भूपेंद्र हुड्डा को फिर मिली हरियाणा कांग्रेस की कमान, राव नरेंद्र सिंह को बनाया अध्यक्ष

punjabkesari.in Monday, Sep 29, 2025 - 09:09 PM (IST)

हरियाणा डेस्क : विधानसभा चुनाव के एक साल बाद हरियाणा कांग्रेस को आखिरकार विधायक दल का नेता मिल ही गया। कांग्रेस हाईकमान ने विधायक दल के नेता के तौर पर फिर से भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम पर मोहर लगा दी है। कांग्रेस ने इसी के साथ प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए राव नरेंद्र सिंह पर सहमति दे दी है।

कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष केसी वेणूगोपाल ने राव नरेंद्र सिंह को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। इसके साथ ही, भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा कांग्रेस विधानमंडल दल का नेता (नेता प्रतिपक्ष) बनाया गया है। दोनों नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी। पार्टी ने इस मौके पर आउटगोइंग प्रदेश अध्यक्ष उदय भान के योगदान की सराहना की। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह जानकारी दी। 

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राव नरेंद्र सिंह का राजनैतिक इतिहास

हरियाणा की राजनीति में अहीरवाल क्षेत्र लंबे समय से यादव नेताओं के इर्द-गिर्द घूमती रही है। अब कांग्रेस ने राव नरेंद्र सिंह को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर इस बेल्ट में अपनी पकड़ मजबूत करने का संकेत दिया है। नारनौल और आसपास के महेंद्रगढ़ इलाके में उनकी जड़ें गहरी हैं। वे 2009 से 2014 तक नारणौल से विधायक रहे और हरियाणा सरकार में स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाल चुके हैं। हालांकि, 2024 के विधानसभा चुनाव में उन्हें भाजपा प्रत्याशी औमप्रकाश यादव से करीब 17,171 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

यादव-अहीर समुदाय में है अच्छा प्रभाव

राव परिवार कई दशकों से राजनीति में सक्रिय है और यादव-अहीर समुदाय में उनका अच्छा प्रभाव माना जाता है। कांग्रेस में उन्हें इस क्षेत्र का प्रमुख यादव चेहरा समझा जाता है। 2024 की हार के बावजूद पार्टी ने उन्हें टिकट देकर भरोसा जताया, जो इस बात का संकेत है कि वे अभी भी हाईकमान के विश्वासपात्र हैं।

राव बनाम राव

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दूसरी ओर, भाजपा के पास राव इंद्रजीत सिंह हैं, जो गुरुग्राम, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी बेल्ट में बड़ा असर रखते हैं। वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए और केंद्रीय मंत्री तक बने। यादव समुदाय में उनकी गहरी पकड़ है और दिल्ली-गुरुग्राम कॉरिडोर तक उनका राजनीतिक प्रभाव फैला हुआ है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अहीरवाल की सियासत हमेशा "राव बनाम राव" रही है। जहां राव नरेंद्र सिंह कांग्रेस संगठन को गांव-गांव तक मजबूत करने में जुटे हैं, वहीं राव इंद्रजीत राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित चेहरा हैं। आने वाले विधानसभा चुनावों में यह टकराव निर्णायक साबित हो सकता है, क्योंकि यादव वोट कांग्रेस और भाजपा की जीत-हार का संतुलन तय करेंगे।

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Content Writer

Yakeen Kumar

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