरेज के पानी के स्तर का है। 
गुरु नानक आरओ चीका: इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 920.8 मिली है। यानी यह भी पानी गंदगी से भरा है। 
अरोड़ा वाटर प्लांट चीका: इसमें भी कॉलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 613.1 मिली है। इसका पानी भी गंदगी से भरा है। 
गणेश आरओ प्लांट सीवन: इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 240 मिली है। जो की बहुत ज्यादा हानिकारक है।   
लक्ष्मी आरओ चीका: इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 161.6 मिली है। यह पानी भी हानिकारक है। 
भारती आरओ प्लांट सीवन: इसमें कोलीफार्म बैक्टीरिया की मात्रा 93 मिली है। यह पानी पीने लायक नहीं है। 
जय बाबा मोहर नाथ कलायत: फ्लोराइड की मात्रा अधिक मिली है। इससे दांतों का पीलापन व हड्डियों की बीमारियां हो सकती हैं। 
ढुल आरओ प्लांट राजौंद: इसमें पीएच की मात्रा काफी कम मिली है। इसका पानी पीने लायक नहीं है। 
दक्ष प्रजापति आरओ प्लांट राजौंद: इसमें कोलीफार्म नामक हानिकारक बैक्टीरिया मिला है। जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है और साथ ही पीएच की मात्रा भी काफी कम मिली है। 

वहीं पूरा मामला डीसी जगदीश शर्मा के संज्ञान में है। इसके बाद भी किसी आरओ प्लांट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में राजनैतिक हस्तक्षेप होने के कारण प्रशासन भी कार्रवाई करने में ढील बरत रहा है। जबकि लोगों की सेहत से जुड़े इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

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Content Writer

Manisha rana

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